गीतांजली की वैज्ञानिक लेखन पर कार्यशाला

गीतांजली की वैज्ञानिक लेखन पर कार्यशाला

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर के मनोरोग चिकित्सा विभाग एवं इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी-राजस्थान चेप्टर (आईपीएस-राज.) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय ‘‘वैज्ञानिक लेखन और अनुसंधान पद्धति’’ विषयक सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यशाला कुम्भलगढ़ में आयोजित हुई। इस कार्यशाला का उद्घाटन वरिष्ठ मनोचकित्सक डाॅ. एआर गर्ग एवं सचिव आईपीएस-राज. डाॅ. विनोद दरिया ने कि

 

गीतांजली की वैज्ञानिक लेखन पर कार्यशाला

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर के मनोरोग चिकित्सा विभाग एवं इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी-राजस्थान चेप्टर (आईपीएस-राज.) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय ‘‘वैज्ञानिक लेखन और अनुसंधान पद्धति’’ विषयक सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यशाला कुम्भलगढ़ में आयोजित हुई। इस कार्यशाला का उद्घाटन वरिष्ठ मनोचकित्सक डाॅ. एआर गर्ग एवं सचिव आईपीएस-राज. डाॅ. विनोद दरिया ने किया।

कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. डीएम माथुर ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रभावी वैज्ञानिक लेखन के लिए रणनीति प्रदान करना और शोध पद्धति में स्नात्त्कोतर डाॅक्टरों एवं युवा संकाय सदस्यों की क्षमता को विकसित करने के साथ शोध पत्रों के प्रकाशन में सहयोग करना है। इस वैज्ञानिक कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों के स्नात्कोतर और संकाय सहित लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

आयोजन सचिव डाॅ. जितेन्द्र जीनगर ने बताया कि वैज्ञानिक लेखन कई चिकित्सा पेशेवरों के लिए अक्सर एक कठिन कार्य है। इसका प्रारूप विशिष्ट होता है जो मेडिकल के नवीन विद्यार्थियों के लिए अनुकरणीय नहीं होता। इस कार्यशाला द्वारा इस सम्बन्ध में क्षमता का निर्माण करना है। एम्स, नई दिल्ली के डाॅ. प्रो. राजेश सागर ने मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान की आवश्यकता और जैव चिकित्सा प्रकाशन प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश डाला। पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से डाॅ. प्रो. संदीप ग्रोवर ने चिकित्सकीय अनुसंधान से संबंधित नैतिक मुद्दों पर प्रकाश डाला एवं जोर दिया कि अनुसंधान केवल एक वैध सूचित सहमति से आयोजित होना चाहिए।

CLICK HERE to Download UdaipurTimes to your Android device

एम्स,जोधपुर के डाॅ. नरेश नेभिनानी ने मनोराग अनुसंधान कारकों पर प्रकाश डाला। गीतांजली के डाॅ. मनजिन्दर कौर, डाॅ. आशीष शर्मा, डाॅ. अरविन्द यादव, डाॅ. जितेन्द्र कुमार मीणा ने अनुसंधान पद्धति और संख्यिकीय विधियों की बारीकियों पर सक्रिय रूप से विचार-विमर्श किया। आरएनटी मेडिकल काॅलेज,उदयपुर की डाॅ. अपूर्वा अग्रवाल एवं एसएमस मेडिकल काॅलेज, जयपुर की डाॅ. ऋषिका अग्रवाल ने प्रतिभागियों को वैज्ञानिक पांडुलिपि प्रकाशन प्रक्रिया के लिए जागरूक किया।

कार्यशाला के समन्वयक डाॅ. मनु शर्मा ने वैज्ञानिक कागजात लिखने से जुड़ी शुरूआती चुनौतियों पर काबू पाने में चिकित्सा पेशेवरों की सहायता के लिए इस तरह की शैक्षिणिक गतिविधियों को आवश्यक बताया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal