पर्यटन के साथ-साथ उदयपुर को स्वच्छता में भी बनाएं सिरमौरः संभागीय आयुक्त


पर्यटन के साथ-साथ उदयपुर को स्वच्छता में भी बनाएं सिरमौरः संभागीय आयुक्त

जिले की 20 ग्राम पंचायतों को स्वच्छता में बनाएंगे मॉडल

 
divisional commisioner

उदयपुर, 13 जनवरी 2024। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की कार्यशाला शनिवार को जिला परिषद सभागार में संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल के विशिष्ट आतिथ्य और राज्य सरकार की ओर से नियुक्त स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण संयोजक के के गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में हुई। इसमें श्री गुप्ता के निर्देशन में कार्य करते हुए प्रथम चरण में उदयपुर जिले की 20 ग्राम पंचायतों को स्वच्छता में मॉडल बनाने का निर्णय लिया गया।

संभागीय आयुक्त श्री भट्ट ने कहा कि स्वच्छता में उदयपुर का प्रदर्शन निराशाजनक है, इसे सुधारना सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने डूंगरपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वहां स्वच्छता में अभूतपूर्व काम हो सकता है तो उदयपुर में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि उदयपुर की गिनती पर्यटन में अव्वल नंबर पर है इसे स्वच्छता में भी सिरमौर बनाना है। जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने सभी अधिकारियों को स्वच्छता के लिए इच्छाशक्ति से कार्य करने की नसीहत दी। 

एसबीएम ग्रामीण के संयोजक के के गुप्ता ने स्वच्छता, जल संचय, शिक्षा, बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण आदि क्षेत्रों में डूंगरपुर में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री झाडू लेकर निकल रहा है तो इससे अंदाजा लगाना चाहिए कि स्वच्छता का कितना महत्व है। स्वच्छता के बिना शेष उपलब्धियों का कोई मतलब नहीं है। गुप्ता ने कहा कि अगर इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। डूंगरपुर इसका जीवंत उदाहरण है। वहां जनता में स्वच्छता के प्रति एक माहौल तैयार किया। अधिकारियों का सहयोग मिला। जब डूंगरपुर जैसे जनजाति बहुल जिले में यह हो सकता है, तो उदयपुर में क्यों नहीं। प्रारंभ में जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़ ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत उदयपुर जिले में अब तक हुए कार्यों का प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में एसडीएम गिर्वा रिया डाबी सहित अन्य एसडीएम, जिला परिषद के अधिकारी, सभी पंचायत समितियों के विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, ब्लॉक कॉर्डिनेटर आदि मौजूद थे।

यह रखी कार्ययोजना

बैठक में श्री गुप्ता उदयपुर जिले को स्वच्छता में अव्वल बनाने के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के माध्यम से 20 ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा, जिन्हें स्वच्छता में मॉडल के रूप में तैयार किया जा सके। इसके लिए कई तरह के प्रयासों की आवश्यकता है।
- आमजन को स्वच्छता का महत्व समझाते हुए जागरूक करना
- चयनित पंचायतों को ओडीएफ प्लस घोषित कराना
-डोर टू डोर गीले व सुखे कचरे का पृथक-पृथक संग्रहण
- कचरा उठाने वाले एजेंसी की ओर से कौताही बरते जाने पर पेनल्टी प्रावधान,
- पंचायत की सभी सरकारी दीवारों पर स्वच्छता से जुडे़ स्लोगन लिखवाना, ताकि लोग स्वच्छता के प्रति संवेदनशील हों
- स्वच्छता संबंधी स्टीकर गांव के शत प्रतिशत घरों पर चस्पा किए जाएं
- बच्चों को स्वच्छता का महत्व समझाया जाए, ताकि उनमें आदत विकसित हो
- चयनित पंचायतों में आरआरसी प्लांट तैयार कराना
- गीले कचरे से जैविक खाद बनाना
- सुखे कचरे का ठोस प्रबंधन
- पशुपालकों के घरों पर गोबर गैस प्लांट बनाना
- ग्रे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार कराना
- हर 2000 की आबादी वाले गांव में पार्क की व्यवस्था। पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना, ताकि बच्चे मोबाइल और टीवी से दूर फिजिकल एक्टिविटी से जुड़े
- प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सर्वाधिक खतरनाक है। इसके लिए हर घर में प्लास्टिक संग्रहण के लिए एक कट्टा उपलब्ध कराया जाए। बाद में सभी घरों से उसका संग्रहण कराकर सीमेंट फ्रेक्ट्री को बेचा जा सकता है। इससे आमजन को भी आय होगी और स्वच्छता के प्रति रूझान बढेगा।
- खाली भूखण्डों की सफाई के लिए भूखण्ड मालिकों को पाबंद करें, गंदगी पाए जाने पर पेनल्टी सहित अन्य कार्यवाही की जाए।

3 दिन में पेराफेरी से हटाएं कचरा

बैठक में संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि यूडीए क्षेत्र में सफाई के लिए यूडीए अपने स्तर पर टेंडर करेगा। तब तक पेराफेरी की पंचायतें कचरा एकत्र करवाकर फिकवाने की व्यवस्था करावें। संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर ने सभी संबंधित विकास अधिकारियों को 3 दिन के अंदर पेराफेरी क्षेत्र में स्थित कॉलोनी में फैले कचरे को साफ कराने की सख्ती हिदायत दी।

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