आदमखोर पैंथर के आतंक का खात्मा, वन विभाग ने मारी गोली

आदमखोर पैंथर के आतंक का खात्मा, वन विभाग ने मारी गोली

जिले के परसाद क्षेत्र पिछले 20 दिनों में आतंक का पर्याय बने आदमखोर पैंथर को आज आखिरकार वन विभाग के शूटर ने मार गिराया। कल ही आदमखोर पैंथर ने एक 13 वर्षीया बच्ची को अपना शिकार बनाया था। जिसके कारण क्षेत्र में फैले तनाव, उपद्रव के बाद से वन विभाग की टीम लगातार विशेषज्ञों के साथ आदमखोर पैंथर की क्षेत्र में तलाश कर रहे थी।

 

आदमखोर पैंथर के आतंक का खात्मा, वन विभाग ने मारी गोली

उदयपुर 14 अगस्त 2019, जिले के परसाद क्षेत्र पिछले 20 दिनों में आतंक का पर्याय बने आदमखोर पैंथर को आज आखिरकार वन विभाग के शूटर ने मार गिराया। कल ही आदमखोर पैंथर ने एक 13 वर्षीया बच्ची को अपना शिकार बनाया था। जिसके कारण क्षेत्र में फैले तनाव, उपद्रव के बाद से वन विभाग की टीम लगातार विशेषज्ञों के साथ आदमखोर पैंथर की क्षेत्र में तलाश कर रहे थी।

आज दोपहर करीब दो बजे वन विभाग की टीम को आदमखोर पैंथर वन क्षेत्र के उसी स्थान के आस-पास नज़र आया, जहां उसने कल बच्ची का शिकार किया था और झाड़ियों तक खींच कर ले गया था। इसी समय वन विभाग की टीम ने आदमखोर पैंथर को ट्रंकुलाइज कर बेहोश कर गोली मार दी। इसी के साथ परसाद रेंज में आदमखोर पैंथर के आतंक का भी खात्मा हुआ।

सीसीएफ राम करण खैरवा ने बताया कि पैंथर को ट्रंकुलाइज कर पकड़ा गया और फिर उसे शूट किया गया है। पैंथर की देह को पुलिस सुरक्षा के बीच वन विभाग की टीम उदयपुर के पशु चिकित्सालय लेकर आ रही है। यहां उसका मेडिकल बोर्ड के जरिए पोस्टमार्टम होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही तय होगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पता चलेगा कि यह वही पैंथर था या नहीं ?

आदमखोर पैंथर के आतंक का खात्मा, वन विभाग ने मारी गोली

वन्यजीव विशेषज्ञों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही तय हो सकता है कि यह पैंथर आदमखोर था या नहीं। वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर काम करने वाले कुछ एनजीओ विभाग के इस कदम के विरोध में हैं। उनका मानना है कि जब पैंथर को ट्रंकुलाइज कर पकड़ लिया गया था तो उसे शूट करने के बजाए कोई दूसरा रास्ता भी अपनाया जा सकता था।

वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम धारा 11 (1) (a) के अंतर्गत दिया आदेश

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक अरविन्द तोमर के अनुसार उक्त बघेरा को मानव जीवन के लिए खतरनाक हो चूका है। जिसको पकड़ना, ट्रैंक्युलाइज करना या अन्यत्र छोड़ना (translocation) संभव नहीं होने के कारण तथा जनहानि की लगातार घटनाओ के फलस्वरूप वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम धारा 11 (1) (a) के अंतर्गत मारने की अनुमति प्रदान की गई।

उल्लेखनीय है कि परसाद में पिछले 20 दिनों में आदमखोर पैंथर ने तीन लोगों को शिकार कर मार दिया था। मंगलवार को आदमखोर पैंथर ने जब एक बच्ची को अपना शिकार बनाया था, इसके बाद गुस्साआदमखोर पैंथर के आतंक का खात्मा, वन विभाग ने मारी गोलीए ग्रामीणों ने उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे जाम कर दिया था और पुलिस पर पत्थर तक बरसाए थे, पुलिस की गाड़ी जला दी थी। उपद्रव में 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। रातभर हाईवे पर तनाव रहा था और अहमदाबाद से आने वाली गाड़ियों को पुलिसकर्मियों ने एहतियातन ऋषभदेव-खेरवाड़ा के बीच ही रोक दिया था। इससे रात भर हजारों सवारियां भी परेशान रहीं। पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारियों की लगातार समाइश के बाद रात करीब ढाई बजे ग्रामीण हाईवे से हटे थे और फिर बच्ची का शव लेकर पहाड़ी पर बैठे रहे थे। पैंथर के पकड़े और मार दिए जाने के बाद ग्रामीण पहाड़ी से शव लेकर नीचे उतरे।

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