उदयपुर, 15 अक्टूबर/ राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क व पानी के लिए अपनी प्राथमिकता दर्शाते हुए डीएमएफटी फंड की 53.56 करोड़ रुपयों की राशि समर्पित की है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फेडरेशन ट्रस्ट की मूल भावना के अनुरूप जनजाति क्षेत्र में होने वाले खनन से इस मद में प्राप्त हुई राशि टीएसपी क्षेत्र में सुविधाओं के विकास पर खर्च करने की सैद्धांतिक सहमति दी थी। सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पिछले दिनों हुई ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लेते हुए यह राशि स्वीकृत की गई। अब सक्षम स्तर से इन स्वीकृतियों के आदेश जारी हो चुके हैं।
बैठक में उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालयों में जर्जर हो रहे भवनों की मरम्मत, अन्य आवश्यक निर्माण, स्वास्थ्य को लेकर विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों की रिपेयरिंग व अन्य आवश्यक निर्माण, मोर्चरी निर्माण, आवागमन को सुचारू बनाने के लिए क्षतिग्रस्त हुई सड़कों व पुलियाओं की मरम्मत, डामरीकरण व पेयजल को लेकर हैंडपंप आदि के प्रस्ताव रखे गए। ट्रस्टी के रूप में सांसद व विधायकगण उपस्थित थे। सभी ने एकमत से इन प्रस्तावों को पारित किया था।
डीएमएफटी मद से 12 संस्कृत विद्यालयों में नए निर्माण व मरम्मत के लिए 92.70 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। समग्र शिक्षा, उदयपुर के तहत 18 विद्यालयों के जर्जर हो चुके भवनों के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ 84 लाख 80 हजार रुपए। अन्य 162 विद्यालयों में मरम्मत व आधारभूत संरचनाओं के लिए 14 करोड़ 38 लाख रुपए। इसी तरह के 110 कार्यों के लिए 3 करोड़ 30 लाख रूपए,
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन 69 स्वास्थ्य केंद्रों की छतों की मरम्मत, रंग रोगन, बाउंड्रीवाल मरम्मत आदि कार्यों के लिए 3 करोड़ 68 लाख 73 हजार रुपए। इसी तरह स्कूलों में कक्षा कक्ष निर्माण, पुलिया, डामरीकरण, एनीकट, सीसी रोड आदि के लिए 4 करोड़ 7 लाख 17 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। सीसी सड़क व पेवरीकरण के चार कार्य के लिए 6 करोड़ 10 लाख रूपए, सलूंबर क्षेत्र में डामरीकरण, सड़क निर्माण आदि के 9 कार्यों पर 6 करोड़ 35 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई है।
सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने बताया कि इस जनजाति क्षेत्र में एक बड़ी समस्या पोस्टमार्टम कार्यवाही को लेकर थी। कुछ स्थानों पर तो सीएचसी पर मोर्चरी (मुर्दा कोठरी) हैं, लेकिन अभी भी कई सीएचसी में यह सुविधा नहीं है। इस से वहां पोस्टमार्टम के लिए शवों को रखे जाने की सुविधा नहीं थी। शवों को सम्मानजनक स्थान देने के लिए पहली बार डीएमएफटी फंड से छह स्थानों पर मोर्चरी निर्माण के लिए 90 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। गींगला, झल्लारा,भबराना, चावंड, सेमारी व इंटालीखेड़ा में यह मोर्चरी बनेगी।
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