श्वेता दुबे केमिनो डी सेन्टियागों की धार्मिक यात्रा करने वाली देश की पहली महिला बनी

श्वेता दुबे केमिनो डी सेन्टियागों की धार्मिक यात्रा करने वाली देश की पहली महिला बनी

अपने धर्म की यात्रा तो सभी करते है लेकिन सर्व धर्म समभाव लिये जब अन्य धर्मो की धार्मिक यात्रा करने का एंव सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने का जो अनुभव काम आता है वह न केवल अपने जीवन के लिये यादगार बनता है वरन् दूसरों को भी प्ररेणा देता है। ऐसे ही कुछ भाव मन में लिये मादड़ी स्थित फ्यूजऩ बिजनेस सोल्यूशन कम्पनी की निदेशिका 32 वर्षीय श्वेता दुबे ने हाल ही में स्पेन की केमिनो डी सेन्टियागों नामक 800 किमी की धार्मिक पदयात्रा पूर्ण कर देश की प्रथम महिला होने का गौरव प्राप्त किया।

 

श्वेता दुबे केमिनो डी सेन्टियागों की धार्मिक यात्रा करने वाली देश की पहली महिला बनी

अपने धर्म की यात्रा तो सभी करते है लेकिन सर्व धर्म समभाव लिये जब अन्य धर्मो की धार्मिक यात्रा करने का एंव सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने का जो अनुभव काम आता है वह न केवल अपने जीवन के लिये यादगार बनता है वरन् दूसरों को भी प्ररेणा देता है। ऐसे ही कुछ भाव मन में लिये मादड़ी स्थित फ्यूजऩ बिजनेस सोल्यूशन कम्पनी की निदेशिका 32 वर्षीय श्वेता दुबे ने हाल ही में स्पेन की केमिनो डी सेन्टियागों नामक 800 किमी की धार्मिक पदयात्रा पूर्ण कर देश की प्रथम महिला होने का गौरव प्राप्त किया।

श्वेता दुबे केमिनो डी सेन्टियागों की धार्मिक यात्रा करने वाली देश की पहली महिला बनी

श्वेता दुबे ने बताया कि जिस प्रकार भारत में बद्रीनाथ-केदारनाथ जैसी धार्मिक यात्रा का बहुत महत्व है ठीक उसी प्रकार स्पेन में केमिनो डी सेन्टियागों नामक यात्रा का है। 13वी शताब्दी से स्पेन के सेन्ट जेम्स नामक व्यक्ति ने पहली बार यह यात्रा की थी जो अनवरत रूप से आज तक जारी है। इस यात्रा में वर्ष दर वर्ष यात्री बढ़़ते जाते है।

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एक माह तक चली यह पदयात्रा गत 1 जून को सेंट जिन पिक डी पोर्ट नामक शहर से प्रारम्भ की और 30 जून को सेन्ट डी यागो नामक शहर के केथेड्रिल चर्च में सम्पन्न हुई । इस दौरान यूरोप, अमेरीका, ब्रिटेन, साउथ कोरिया, जापान आदि देशों के अलावा भारत से इस यात्रा में भाग लेने वाली ये अब तक की एक मात्र महिला थी। वहां के आंकड़ों के अनुसार गत 4 वर्षो में अब तक भारत से मात्र 15 पुरूषों ने यह यात्रा की है। इस यात्रा के बारें में भारतीयों में जानकारी का काफी अभाव देखा गया है।

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इण्डस्ट्रीज ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट मावली एवं बड़ीसादड़ी की चेयरमेन श्रीमती दुबे ने बताया कि इसके आगे 100 किमी की यात्रा स्पेन के अंतिम छोर फिनिस्तरे की कि जिसके बारें में कहा जाता है कि केमिनो डी सेन्टियागों की यात्रा करने वाले यदि फिनिस्तरे की यात्रा नहीं करते है तो वह अधूरी मानी जाती है फिनिस्तरे पंहचने के बाद यात्री अपनी यात्रा का जश्न मनाते है।

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उन्होेंने बताया कि इस 800 किमी. की यात्रा में विभिन्न देशों के 500 से अधिक यात्री शामिल हुए। इय यात्रा के दौरान विभिन्न देशों के यात्रियों के बीच भारतीय संस्कृति एवं देवी-देवताओं में मुख्य रूप से भगवान गणेष को लेकर विदेशियों ने काफी रूचि दिखाई।

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श्रीमती दुबे ने बताया कि 4 वर्ष पूर्व इस यात्रा को उनके पति मधुकर दुबे भी पूरी कर चुके है। इस यात्रा को करने की प्रेरणा उन्हें द वे नामक फिल्म एवं अपने पति द्वारा की गई यात्रा के अनुभव से मिली।

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