साढ़े 18 वर्ष में सीए तो बन गया लेकिन डिग्री के लिये करना पड़ेगा ढाई साल इन्तजार

साढ़े 18 वर्ष में सीए तो बन गया लेकिन डिग्री के लिये करना पड़ेगा ढाई साल इन्तजार

उदयपुर। ग्रामीण परिवेश से आ कर सरूपरिया-सोमानी एसोसिएट्स के यहाँ आर्टिकलशीप कर रहे सीधे-साधे युवक साढ़े 18 वर्षीय उमेश झंवर का कम उम्र में सीए बनने का सपना तो पूरा हो गया लेकिन यह खुशी उस समय फीकी पड़ गई जब उन्हें पता चला 1949 में बने आईसीएआई एक्ट के तहत उसे 21 वर्ष पूर्ण होने से पूर्व सीए की डिग्री नहीं मिल पायेगी।

 

साढ़े 18 वर्ष में सीए तो बन गया लेकिन डिग्री के लिये करना पड़ेगा ढाई साल इन्तजार

उदयपुर। ग्रामीण परिवेश से आ कर सरूपरिया-सोमानी एसोसिएट्स के यहाँ आर्टिकलशीप कर रहे सीधे-साधे युवक साढ़े 18 वर्षीय उमेश झंवर का कम उम्र में सीए बनने का सपना तो पूरा हो गया लेकिन यह खुशी उस समय फीकी पड़ गई जब उन्हें पता चला 1949 में बने आईसीएआई एक्ट के तहत उसे 21 वर्ष पूर्ण होने से पूर्व सीए की डिग्री नहीं मिल पायेगी।

बहुआयामी प्रतिभा के धनी भीण्डर तहसील के हीता गांव में जन्में उमेश झंवर ने मात्र साढ़े अठारह वर्ष में सीए बनकर देश में एक कीर्तिमान स्थापित कर उन विद्यार्थियों के लिये यह संदेश दिया कि सुख सुविधाओं में पलने वाला युवक के बजाय अभावों में जीवन जीने वाला युवक भी कुछ कर पाने में सक्षम होता है,बशर्ते उसका एक मात्र उद्देश्य लक्ष्य हासिल करना होना चाहिये। हीता गांव से उदयपुर आ कर अपने छोटे भाई के साथ खाना भी बनता और सरूपरिया-सोमानी एसोसिएट्स के यहाँ आर्टिकलशीप भी करता। उमेश ने बताया कि इस मुकाम पर पंहुचने के लिये दादा श्री बंशीलाल जी झंवर एवं माता-पिता के अलावा सरूपरिया-सोमानी एसोसिएट्स के सीए देवेन्द्र सोमानी का बहुत हाथ रहा।

इतना सबकुछ होने के बाद जब उमेश को मालूम चला 1949 में संसद में आईसीएआई की स्थापना पारीत किये गये कानून के तहत की गई थी। जिसमें आईसीएआई की सदस्यता के लिये 21 वर्ष की उम्र निर्धारित की गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने देश में युवाओं को प्रोत्साहित करने एवं मताधिकार का प्रयोग करने के लिये उम्र 21 वर्ष से घटाकर 18 करने का संविधान में संशोधन कर दिया था लेकिन अन्य सभी कानूनों सीए सीएस, आदि में आज भी वह उम्र 21 वर्ष की जारी है। जिस वजह से उमेश को डिग्री प्राप्त करने के लिये 2 वर्ष 5 माह का इन्तजार करना पड़ेगा। उमेश को 70 वर्ष पूर्व बनें उस कानून के नियम की पीड़ा लगभग ढाई वर्ष तक भोगनी पड़ेगी।

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यह सबसे खास बात रही की सरूपरिया-सोमानी एसोसिएट्स के यहाँ आर्टिकलशीप करने वालों में सबसे अधिक 41 वर्ष की उम्र में सीए बनने वाली रेखा सोमानी एवं सबसे कम उम्र में सीए बनने वाले उमेश झंवर ने आर्टिकलशीप की। उमेश बताते है कि वे निकट भविष्य में क्लेट की तैयारी कर टेक्सेशन में सुप्रीम कोर्ट में वकील बनने की ईच्छा है।

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