सोनपपड़ी के सब स्टेण्डर्ड होने पर एडीएम कोर्ट का निर्णय


सोनपपड़ी के सब स्टेण्डर्ड होने पर एडीएम कोर्ट का निर्णय
 

16 आरोपियों पर कुल 4 लाख 92 हजार रुपये का लगाया दण्ड
 
 
सोनपपड़ी के सब स्टेण्डर्ड होने पर एडीएम कोर्ट का निर्णय
सोनपपड़ी (बिकानो) के सब स्टेण्डर्ड होने के एक प्रकरण में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ओ.पी. बुनकर ने मंगलवार को दिए गए निर्णय में 16 आरोपियों पर 4 लाख 92 हजार रुपये का दण्ड लगाया है।

उदयपुर, 24 दिसंबर 2019। सोनपपड़ी (बिकानो) के सब स्टेण्डर्ड होने के एक प्रकरण में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ओ.पी. बुनकर ने मंगलवार को दिए गए निर्णय में 16 आरोपियों पर 4 लाख 92 हजार रुपये का दण्ड लगाया है।

प्रकरणानुसार तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता द्वारा 23 अक्टूबर, 2016 को निरीक्षण दौरान पुराना बस स्टेण्ड खेरवाड़ा स्थित मेसर्स तिरूपति मिष्ठान्न भंडार पर देशी घी की सोन पपड़ी (बिकानो) के पैकेट को सब स्टेण्डर्ड, मिस ब्राण्ड व अनसेफ होने की आशंका से जांच के लिए नमूने लिए थे। 

यहां पर दुकान मालिक व विक्रेता पवन कुमार भागचंद कलाल के पास फर्म का अनुज्ञापत्र/रजिस्ट्रेशन भी मांगने पर उपलब्ध नहीं हुआ। इस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने नमूने के तौर पर सोनपपड़ी (बिकानो) के 500 ग्राम के 4 पैकेट मूल ही कंपनी पैक की विक्रेता द्वारा बताई किमत अनुसार 680 रुपये चुकाकर प्राप्त किए। 

इन नमूनों को संबंधित अधिकारी द्वारा खाद्य विश्लेषक, जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला उदयपुर भेजा गया जहां से आई रिपोर्ट अनुसार खाद्य नमूना देशी घी सोनपपड़ी (बिकानो) खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब स्टेण्डर्ड पाया गया। इस आधार पर प्रकरण से संबंधित अनुसंधान दौरान विक्रेता पवन कुमार कलाल द्वारा यह सोनपपड़ी मेसर्स राज इंटरप्राईजेज, उदयपुर के सुरेश डांगी से क्रय करना पाया गया वहीं सुरेश डांगी द्वारा यह सामग्री उत्तर प्रदेश के नोएडा की फर्म मेसर्स बीकानेरवाला फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड से क्रय करना पाया। 

नोएडा की फर्म से पत्राचार किए जाने पर नोमिनी के संबंध में जानकारी प्राप्त नहीं होने पर केन्द्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की वेबसाईट से उपलब्ध डायरेक्टर्स से पत्राचार में भी नोमिनी के संबंध में जानकारी नहीं मिलने पर 3 से 16 पक्षकार बनाए गए और निर्णय सुनाया गया।

यह निर्णय सुनाया:  

न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ओ.पी. बुनकर ने बताया कि प्रकरण पर विस्तृत बहस उपरांत समस्त आरोपियों पर लगाए गए सब स्टेण्डर्ड खाद्य उत्पाद निर्माण व विक्रय के आरोप सिद्ध हुए वहीं विक्रेता कलाल के पास खाद्य पदार्थ विक्रय रजिस्ट्रीकरण नहोनेसे अधिनियम की धारा 58 के अंतर्गत भी अपराध सिद्ध हुआ। 

इस पर तिरूपति मिष्ठान भंडार के पवन कुमार कलाल को खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 51 व 58 के अंतर्गत अपराध कारित होने से 10 हजार रुपये तथा मेसर्स राज इंटरप्राईजेज के सुरेश डांगी पर 20 हजार रुपये के आर्थिक दण्ड से दण्डित किया गया है। 
इसी प्रकार नोएडा की फर्म मेसर्स बीकानेरवाला फूड प्रॉडक्ट्स व इसके श्यामसुंदर, मनोज अग्रवाल, चेतनलाल अग्रवाल, किशन कुमार अग्रवाल, नवरतन अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, केदारनाथ , मनीष अग्रवाल, गणेश अग्रवाल, कैलाश चंद्र अग्रवाल, मोतीलाल, किशन कुमार अग्रवाल, विनोद गर्ग को प्रत्येक को 33-33 हजार रुपये (संयुक्त रूप से 4 लाख 62 हजार रुपये) के आर्थिक दण्ड से दण्डित किया गया है। 

बुनकर ने बताया कि सभी आरोपियों को जुर्माना राशि जरिये डीडी ‘न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर’ के नाम अथवा जरिये चालान एक माह की अवधि में आवश्यक रूप से जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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