चुनावी खर्च पर रहेगी पूरी नजर


चुनावी खर्च पर रहेगी पूरी नजर

आचार संहिता का कड़ाई से होगा पालन
 
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राजनैतिक दलों की कार्यशाला में दी गई चुनाव प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी

उदयपुर, 21 सितंबर 2023 । आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन अनुभाग की ओर से तैयारियां आरम्भ कर दी गई हैं। निर्विघ्न, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की पालना में जानकारी साझा करने के लिए बुधवार को राजनैतिक दलों की कार्यशाला जिला परिषद सभागार में आयोजित की गई।

जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद पोसवाल के आदेश से गठित विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रभारियों ने उपस्थित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी देते हुए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने का आह्वान किया। निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ के प्रभारी के.पी.सिंह ने चुनाव अभ्यर्थियों के व्यय यथा पोस्टर-बैनर, रैली, प्रचार-प्रसार संबंधी रिकॉर्ड संधारण, अवैध खर्च पर अंकुश लगाने, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की ओर से स्वघोषणा मीडिया में प्रसारित करवाने जैसे विषयों पर भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन की विस्तृत जानकारी दी। 

विधानसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार की चुनावी खर्च सीमा 40 लाख निर्धारित होने की जानकारी देते हुए उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वे अधिकतम 10 हजार का लेन-देन कैश में कर पाएंगे। अन्य लेन-देन चैक के माध्यम से ही होगा। उम्मीदवार को अपने चुनावी खर्च के लिए विशेष बैंक खाता अलग से खुलवाना होगा। इसी खाते में चंदा प्राप्त कर सकेंगे और भुगतान भी इसी से किया जाएगा।

राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर महामाया प्रसाद चौबीसा ने आदर्श आचार संहिता के बारे में बताते हुए कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद क्रमिक रूप से 72 घंटे के भीतर सब प्रकार की राजकीय प्रचार सामग्री हटा ली जाएगी। फ्लाइंग स्क्वायड टीम भी सक्रिय हो जाएगी जो आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर नजर रखेगी। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत सी-विजिल मोबाइल एप पर की जा सकती है जिस पर निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

नामांकन एवं मतदान प्रक्रिया की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राजनैतिक दल अपने बूथ लेवल एजेंटों को समय पर सक्रिय कर दें और उन्हे नियमों से अवगत करवा दें। मीडिया प्रकोष्ट प्रभारी गौरीकांत शर्मा ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर प्रसारित की जाने वाली प्रचार सामग्री का पूर्व अधिप्रमाणन आवश्यक है। 

जिला स्तरीय समिति इनका प्रमाणन करेंगी और पेड न्यूज पर निगरानी रखेगी। संदिग्ध पेड न्यूज के बारे में उम्मीदवार को नोटिस दिया जाएगा। नोटिस के जवाब के आधार पर अंतिम निर्णय कमेटी करेगी। पेड न्यूज पाए जाने पर नियमानुसार उसके खर्च का हिसाब करते हुए उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ दिया जाएगा। राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी जिज्ञासाओं से जुड़े विभिन्न सवाल किए जिस पर प्रकोष्ट प्रभारियों ने उन्हें गाइडलाइन के अनुसार संतुष्ट किया। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, आप, आरएलपी, निगरानी दल, बीटीपी सहित अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भाग लिया।
 

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