विकास व आधुनिकरण के नए-नए आयम स्थापित करने वाले शहर नाथद्वारा मे अब फास्टैग बेस्ड पार्किंग सुविधा शहर को नई सौगात के रूप मे मिली है। नगर के 120 फीट रोड स्थित नगर पालिका की और से बनी स्थायी पार्कींग मे यह सुविधा चालु कर दी गई है।
नगर पालिका चेयरमेन ने बताया की नगर के बडे बडे विकास कार्य व नई टेक्नोलोजी को नाथद्वारा शहर मे स्थापित करने की प्रेरणा सदैव विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक डाॅ. सी.पी जोशी से मिली है। करोडो रूपये के प्रोजेक्ट वर्तमान मे नाथद्वारा विधानसभा मे चल रहे है। उसी के अनुरूप यह नवचार हुवा है।
फास्टैग की शुरुआत भारत में 2014 से हुई थी। इसके आने से टोल टैक्स वसूलने का तरीका बदल गया है। ड्राइवरों को टोल बूथों पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने टोल टैक्स का भुगतान करने की अनुमति देता है। इसे टोल टैक्स पर लाने की वजह टोल प्लाजा पर जाम लगना था। इसका स्टीकर वाहनों के शीशे पर लगाया जाता है। जब उपयोगकर्ता अपने वाहन को टोल लैन पर ले जाता है, तो उस समय फास्टैग स्टिकर के माध्यम से टोल शुल्क स्वतः ही कट जाता है।
पहले जब ऐसा नहीं था, तो वाहन चालकों को लंबी-लंबी कतारों में जाना पड़ता था, लेकिन अब काम आसानी से हो जाता है। अब फास्टैग का इस्तेमाल टोल टैक्स भरने के साथ-साथ पार्किंग का शुल्क के भुगतान करने के लिए भी किया जा सकेगा।
पार्कींग के ठेकेदार जेबीजे काॅन्ट्रेक्टर कम्पनी के मालिक विक्रम सिंह ने बताया कि पार्किंग मे आने वाले वाहन बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के पार्किंग स्थल के वास्ते भुगतान करने के लिए अपनी कारों पर लगे फास्टैग का उपयोग कर सकते हैं। पुरे राजस्थान मे 42 जगह पर पार्किंग के ठेके कम्पनी द्वारा चलाए जा रहे हैं, जिसमे से 23 जगह पर फास्टैग बेस्ड पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
ठेकेदार ने बताया की वर्तमान मे कम्पनी द्रारा 24 घण्टे का बस व मिनी बस का शुल्क 100रू, जीप व कार शुल्क 50 रू रखा गया। जो की फास्टैग वाॅलेट मे से कट जायेगा। वंही दुपहिया वाहनो का शुल्क 10रू रखा है। जिसका भुगतान केश मे कीया जा सकेगा।
शहर की दुसरी फास्टैग बेस्ड पार्किंग विश्व की सबसे उंची शिव प्रतिमा मे स्थित निजी पार्किंग पर भी यह सुविधा मौजुद है, एवं वहाँ पर भी इसी जेबीजे कम्पनी द्रारा ही इसका संचालन किया जा रहा है।
मुख्य बाजारों व सड़कों पर लोग अपने वाहन खड़े कर देते हैं। जिससे वहां जाम की स्थिति बन जाती है और ऐसे कई बाजार हैं, जहां से पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। जिन जगहों से वाहन निकालना मुश्किल है। नो पार्किंग जोन में कोई अपना वाहन नहीं खड़ा करे, जिससे यातायात व्यवस्था बेहतर बना रहे। ऐसे में अब नो पार्किंग जोन में खड़े होने वाले वाहनों पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है। ठेकेदार ने बताया की स्थानीय प्रशाशन के साथ मिलकर वाहनो को जब्त किए जाने का कार्य भी कम्पनी द्रारा किया जाएगा, जिसको लेकर प्रशासनिक तौर पर चर्चा जारी है।
सरकार ने इसे भारत में डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने के लिए लॉन्च किया था। आपको बता दे फास्टैग कई बैंकों और डिजिटल वॉलेट एग्रीगेटर्स द्वारा जारी किए जाते हैं। वाहनों के विंडशील्ड पर एक स्टीकर चिपका होता है। स्टिकर में एक चिप होती है जो वाहन चालक के बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से जुड़ी होती है। जिससे वो पेमेंट का भुगतान कर सकते हैं।
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