उदयपुर 30 दिसंबर 2022 । राज्य सरकार के आदेश पर प्रदेश में साइबर थाने खोले जा रहे हैं। एसपी विकास शर्मा ने जिले में साइबर थाना खोलने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
आदेश में साइबर थाने के स्टाफ की नियुक्ति करने के साथ ही डीएसपी चेतना भाटी को प्रभारी लगाया गया है। फिलहाल इसका संचालन अभी कमांड एवं कंट्रोल सेंटर के तृतीय तल पर किया जाएगा। नया भवन बनने के बाद इसे वहां स्थानान्तरित किया जाएगा।
साइबर पुलिस थाने में प्रभारी के अलावा सीआई लीलाराम को लगाया गया है। वे यहां पर झाड़ोल से स्थानान्तरित होकर आए हैं। साथ ही लाइन से उप निरीक्षक विक्रमसिंह, मधुवन चौकी से हैड कांस्टेबल रज्जाक मोहम्मद, कुराबड़ से ईश्वरसिंह, रेंज साइबर सेल से कांस्टेबल सुभाष, डबोक से रामानंद, नाई से करणसिंह, लसाड़िया से कुलदीपसिंह व वल्लभनगर से करनाराम को लगाया गया है।
ज़िले में कुछ अरसे से देखा जा रहा है कि हर तीसरे दिन एक व्यक्ति के साथ साइबर क्राइम हो रहा है। किसी को केबीसी में लॉटरी खुलने के नाम पर तो किसी को बिजली के बिल जमा कराने के नाम पर ठगा जाता है। हालांकि सवीना थाना पुलिस ने साइबर क्राइम से जुड़े कई मामलों में ठगी गई राशि को रिकवर किया है, लेकिन अन्य थानों में दर्ज मामलों में अपेक्षाकृत उपलब्धि नहीं मिल सकी है। अब साइबर थाना साइबर क्राइम के मामलों के खुलासे के लिए डेडिकेट होगा। यह एक तरह से स्पेशल सेल होगी, जो सिर्फ साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को ही जांच करेंगी। साथ ही जिले के बाकी थानों में भी साइबर क्राइम के मामले दर्ज होने के साथ जांच भी होगी।
जब भी पैसा किसी एक से दूसरे खाते में ट्रांसफर होता है। इसके बीच में एक गेटवे होता यानी थर्ड एजेंसी होती है। जब आप ऑनलाइन पैमेंट करते हैं, तो बहुत सारे चैनल्स मिलते हैं जैसे पेटीएम, गूगल-पे, फोन पे सहित अन्य यह सभी थर्ड एजेंसी हैं। आपके बैंक से पैसा इन एजेंसी को जाता है, यह डिलेवरी का काम यानी ट्रांसपोर्ट का काम करती हैं। यदि हम फटाफट अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो कई बार पैसा बच जाता है, क्योंकि ऑनलाइन ट्रांसफर में गेटवे को पैसा एक खाते से दूसरे में पहुंचाने में समय लगता है। जो बैंक के अवेयर ग्राहक हैं, उन्हें जैसे ही पता चलता है कि फ्रॉड हुआ है तो वह तुरंत शिकायत करते हैं और पैसा वापस मिल जाता है।
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