शहर में बढ़ी जाम की समस्या, हर कदम पर गड्ढे बन रहे हादसों का कारण


शहर में बढ़ी जाम की समस्या, हर कदम पर गड्ढे बन रहे हादसों का कारण

प्रतापनगर से बलीचा और सुखेर इन दोनों बायपास पर बार-बार जाम की स्थिति बन रही है

 
traffic jam udaipur

उदयपुर, 2 अक्टूबर ।  शहर में जाम की समस्या के निराकरण के लिए कोई इंतजाम नहीं है। लोग घंटों जाम में फंस जाते हैं। प्रतापनगर से बलीचा और सुखेर इन दोनों बायपास पर 16 से 22 जून तक तो इतना जबर्दस्त जाम लग गया था कि 6 दिन तक खुला ही नहीं। कतारें भी 32 किमी तक जा पहुंची थी। लाखों लोग फंसे रहे और वाहन रेंगते हुए चले। इतना सब होने के बावजूद इन सड़कों पर ध्यान नहीं देना यह दर्शाता है कि संबंधित विभागों को जनता के दर्द से या तो कोई लेना-देना नहीं है या वह किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। दोनों बाईपास से रोज लगभग 41 हजार वाहन गुजरते हैं। 

इन दोनों बायपास जाने वाले मार्गों पर आए दिन जाम की स्थिति से लोग परेशान हैं। हालात ये हैं कि इन मार्गों की सड़कों के हालात गांव की सड़कों से भी बदतर हैं। कदम-कदम पर गड्ढे बने हैं, जो बारिश सीजन में और लंबे-चौड़े हो गए। ये वाहनों की राह और स्पीड में बाधा बनते हैं और लंबी कतारें लग जाती हैं।

गडकरी ने कहा था सितंबर तक शुरू कर देंगे, अटका है ग्रेट सेपरेटर रोड 

देबारी से काया तक बायपास का काम धीमी गति से होने के कारण प्रतापनगर और यहां से बलीचा व सुखेर बायपास तक बार-बार जाम की स्थिति बन रही है। गत 4 जुलाई को केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस ग्रेट सेपरेटर रोड का हेलिकॉप्टर से जायजा लिया था।

इस दौरान उन्होंने सितंबर तक इसे शुरू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तो या माह बीतकर अक्टूबर शुरू हो गया है। 900 करोड़ की लागत से 24 किमी लंबाई के इस 6 लेन ग्रीन फील्ड बायपास का काम नवंबर 2017 में शुरू हुआ था और नवंबर 2019 में पूरा होना था। वित्तीय परेशानियों के कारण ठेकेदार काम समय पर पूरा नहीं कर पाया। इसके बाद इसे पूरा किए जाने की डेडलाइन सितंबर 2023 तय हुई, लेकिन यह अब भी अधूरा है।

प्रतापनगर से सुखेर बायपास : एकतरफा चल रहा यातायात

प्रतापनगर से नाथद्वारा की तरफ जाने वाले वाहन नेशनल हाईवे 58 (सुखेर बायपास) से होकर गुज़रते है । यहाँ से सुखेर चौराहे की दूरी 5.8 किमी है। प्रतापनगर आपणी ढाणी से सुखेर चौराहे के बीच सड़क निर्माण का काम चल रहा है । इसी के चलते यातायात एकतरफा है। हालांकि सुखेर से आपणी ढाणी के बीच तीन कट हैं। जहां दोनों तरफ यातायात चालू है। इसके अलावा प्रतापनगर से आपणी ढाणी तक की सड़क खस्ताहाल है, जगह-जगह पर गड्ढे हैं। ये ट्रैफिक की रफ्तार को धीमी करती है और जाम की स्थिति बनती है।

सुखेर बायपास पर रोज औसत 6 हजार भारी और 10 हजार अन्य वाहन गुज़रते हैं। करीब 30 हजार लोग सफर करते हैं। अहमदाबाद, जयपुर-दिल्ली और मध्यप्रदेश की तरफ से प्रतापनगर तक आने वाले लोग इसी रोड से नाथद्वारा की तरफ जाते हैं।

खराब सड़क और वन-वे के कारण कई वाहनधारी तो प्रतापनगर से ठोकर, शोभागपुरा, आरके सर्कल होते हुए सुखेर पहुंचते हैं। जिससे इनका ईंधन और समय दोनों का नुकसान उठाना पड़ता है। जर्जर रोड से काफी मात्रा में धूल उड़ती है। जो लोगों के घरों व दुकानों में रखे सामान पर जम जाती है। जाम की स्थिति अधिकतर शाम को ही बनती है। शहरवासी भी शाम को काम से लौटते हैं और उदयपुर काम कर आस-पास के गांवों में रहने वाले लोग भी वापस जाते हैं।

सुखेर बायपास पर यूआईटी सड़क निर्माण करवा रही है। यह काम समय पर और तेज़ी से किए जाने की जरूरत है। इसके बाद ही ट्रैफिक व्यवस्था सुधर पाएगी।

प्रतापनगर से बलीचा बायपास : मरम्मत के अभाव में बढ़ते गए गड्ढे

दिल्ली-जयपुर और मध्यप्रदेश की तरफ से आने वाले छोटे-बड़े वाहन प्रतापनगर चौराहे पर पहुंचते हैं। जो अहमदाबाद जाने के लिए नेशनल हाईवे 48 (बलीचा बाइपास) होकर गुजरते हैं। प्रतापनगर से बलीचा की दूरी 12 किमी है। भारी ट्रैफिक दबाव और मानसून सीजन में इस रोड पर हर 20 कदम पर गड्ढे बन गए। इनकी गहराई अब कई जगह तो करीब 6-7 इंच तक हो गई है। मरम्मत नहीं होने के कारण इनकी लंबाई-चौड़ाई भी बढ़ती जा रही है।

कितनों को परेशानी

प्रतापनगर से अहमदाबाद मार्ग पर रोज औसत 10 हजार भारी वाहन और 15 हजार अन्य वाहन गुजरते है। इनमें करीब 50 हजार लोग सफर करते हैं। गड्ढों के कारण सफर तो मुश्किल होता ही है, कई बार लंबा जाम लगने पर घंटों वाहनों में ही फंसे रहते हैं। आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। समय के साथ ही ईंधन का नुकसान भी होता है। डबोक एयरपोर्ट से आने वाले वीवीआईपी और वीआईपी मेहमान भी इस जाम में फंस जाते हैं। बायपास और शहर में आने-जाने वाले वाहनों का दबाव शाम को ज्यादा रहता है। यहां से नौकरी कर लौटने और बाहर से नौकरी से आने वाले लोगों को जामे का सामना करना पड़ता है।

गड्डो से भरी इस सड़क की यूआईटी जल्द मरम्मत करवाकर जाम से निजात दिला सकती है। इसके अलावा सबसे जरूरी काम है कि देबारी से काया तक बने ग्रेट सेपरेटर को जल्द से जल्द चालू किया जाए। इससे अहमदाबाद की तरफ जाने वाला ट्रैफिक देबारी से ही डायवर्ट हो जाएगा और प्रतापनगर चौराहे पर यातायात का दबाव घट जाएगा।



 

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal