राजस्थान सरकार ने प्रदेश में जाल की तरह फैलते बढ़ते कोचिंग सेंटर्स पर नकेल कसने के लिए गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत कोचिंग संस्थानों द्वारा झूठे और फर्जी विज्ञापन दिखाकर छात्रों को गुमराह करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी विज्ञापन में लिखना अनिवार्य होगा की भर्ती परीक्षाओ में चयन की गारंटी नहीं। वहीँ कोचिंग छोड़ने पर 10 दिन में फीस लौटानी होगी।
गाइडलाइन लागू करवाने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी सम्बंधित विभागि के वरिष्ठ अधिकारी शामिल है। इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गतहन किया गया है जिसमे विभिन्न विभागों के अधिकारियो के साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ प्रतिनिधि, मनौवैज्ञानिक तथा मोटिवेशनल स्पीकर और अतिरिक्त जिला कलेक्टर शामिल है।
मंगलवार देर रात जारी शिक्षा विभाग की गाइडलाइन
- कोचिंग संस्थानों द्वारा झूठे और फर्जी (फेक) विज्ञापन दिखाकर छात्रों को बेवकूफ बनाने पर उनके खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।
- एक बार कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद अगर कोई स्टूडेंट वहां से निकलना चाहे, तो उसे शेष अवधि की जमा फीस 10 दिन में लौटानी होगी। यदि वह कोचिंग के हॉस्टल में रह रहा है तो मेस फीस भी लौटानी होगी।
- कोचिंग संस्थान टेस्ट रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर सकेंगे।
- कोचिंग संस्थान और अभिभावकों के पास स्टूडेंट्स के आवास का पता और मोबाइल नंबर होना जरूरी होगा।
- कोचिंग, हॉस्टल में सुरक्षा गार्ड के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।
- स्टूडेंट्स के कोचिंग आने-जाने के समय का कारण सहित एंट्री रजिस्टर में करवानी होगी।
- हॉस्टल और पीजी सुविधाओं के आसपास पुलिस गश्त जरूरी होगी।
- पुलिस थाने में छात्र-छात्राओं के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनेगा।
- कोचिंग संस्थान, हॉस्टल में कार्यरत पूरे स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन करना जरूरी होगा।
- पुलिस थाने का सम्पर्क नंबर और हेल्पलाइन नंबर स्टूडेंट्स को देने होंगे।
- नए कोचिंग सेंटर खोलने से पहले देखना जरूरी होगा कि आसपास कोई शराब या नशीला पदार्थ की ब्रिकी नहीं होती हो।
- कोचिंग संस्थान में आने वाले स्टूडेंट्स और दूसरे लोगों के लिए एक मूवमेंट रजिस्टर या फिर इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की जाएगी।
- हॉस्टल और कोचिंग में बाहर से आने वाले व्यक्तियों का पूरा रिकॉर्ड व्यक्तिगत पहचान, मोबाइल नंबर, आने का कारण आदि रजिस्टर में मेंटेन करना होगा।
- शाम को कोचिंग आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वहां रोशनी होना जरूरी है।
- स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोचिंग संस्थानों में जागरूकता सप्ताह का आयोजन होगा। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी अनुभवी मनोविशेषज्ञों की मदद लेगी।
- तनाव रोकने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन होगा। जिला प्रशासन पर कोचिंग संस्थानों से मासिक कार्यक्रम तैयार करवा कर उनके आयोजन की जिम्मेदारी होगी।
- पीजी और हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक यूनिफॉर्म फॉर्मेट लागू किया जाएगा। इसमें उनकी पूरी डिटेल, अभिभावकों के सम्पर्क की सूचना, मासिक किराया, रिफंड नीति, दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी और कोचिंग संस्थान के नियमों की जानकारी दी जाएगी।शिकायत मिलने पर हॉस्टल, मेस, टिफिन सेवा देने वालों की जांच, चिकित्सा और रसद विभाग के संयुक्त दल से करवाई जाएगी।
- कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स की मदद के लिए रेफरल सेवाएं जैसे अस्पताल, डॉक्टर्स आदि की सूची लगानी जरूरी होगी।
- कोचिंग संस्थान में भी प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो।
- कोचिंग, हॉस्टल संचालकों को किसी स्टूडेंट्स के अस्वस्थ होने पर उनके अभिभावकों के आने तक उनके केयर टेकर के रूप में काम करना होगा।
- इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संगठनों के वॉलेंटियर्स, एनसीसी, एनएसएस के वॉलेंटियर्स और रिटायर्ड राजकीय कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा।
- कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स की क्लीनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था की जाएगी।
- कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स के लिए मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन केंद्र को वेलनेस सेंटर के रूप में संचालित किया जाएगा।
- अगर स्टूडेंट्स बिना सूचना दिए तीन दिन अनुपस्थित रहे, उसके अभिभावकों से सम्पर्क कर गैरहाजिर रहने का कारण कोचिंग संस्थानों को पता करना होगा।
- ऑनलाइन क्लास में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का भी पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
- कोचिंग सेंटर में एक ई-लर्निंग सेंटर स्थापित करना होगा। इसमें इंटरनेट और कम्प्यूटर सुविधा जरूरी होगी। यदि कोई स्टूडेंट कोई लेक्चर अटेंड नहीं कर पाया है, तो ई-लेक्चर की मदद ले सकेगा।
- कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को आईआईटी और मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में सफल ना होने की स्थिति में दूसरे करियर ऑप्शन के बारे में बताया जाएगा।
- कोचिंग संस्थान को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि स्टूडेंट्स और उनके परिजनों की शिकायत का तत्काल हल हो सके।
- स्टूडेंट्स के साथ उनके अभिभावकों का भी ओरिएंटेशन करवाना होगा।
- 30 दिन में शिकायतों का करना होगा समाधान