उदयपुर 27 फरवरी 2022 । विश्व भर के पर्यटकों की पसंदीदा लेकसिटी उदयपुर की छवि पर भिक्षावृत्ति के कारण कोई दाग न लगे, इस दृष्टि से जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की पहल पर भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर अभियान चलाया जाएगा। शहरी क्षेत्र व आस-पास के क्षेत्रों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए उदयपुर जिला प्रशासन द्वारा यह अभियान 1 मार्च से चलाया जाएगा।
अभियान के तहत उदयपुर शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों की काउंसलिंग और सर्वे कर पुनर्वास किया जाएगा। भिक्षावृत्ति में लिप्त 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तीन माह का कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सके।
अभियान के संबंध में जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने रविवार को एक बैठक ले भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान के लिए विभागवार टीमों का गठन कर जिम्मेदारियां सौंपी। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रव कुमार चारण व सदस्य, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और अभियान से जुडे़ विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य चौराहों, धार्मिक स्थलों, अस्पतालों, रेलवे-बस स्टैंड पर करेंगे काउंसलिंग
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उदयपुर के उपनिदेशक मान्धाता सिंह राणावत ने बताया कि कलक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशानुसार अभियान के तहत 1 मार्च से शहर के मुख्य चौराहों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों, अस्पतालों, रेलवे-बस स्टैंड आदि स्थानों पर काउंसलिंग की जाएगी। स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से सर्वे कराया जाएगा। चिह्नित स्थलों पर टीम गठित कर भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को समझाइश कर 31 मार्च तक हटाया जाएगा। राणावत ने बताया कि भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर अभियान में एनजीओ को भी जोड़ा जाएगा। स्वयंसेवी संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित कर चयन किया जाएगा। चयनित एनजीओ को ट्रेनिंग दी जाएगी।
जून माह में चलेगा रेस्क्यू का अभियान
जिला कलक्टर मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि काउंसलिंग में यदि संबंधित क्षेत्रों से भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्ति और बच्चे अगर नहीं हटते हैं तो 1 जून, 2022 से 30 जून 2022 तक चिह्नित स्थानों पर टीम गठित करते हुए भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों व बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा तथा इन्हें निर्धारित स्थानों तक पहुंचाया जाएगा। इस कार्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस, सीडब्ल्यूसी, बाल अधिकारिता विभाग, अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं व चाइल्ड लाइन मुख्य भूमिका निभाएंगे।
भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को देंगे कौशल प्रशिक्षण
अभियान के तहत 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत तीन-तीन माह के बैच बनाकर बच्चों को स्वावलंबी बनाया जाएगा। भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के सर्वे और पुनर्वास के लिए बाल अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व पुलिस के जवानों की टीमों का गठन किया जाएगा।
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