आरएलडीए ने आबू रोड में व्यावसायिक विकास के लिए भूमि पार्सल पट्टे पर देने की बोलियां आमंत्रित की

आरएलडीए ने आबू रोड में व्यावसायिक विकास के लिए भूमि पार्सल पट्टे पर देने की बोलियां आमंत्रित की

उत्तर पश्चिम रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह पार्सल 1649. 40 वर्गमीटर तक फैला है

 
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इसका बिल्ट-अप एरिया रेशियो 2.0 (बीयूए- 3298.80 वर्ग मीटर) है और इसका आरक्षित मूल्य 5.18 करोड़ रुपये है। जमीन को 45 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा।

उदयपुर, 2 दिसंबर 2021। रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड में कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए एक भूखंड को पट्टे पर देने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। रेलवे क्वार्टर नंबर 113 और 114 के बीच 24.00 मीटर चौड़े (आरओडब्ल्यू) प्रस्तावित सड़क के साथ और उत्तर पश्चिम रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह पार्सल 1649. 40 वर्गमीटर तक फैला है। इसका बिल्ट-अप एरिया रेशियो 2.0 (बीयूए- 3298.80 वर्ग मीटर) है और इसका आरक्षित मूल्य 5.18 करोड़ रुपये है। जमीन को 45 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा। ऑनलाइन प्री-बिड मीटिंग को राष्ट्रीय और स्थानीय डेवलपर्स से अच्छी प्रतिक्रिया मिली तथा बोली जमा करने की समय सीमा 15 दिसंबर 2021 है।

आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि, आबू रोड एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउंट आबू का प्रवेश द्वार है। साइट एक स्थानीय बाजार के आसपास के क्षेत्र में स्थित है और सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। यह आबू रोड रेलवे स्टेशन से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, जो दिल्ली-अहमदाबाद रेलवे मार्ग का एक प्रमुख पड़ाव है। प्रस्तावित विकास कार्य, रियल एस्टेट, रिटेल और कामर्शियल डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी लायेगा। यह स्थल क्रमशः दक्षिण और उत्तर में रेलवे क्वार्टर नंबर 113 और 114, पूर्व में 11.00 मीटर चौड़ा माउंट रोड / रेलवे स्टेशन और पश्चिम में सदर बाजार से घिरा हुआ है।

रियायत ग्राही को स्थानीय भवन उप-नियमों के अनुसार विकास करने और नियामक प्राधिकरणों से अपेक्षित मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने का काम सौंपा जाएगा। बोली लगाने वाले को बिल्ट-अप एरिया की मार्केटिंग और सब-लीज की अनुमति दी जाएगी। आबू रोड, माउंट आबू से जुड़ता है, जो 27 किमी की दूरी पर है। प्रसिद्ध दिलवाड़ा मंदिर माउंट आबू में स्थित हैं जो पूरे भारत से पर्यटकों को आकर्षित करता है। चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मैसूर, हुबली, बैंगलोर, पुणे, मुंबई, जयपुर, जोधपुर, दिल्ली आदि के लिए ब्रॉड गेज पर यहाँ से सीधा रेल लिंक है। यहाँ से रेल परिवहन के माध्यम से सिरोही और जालोर जिले जाने की सुविधा है। 

यह क्षेत्र रीको औद्योगिक क्षेत्र (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड) और रेलवे डीजल लोको शेड के लिए भी प्रसिद्ध है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण ( आरएलडीए ) रेलवे भूमि के विकास के लिए रेल मंत्रालय के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है। इसके विकास योजना के  तहत चार प्रमुख अधिदेश हैं, यथा वाणिज्यिक स्थलों को पट्टे पर देना, कॉलोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और बहु-कार्यपरक परिसर।

उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के पास पूरे भारत में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली जमीन है। आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी पुनर्विकास परियोजनाओं को संभाल रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी और सिकंदराबाद में 3 रेलवे कॉलोनियों को पट्टे पर दिया है। आरएलडीए के पास लीजिंग के लिए पूरे भारत में 100 से अधिक वाणिज्यिक (ग्रीनफील्ड) साइटें हैं, और प्रत्येक के लिए योग्य डेवलपर्स का चयन एक खुली और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।  

आरएलडीए अब चरणबद्ध तरीके से अनेक रेलवे स्टेशनों पर काम कर रहा है। पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, बिजवासन, लखनऊ चारबाग़, गोमतीनगर लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी/ईपीसी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा।

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