अपनी छिपी हुई शक्ति को पहचानिये रेकी से: निकिता माटा
18 वर्ष की उम्र में ही एक जानेमाने अध्यात्मिक हीलिंग और ट्रेनिंग सेंटर की मैनेजिंग डायरेक्टर का पद प्राप्त करना निकिता माटा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी, 2007 से रेकी शक्ति को जन साधारण तक पहुचना निकिता के लिए चुनौती थी जिसने उसे न सिर्फ बखूभी निभाया बल्कि इसी वर्ष अपनी एम् बी […]
18 वर्ष की उम्र में ही एक जानेमाने अध्यात्मिक हीलिंग और ट्रेनिंग सेंटर की मैनेजिंग डायरेक्टर का पद प्राप्त करना निकिता माटा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी, 2007 से रेकी शक्ति को जन साधारण तक पहुचना निकिता के लिए चुनौती थी जिसने उसे न सिर्फ बखूभी निभाया बल्कि इसी वर्ष अपनी एम् बी ए की पढाई पूरी करने के साथ साथ अपना खुद का ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू कर दिया। आज वो जिस मुकाम पर है वो प्रत्येक व्यक्ति के लिय प्रेरणा का स्त्रोत है।
जानते है इनकी बाते इन्ही की जुबानी
रेकी क्या है ?
मनुष्य हमेशा से सुख,शांति,समृधि व आनन्द की अभिलाषा करता है, जीवन में इन्ही को पाने का सच्चा सरल व सात्विक मार्ग रेकी हमे दिखाती है, रेकी ब्रहाण्ड की ऐसी शक्ति है जो हर इन्सान में छिपी होती है, और वो खुद इनसे अनभिज्ञ होता है। रेकी की हमारी कार्यशाला में इसी शक्ति को जाग्रत किया है।
इस क्षेत्र में आप कब और कैसे आईं ?
2006 में एक सडक दुर्घटना में मुझे सर पर चोट लगी। उस समय मेरी रेकी मास्टर डॉ रेखा सोनी ने मुझे रेकी की। उनके हाथ रखते ही मेरा दर्द गायब हो गया। तब ऐसा लगा रेकी शक्ति एक जादू है,रेकी कुछ भी क्र सकती है, इसके अच्छे अनुभव के बाद रेकी सिखने की इच्छा जाग्रत हुई।
समाज में इसका क्या योगदान है?
समाज कई परिवारों से मिलकर बनता है और परिवारों के व्यक्तियों से। रेकी के जरिये व्यक्ति अपनी नकारात्मक सोच और भावनाओ से मुक्त होता है। इसी तरह एक व्यक्ति से परिवार व समाज सकारात्मक से प्रगतिशील होते है, इस तरह से रेकी का समाज में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है।
निकिता, रेकी मास्टर डॉ रेखा सोनी के साथ
आपकी सेवाए क्या-क्या हैं? हमारी रेकी स्पर्श चिकित्सा, रेकी दुरुस्थ उपचार चिकित्सा, मेग्नीफाईड़ हीलिंग, क्रिस्टल हीलिंग, टेरोट रीडिंग, नाड़ीशास्त्र, अंकशास्त्र,भावनाए मुक्ति तकनीक, अपनी छिपी शक्तियों को पहचानना, तनाव और क्रोध कार्पोरेट रेकी(स्कूल, कालेज, हास्पिटल, कम्पनी और सामाजिक संस्थाओ के लिए है)
आपकी भावी योजनायें क्या है?
बीमारी का मूल कर्ण हमारी शारीरिक नही बंकि मानसिक परेशानी होती है। हमारी नकारात्मक सोच एक बीमारी बन जाती है। में भविष्य में हर इन्सान को नकारात्मक सोच से मुक्त करवाना चाहती हु, जेसा की मेरे सेंटर का नाम है आरोग्य मतलब रोग खी भी नही न शारीरिक न मानसिक एक और उद्देश्य है, जैसे कार्पोरेट में भी लोग परेशानियों से घिरे रहते है, तो उनको भी मोटिवेशनल ट्रेनिग दू,जिससे की वह हमारा अभिन्न अंग बन जाए।
आप दुनिया को क्या संदेश देना चाहेंगी?
सब भाग रहे है, कोई पैसो के पीछे, कोई रिश्तो के पीछे, कोई करियर के पीछे, इस भागदौड़ में हम क्या है,यह सब भूल गए है सबसे यही कहना चाहुगी इस भाग दोड़ भरी जिन्दगी में वो है अपने अंदर छिपी शक्ति उसे पहचानो फिर आगे बढो।जिसे हम ढूंढ़ रहे है वह हमारे अंदर ही है।उसे जाग्रत करो।
आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देंगी?
अपनी सफलता का श्रेय में अपनी माता व बहन को दूंगी। उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढने के लिए प्रेरित किया व आर्थिक व मानसिक रूप से हमेशा सहायता की है।
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