उदयपुर 30 जून 2021। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा के निर्देश पर बुधवार को आयड़ पुलिया स्थित लेकसिटी मॉल में सुरक्षा व्यवस्था और आपदा की स्थिति में संबंधित विभागों के रेस्पॉन्स टाइम को जांचने के लिए मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया। एडीएम (सिटी) अशोक कुमार की अगुवाई में लगभग एक घंटे तक लेकसिटी मॉल में फायर अलार्म सिस्टम, पम्प स्टेशन, पानी का प्रेशर, निकास द्वार, आपातकालीन निकास जैसे सुरक्षात्मक मापदंड़ों की जांच की गई। कुछ समय के लिए यहां अफरा-तफरी मच गई। मॉक ड्रिल की जानकारी मिलने पर सभी ने राहत की सांस ली।
मॉक ड्रिल के दौरान मॉल के ग्राउंड फ्लोर पर लगे फायर अलार्म सिस्टम के पास धुआं करके देखा तो अलार्म सिस्टम में काफी देर तक कोई हरकत नहीं हुई, जबकि सुरक्षा मानकों के अनुसार धुआं होने के 20 सैकंड के भीतर अलार्म बजना चाहिए। इस पर मॉल के मैनेजर सुशील कुमार को फायर अलार्म सिस्टम दुरुस्त करवाने के निर्देश दिए गए।
पाइप से निकलने वाली बौछारों का प्रेशर भी चेक किया गया, जो संतोषजनक पाया गया। हालांकि पाइप में लगने वाला नोजल ढूंढने में काफी वक्त लग गया। मैनेजर ने बताया कि नोजल निर्धारित स्थान की बजाय मॉल के बाहरी हिस्से में सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में रखा हुआ है, क्योंकि मॉल में आने वाले लोग नोजल को निकाल सकते हैं, इससे पानी फैलने की आशंका रहती है। अब से नोजल को निर्धारित स्थान पर रखा जाएगा।
सिविल डिफेंस के जवानों ने पहली मंजिल से एक युवक को आपातकालीन स्थिति में रेस्क्यू करने का अभ्यास किया। युवक को पहली मंजिल से सुरक्षित नीचे लाने पर सभी ने तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। लोगों को बचाने के लिए नेट लगाकर अभ्यास किया गया। इस दौरान डमी को मॉल की पहली मंजिल से नीचे फेंककर देखा गया।
लेकसिटी मॉल के मैनेजर सुशील कुमार ने बताया कि मॉल में आग से निपटने के लिए एक फायर इंजिन, दो जॉकी पम्प और दो मेन पम्प हैं। फायर अलार्म सिस्टम सहित मॉकड्रिल के दौरान जो खामियां सामने आई हैं, उन्हें जल्द सुधार लिया जाएगा।
एडीएम सिटी अशोक कुमार ने बताया कि जिला कलक्टर चेतन देवड़ा के निर्देश पर मॉकड्रिल कर लेकसिटी मॉल में आपातकालीन स्थिति में बचाव व राहत कार्य का जायजा लिया गया। सभी विभागों में बेहतर तालमेल नजर आया। रेस्पॉन्स टाइम भी संतोषजनक रहा। मॉल में जो कमियां सामने आई, उसे सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। इस मॉकड्रिल का उद्देश्य ही यही था कि आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहे और कम से कम हानि हो।
एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, डिप्टी चेतना भाटी, प्रेम धणदे, तहसीलदार गिर्वा युवराज कौशिक, भूपालपुरा, सूरजपोल, सविना, प्रतापनगर, हिरणमगरी थानाधिकारी, आरएसी, मेडिकल, एसडीआरएफ, ट्रेफिक, सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, लेडी पेट्रोलिंग की टीम ने बचाव एवं राहत कार्यों में हिस्सा लिया।
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