राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की शाखाएं 4 दिनों से बंद

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की शाखाएं 4 दिनों से बंद

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कार्मिक पिछले 4 दिनों से बैंक की दमनकारी नीतियां, स्टाफ पर दबाव डालकर गलत तरीकों से ग्राहक का बीमा करवाने, बैंक में जनता के हितों के विरुद्ध जाकर एसबीआई के कॉर्पोरेट ऑफिस के निर्देशों से ग्रामीण जनता को अपनी मूलभूत बैंकिंग सेवाएं देने के बजाय बीमा म्यूचल फंड जैसे प्रोडक्ट्स जबरदस्ती तथा बिना सहमति बेचने के विरुद्ध अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। बैंक की हड़ताल चौथे दिन भी उदयपुर जिले के आरएमजीबी की सभी शाखाओं में जारी रही।

 

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की शाखाएं 4 दिनों से बंद

उदयपुर। राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कार्मिक पिछले 4 दिनों से बैंक की दमनकारी नीतियां, स्टाफ पर दबाव डालकर गलत तरीकों से ग्राहक का बीमा करवाने, बैंक में जनता के हितों के विरुद्ध जाकर एसबीआई के कॉर्पोरेट ऑफिस के निर्देशों से ग्रामीण जनता को अपनी मूलभूत बैंकिंग सेवाएं देने के बजाय बीमा म्यूचल फंड जैसे प्रोडक्ट्स जबरदस्ती तथा बिना सहमति बेचने के विरुद्ध अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। बैंक की हड़ताल चौथे दिन भी उदयपुर जिले के आरएमजीबी की सभी शाखाओं में जारी रही।

रेती स्टैंड स्थित बैंक में राजस्थान ग्रामीण ऑफिसर्स ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष एसएस बालोत ने बताया कि बैंक के कार्मिकों ने काली पट्टी बांधकर प्रबंधन की दमनकारी नीतियों का विरोध किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण बैंक की स्थापना का मूल उद्देश्य निचले एवं मध्यम वर्ग के तबके को जमा एवं ऋण सुविधाएं देने तथा वर्तमान परिदृश्य में आसान एवं सस्ती निधि अंतरण की सुविधा देना है। इसके लिए मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर तथा उपयुक्त फर्नीचर कंप्यूटर प्रणाली, प्रिंटर, नवीनतम सॉफ्टवेयर तथा मानव संसाधन शाखाओं में नहीं है, तथा प्रबंधन यह मूलभूत सुविधाएं जुटाने के बजाय केवल बीमा कंपनी का सब एजेंट बनकर रह गया है।

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उदयपुर क्षेत्र में बैंक कर्मियों की हड़ताल की तरह ही बैंक के 14 जिलों में स्थित सभी शाखाओं में बैंकिंग कार्य पिछले 5 दिनों से बंद पड़ा है, तथा बैंक के लाखों किसान व छोटे व्यापारी इस त्योहारी सीजन में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है, जबकि बैंक का मैनेजमेंट अपनी हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है।

धरना स्थल पर आज बड़ी संख्या में बैंक कार्मिकों के साथ ही भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता भी उपस्थित हुए तथा चेतावनी दी कि यदि बैंक ने कार्मिको की मांगों का निस्तारण नहीं किया तो भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में राजस्थान के किसान भी किसानों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध मोर्चा खोल देंगे।

धरने को एसएस बालोत सहित अशोक पुरोहित, चंद्रगुप्त सिंह चौहान, केएम मीणा, सिद्धांत मिश्रा, आरएन व्यास, अनिल विजयवर्गीय, माधवी शाक्य, भवानी सिंह मीणा, नवीन कुमार,गणेश आचार्य, घनश्याम चौधरी, दिलीप सांखला, देवी सिंह मेड़तिया, मनीष मीणा, सुरेश मेनारिया, महेंद्र कटारिया, अभिषेक गुप्ता, अजय मेहरा और अशोक जैन ने संबोधित किया।

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