उदयपुर 27 दिसंबर 2023। शहरी विकास प्राधिकरण, उदयपुर की प्रथम सामान्य बैठक बुधवार को संभागीय आयुक्त एवं प्राधिकरण अध्यक्ष राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में उदयपुर शहर और आसपास की पहाड़ियों को बचाने पर चर्चा करते हुए यूआईटी के समय बनी हिल पॉलिसी को प्रांसगिक नहीं मानते हुए यूडीए के नियम व प्रावधान अनुसार आवश्यक बदलाव करते हुए नई हिल पॉलिसी तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही शहर के सीवरेज नेटवर्क पर भी चर्चा की गई।
वर्तमान में उदयपुर में संचालित 60 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी उदयपुर शहर के विस्तार एवं भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में अपर्याप्त मानते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 100 एमएलडी तक बढाने के लिए नगरनिगम एवं यूडीए के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नए सीवरेज प्लांट के लिए स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए। साथ ही पूरे सीवरेज नेटवर्क की भी प्लानिंग करने को कहा।
बैठक में नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, वरिष्ठ नगर नियोजक नरहरिसिंह पंवार, अजमेर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता गिरीश जोशी, पीएचईडी अधीक्षण अभियंता ललित नागौरी, उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा, यूडीए सचिव राजेश जोशी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता संजीव शर्मा, भूमि अवाप्ति अधिकारी मनसुख डामोर, वरिष्ठ लेखाधिकारी दाउदयाल शर्मा, नगर निगम के अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी, तकनीकी सलाहकार यूडीए बी.एल. कोठारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में अध्यक्ष भट्ट ने यूडीए की ओर से पूर्व में स्वीकृत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पूर्व में स्वीकृत जो कार्य शुरू हो गए हैं वह यथावत चलेंगे, लेकिन जिन कामों में टेण्डर प्रक्रिया नहीं हुई और कार्य शुरू नहीं हुए उन्हें निरस्त किया जाए। जनहित के कार्यों को आगामी समय में सरकार के दिशा-निर्देश अनुरूप दोबारा प्रक्रिया में लिया जा सकेगा।
बैठक में कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों पर भी चर्चा की गई। इसमें ऐसी कॉलोनियां जिनमें विकासकर्ता की ओर से सड़कें इत्यादि बना दी गई हैं, लेकिन पट्टों के लिए यूडीए में आवेदन नहीं किए गए हैं, वहां 90-क अथवा सुओ मोटो 90-क की कार्यवाही करने अथवा इनके विरूद्ध धारा 177 के तहत कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में यूडीए की जमीनों पर अतिक्रमण के बिन्दु पर भी चर्चा की गई। इसमें सामने आया कि यूडीए की जमीनों पर कई लोगों ने कच्चे-पक्के अतिक्रमण कर रखें हैं। अध्यक्ष श्री भट्ट ने तहसीलदार यूडीए को यूडीए की जमीनों पर अतिक्रमण को चिन्हित कर उन्हें तत्काल प्रभाव से ध्वस्त करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्राधिकरण के क्षेत्र में विभिन्न प्रतापनगर फ्लाईओवर से बलीचा तक 11.5 किमी. लंबी सड़क को 3 लेन से 4 लेन में परिवर्तन के कार्य की राशि रूपए 71.32 करोड़ की स्वीकृति की पुष्टि की गई। एफ.सी.आई. गोदाम के सामने आयड़ नदी पर हाईलेवल ब्रिज के लिए रूपए 9.83 करोड़, बिछड़ी-सिंहाड़ा के मध्य बेड़च नदी पर पुलिया के लिए राशि रूपए 3.02 करोड़, ट्रांसपोर्टनगर बेड़वास में आंतरिक सड़कों के निर्माण के लिए राशि रूपए 3.04 करोड़ के कामों की पुष्टि की गई। इसके अलावा विभिन्न विकास कार्यों के लिए 40.50 करोड़ रूपए के कार्यों की स्वीकृति की भी पुष्टि की गई। न्यास की गत सामान्य बैठक के पश्चात् में विभिन्न राजकीय संस्थानों विद्यालयों/खेल मैदान/पुलिसविभाग/जलदाय विभाग इत्यादि को निःशुल्क भूमि आवंटन हेतु की गई कार्यवाही की भी पुष्टि की गई। इसी प्रकार विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटन हेतु की गई कार्यवाही की भी पुष्टि की गई।
सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा सिसारमा से नांदेश्वरजी तक सड़क विस्तारीकरण के लिए 10.00 करोड़ रूपए का एस्टीमेट प्राधिकरण को प्रस्तुत किया गया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि उक्त सड़क का विस्तारीकरण उदयपुर शहर के लिए आवश्यक है, इसलिए यूडीए व पीडब्ल्यूडी संयुक्त सर्वे कर आगामी बैठक बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
न्यायालय परिसर के लिए जिला एवं सेशन न्यायाधीश को भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए पूर्व में आवंटित 10 हैक्टयेर भूमि से लगती हुई नगरनिगम के स्वामित्व की राजस्व ग्राम सवीनाखेड़ा की 19.55 हैक्टेयर भूमि में से 10 हैक्टेयर अतिरिक्त भूमि के आवंटन का प्रकरण सक्षम स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को प्रेषित करने का भी निर्णय लिया। साथ ही राजस्व ग्राम काया में प्राधिकरण क्षेत्राधिकार की भूमि में से 20.00 हैक्टेयर भूमि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगरनिगम को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया।
मुख्य सचिव महोदया के निर्देशानुसार 100 दिन की कार्य योजना (संकल्प पत्र 2023 के संकल्पों की विभागीय कार्य योजना) के संकल्पों की विभागीय कार्य योजना के अन्तर्गत घुमंतु परिवारों को आवास /पट्टे, मनोरंजन पार्क-आनंदवन, फ्लाईओवर/आर.यू.बी., सीवरेज नेटवर्क सिस्टम, नगरवन योजना आदि के लिए 30/60/100 दिवस की योजना तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित की गई। बैठक में उक्त कार्य योजना का भी अनुमोदन किया गया।
बैठक में यूडीए अध्यक्ष व संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने फतहसागर झील और रिंग रोड क्षेत्र की सफाई पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि फतहसागर उदयपुर की शान है, उसकी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उसमें गंदगी पूरे उदयपुर की छवि को खराब करती है। उन्होंने यूडीए के माध्यम से झील की सफाई को लेकर चल रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए इसे सुधारने की हिदायत दी। उन्होंने डूंगरपुर की गेपसागर झील का उदाहरण देते हुए कहा कि गेपसागर झील की सफाई को लेकर कुछ सालों पहले डूंगरपुर में जो प्रयास और काम हुए वह अनुकरणीय हैं।
श्री भट्ट ने बड़ी को शहर से सटा सबसे बड़ा प्राकृतिक स्थल बताया। उन्होंने बड़ी तालाब व पार्क को इस तरह से विकसित किया जाना चाहिए कि उसकी नैसर्गिंकता बनी रहे। इसके लिए वन विभाग भी समन्वय करें। उन्होंने कहा कि बड़ी को रमणीय और प्राकृतिक स्थल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि उदयपुर आने वाला हर व्यक्ति वहां अवश्य जाना चाहे।
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