उदयपुर, 27 सितंबर 2021। जिले में बारिश के मौसम के साथ-साथ मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम एवं यूआईटी के अधिकारियों के साथ एक महत्त्वपूर्ण बैठक की तथा बचाव के संबंध में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए तत्काल प्रभाव से फोगिंग करने और डोर-टू-डोर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में कलक्टर ने कहा कि जिले में बारिश का दौर जारी होने की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्क्रब टाइफस इत्यादि के मामलों में बढ़ोत्तरी हो सकती है ऐसे में इन बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए नगर निगम द्वारा सुबह-शाम फॉगिंग करवाई जावें। निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने 2 मशीन की उपलब्धता की वजह से फॉगिंग कार्य में देरी की बात कही तो कलक्टर ने हाथों हाथ यूआईटी के माध्यम से एक नई मशीन खरीद कर फॉगिंग प्रक्रिया को पूर्ण करवाने के निर्देश दिए।
कलक्टर देवड़ा के कहा कि मच्छररोधी गतिविधियों के साथ आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु जागरूक करना होगा। इस हेतु उन्होंने डोर-टू-डोर सघन सर्वे करवाने, स्थानीय समाचार पत्रों, रेडियो चैनल एवं पेम्लेट्स के माध्यम से आईईसी गतिविधियां सम्पादित करवाने के लिए निर्देशित किया ताकि जनजागरूकता से बीमारी का प्रसार न हो।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम विषय पर बताया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सर्वे कर मौसमी बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों की रक्त पट्टिकाओं का संचयन एवं जाँच कर दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। जल जमाव वाली जगहों पर एंटी लार्वल गतिविधियों यथा एमएलओ का छिड़काव, गंबूसिया इत्यादि का प्रयोग एवं पानी के टांकों में टेमीफोस डलवाया जा रहा है। इसके साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गत 3 वर्षों में मौसमी बीमारियों से प्रभावित लोगों की संख्या के आधार पर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सर्वे दलों द्वारा एंटी लार्वल गतिविधियों के साथ-साथ बीमार व्यक्तियों को आवश्यक दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, क्लोरोक्वीन, ऐजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, एसीटी किट, ओआरएस पाउडर इत्यादि उपलब्ध करवाया जा रहा है।
डॉ. खराड़ी ने बताया कि नियमित रूप से की जा रही इन गतिविधियों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में बुधवार से विशेष अभियान चलाया जायेगा जिसमे विभागीय कार्मिको एवं नर्सिंग छात्रों द्वारा घर-घर जाकर लोगो को साप्ताहिक रूप से पानी की टंकी, गमलों की ट्रे, कूलर इत्यादि को साफ करने, बारिश के पानी को इकठ्ठा नहीं होने देने के साथ साथ मच्छर रोधी गतिविधियां अपनाने हेतु प्रेरित किया जायेगा। इसके साथ ही लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाव की जानकारी प्रदान करने हेतु लगभग 2 लाख पेम्प्लेट्स यूआईटी के माध्यम से छपवाकर वितरित किये जायेंगे।
डॉ खराड़ी ने बताया कि सप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार इस सप्ताह जिले में 1046 सर्वे दलों द्वारा कुल 56931 घरांे का सर्वे कर 1054 जगहों पर टेमीफोस एवं 1193 जगह पर एमएलओ का छिड़काव किया गया। जनवरी से अभी तक कुल 20676 सर्वे दलो द्वारा 973130 घरो का सर्वे कर 20481 जगहों पर एंटीलार्वाल गतिविधियां की जा चुकी हैं।
डॉ. खराड़ी ने मौसमी बीमारियों से बचाव के तरीकों के बारे में बताया और कहा कि मच्छरों से बचाव हेतु घरों के आस-पास पानी का जमाव नहीं होने दें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, खाना ढक कर रखें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग एवं एंटी मॉस्किटो क्रीम का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक बार रविवार को घरो में सूखा दिवस की गतिविधियां जैसे कूलर, परिंडे, गमलो की ट्रे, पानी की टंकी इत्यादि की साफ सफाई अपनाई जाए जिससे कि मच्छर के लार्वा को पनपने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति को बुखार, हाथ पैर के जोड़ों में दर्द, मांशपेशियों में जकड़न, आँखों में जलन, लाल चकते इत्यादि महसूस हो रहे हो तो वह तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर खून की जाँच (सीबीसी) करवाएं एवं घरेलू नुस्खों की बजाय चिकित्सक द्वारा सुझाई दवाओं का सेवन करे।
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