उदयपुर, 1 अक्टूबर 2020। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार प्रदेशभर में 2 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले ‘कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन’ की मंशा को समझाने और इसको सफल बनाने के लिए जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने गुरुवार को नगर निगम सभागार में जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, विभिन्न संगठनों व अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ एक खुला संवाद किया। इस संवाद में समस्त संभागियों ने एक स्वर में कोरोना को भगाने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करने और इसे जन आंदोलन के रूप में चलाते हुए कोरोना को भगाने के लिए जनजागरूकता पैदा करने व हरसंभव सहयोग को आश्वस्त किया।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने कहा कि पिछले सौ सालों में इंसानियत पर कोरोना जैसा बड़ा संकट नहीं आया है। जो भी व्यक्ति लापरवाह है, कोरोना उसे पकड़ लेता है, यदि हम मास्क नहीं पहनने और कोरोना प्रोटोकॉल की पालना नहीं करने वाले को हाथ जोड़कर टोकेंगे तो 15 दिनों में हालात बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के तीन मंत्र हैं- मास्क पहनें, हाथ धोते रहें और सोशल डिस्टेंस की पालना करें। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जनआंदोलन के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है, हम सभी मिलकर सभी लोगों को जागरूक करें तभी इसको हरा पाएंगे।
बैठक दौरान कलक्टर देवड़ा ने तेंदुए और मेमने की दौड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें तेंदुआ रोटी के लिए दौड़ता है और मेमना जिंदगी के लिए। इसमें हम देखते हैं कि रोटी की अपेक्षा जिंदगी ज्यादा तेज भागती है। कोरोना के विषय में भी यही है। हमें जिंदगी के लिए ज्यादा तेज भागना है।
बैठक दौरान नगर निगम महापौर जीएस टांक ने कहा कि सभी व्यक्ति घर से निकलने व वापस पहुंचने तक मास्क लगाना जरूरी है। मुख्यमंत्री की वीसी में उदयपुर जिले को 2 लाख मास्क का लक्ष्य दिया गया है वहीं जिला चिकित्सालय को एंबुलेंसों की आवश्यकता है, इसके लिए भामाशाह सहयोग करें। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए लोगों को साथ में बैठकर चाय पीने की आदत पर अंकुश लगाना होगा।
उपमहापौर पारस सिंघवी ने कहा कि जनता की जान बचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, प्रशासन जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने का प्रयास कर रहा है ऐसे में जनप्रतिनिधियों को भी जन आंदोलन को सफल बनाने के लिए आगे आना होगा। दुकान बंद करने से नहीं अपितु दुकानदारों को समझाने व जहां-तहां एकत्र हो रही भीड़ को रोकने से ही कोरोना से बचाव होगा।
नगर निगम आयुक्त कमर चौधरी ने कहा कि हर व्यक्ति को शहर से पहले खुद से अभियान को शुरू करने की जरूरत है। यदि हम हर रोज 5 से 10 लोगों को टोकेंगे तो हम इस पर रोक लगा सकेंगे। बच्चों को जागरूकता का माध्यम बनाने और सभी अपने-अपने व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से जागरूकता को फैलावें।
जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू ने हाल ही में अपने कोरोना संक्रमण के अनुभवों को साझा किया और सभी को इससे बचाव के लिए सतर्क होने की जरूरत बताई।
नगर विकास प्रन्यास सचिव अरूण हासिजा ने कहा कि उदयपुर ऐसा शहर है जहां पर मुसीबत के समय लोग मदद करते हैं, अब एक बार फिर इस जनआंदोलन को सफल बनाने में लोगों के सहयोग की जरूरत है।
एडीएम प्रशासन ओपी बुनकर ने जिले में कोरोना बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासांे की जानकारी दी और अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी, नगर निगम उपायुक्त अनिल शर्मा और बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद थे।
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