उत्कृष्ट कार्य के लिए डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्ता को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

उत्कृष्ट कार्य के लिए डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्ता को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

उदयपुर, 25 मई 2019 राजस्थान के उदयपुर संभाग की डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्त

 

उत्कृष्ट कार्य के लिए डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्ता को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारउदयपुर, 25 मई 2019 राजस्थान के उदयपुर संभाग की डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्ता को नई दिल्ली में शुक्रवार को नीदरलेंड सरकार के राष्ट्रदूत मार्टिन वेन डेन बर्ग ने ठोस कचरा प्रबंधन एवं स्वच्छता कार्यक्रम को बेहतर ठंग से लागू करने के उल्लेखनीय कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

नीदरलैंड दूतावास “द रेजीडेंस“ में वेस्ट नीदरलैंड और फिनिश संस्था द्वारा आयोजित समारोह में सम्मान ग्रहण करने के बाद सभापति के.के.गुप्ता ने बताया कि नीदरलैंड सरकार ने स्वच्छता एवं ठोस कचरा प्रबंधन के उत्कृष्ट कार्य के लिये देश की एकमात्र डूंगरपुर निकाय को ही सम्मानित किया है, जो कि पूरे देश व प्रदेश के लिए गौरव का विषय हैं।

गुप्ता ने बताई डूंगरपुर की उपलब्धियां

उन्होंने बताया कि दक्षिणी राजस्थान के ऐतिहासिक डूंगरपुर नगर को वैश्विक पहचान दिलाने में कामयाब रही स्थानीय निकाय डूंगरपुर प्रदेश की 192 निकायों के लिये रोल मोडल बन चुकी है। गुप्ता ने बताया कि डूंगरपुर नगरपरिषद को स्वच्छता सर्वेक्षण में देशभर में सातवाँ, देश में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में तीसरा व सिटीजन फीडबैक में पहला स्थान हासिल करने के साथ ही राज्य की पहली ओडीएफ निकाय होने का गौरव प्राप्त हैं।

उत्कृष्ट कार्य के लिए डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्ता को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

उन्होंने बताया कि डूंगरपुर नगरपरिषद ने अपने नित नये नवाचारों से जहां स्वच्छता और पर्यटन क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अपनी अनूठी पहचान बनाई है, वहीं इसने अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने नवाचारों की बदौलत नया मुकाम हासिल किया है। शहर के विकास, सुंदरता, पर्यटन स्थलों और नवाचार से रूबरू होकर देश और प्रदेश के साथ ही विदेशी फॉउण्डेशन भी अभिभूत हो रहे है।

इस मौके पर नगरपरिषद के आयुक्त गणेश खराड़ ने बताया कि शहरी स्वच्छता का पूरे देश में उदाहरण प्रस्तुत कर चुकी डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति के.के.गुप्ता ने स्वच्छता को शहरी निकाय का पहला कार्य मानते हुए कल तक पिछड़ा शहर के रूप में जाना जाने वाले डूंगरपुर को आज स्वच्छता के नाम से देश दुनिया में नई पहचान दिलवाई है।

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उन्होंने बताया कि नीदरलैंड की सरकार ने अपने फाऊंडेशन द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन एवं सेपेटेज वेस्ट निस्तारण पर रिसर्चे करने के लिए पूरे अफ्रीका एवं एशिया में कुल सोलह शहरों को चुना गया था जिसमे देश के चार शहरों में डूंगरपुर का नाम भी शुमार था

नीदरलैंड सरकार ने डूंगरपुर निकाय के कचरा प्रबंधन और स्वच्छता के कार्यो से प्रभावित होकर डूंगरपुर को इस पुरस्कार के लिए चुना। आयुक्त ने बताया कि विश्व स्तर पर ख्यातनाम फॉउण्डेशन अमेरिका की बिल एन्ड मिलिंडा गेट्स फॉउण्डेशन के वेस्ट नीदरलैंड संस्था के सदस्य 7 जनवरी 2018 को जब डूंगरपुर आये थे तब यहाँ की स्वच्छता और कचरा प्रबंधन से इतने प्रभावित हुए थे। फाउंडेशन की सदस्य प्रिस्का तो डूंगरपुर की स्वच्छता से इतनी प्रभावित हुई थी कि उन्होंने डूंगरपुर को श्हेट्स ऑफ फॉर डूंगरपुरश् कहा । फाउंडेशन के सदस्य समय समय पर डूंगरपुर पर रिसर्च करते रहे और यहाँ के कामों से इतना प्रभावित हुए कि नीदरलैंड की सरकार डूंगरपुर को सम्मानित करने के लिए प्रस्ताव भेजा।

ये रहे मौजूद

समारोह में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार जिंदल, फिनिश संस्था के चैयरमेन कुलवंत सिंह, वेस्ट नीदरलैंड के डिप्टी मेनेजिंग डायरेक्टर वेलेंटिन पोस्ट व अन्य कई संस्थाओं के प्रतिनिधि मोजूद थे। समारोह में सभापति के.के. गुप्ता के साथ, डूंगरपुर नगरपरिषद के आयुक्त गणेश खराड़ी, सहायक अभियंता विकास लेघा एवं आईसी प्रभारी अमरीश पहाड़ भी उपस्थित रहें।

इस अवसर पर फिनश संस्था के चैयरमेन कुलवंत सिंह ने बताया कि संस्था ने “सेनिटेशन इन द सर्कुलर इकोनॉमी“ के लिए देश मे एक मिलियन टॉयलेट्स का निर्माण करवाने का लक्ष्य रखा हैं।

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