उदयपुर 20 सितम्बर । वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत नगर निगम ने चार एंटी स्मॉग गन की खरीद की है। करीब 1.40 करोड़ की लागत से आई इन मशीनों में दो ट्रक तथा दो कर मांउटेड है। चारों मशीन शहर के प्रमुख मार्गों पर घूमकर पानी की बौछारें करेगी। इससे हवा में मौजूद धूल के कण पानी के साथ जमीन पर गिरेंगे और वातावरण स्वच्छ होगा।
शहर में वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने से नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत निगम को मशीन खरीद के लिए यह राशि प्राप्त हुई थी। महापौर गोविंद सिंह टॉक, उपमहापौर पारस सिंघवी, निगम आयुक्त मंयक मनीष, गेराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी के नेतृत्व में कमेटी ने 10 मशीन खरीद के लिए टेंडर कॉल किए थे। इनमें एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने के लिए पहले चरण में चार एंटी स्मॉग मशीन आई है। इनमें से दो ट्रक माउंटेड व दो कार (बोलेरो) माउंटेड है।
चारों मशीन अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्र में खड़ी रहेगी और एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ जा सकेगी। दूसरे चरण में छह और मशीनें आएगी, जो एक स्थान पर ही खड़ी रहकर वायु प्रदूषण को कम करेगी। अधिकारियों का कहना है कि दूसरे चरण में छह अतिआधुनिक मशीन आएगी, जो एक स्थान पर ही खड़ी रहकर उस क्षेत्र में वातावरण को स्वच्छ करेगी।
पानी की बूंदों को हवा में फेंकता है एंटी स्मॉग गन
एंटी स्मॉग गन को स्प्रे गन, धुंध गन या वाटर कैनन भी कहा जाता है। यह हवा में पानी का छिडकाव करती है। इससे धूल मिट्टी एक बार बैठ जाती है। इसमें हाई स्पीड पंखा लगा होता है। मशीनों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इन्हें ऑन करने के बाद पंखे की मदद से पानी की बौछार हवा में की जाती है। हवा में युक्त प्रदूषण फैलाने वाले कणों को पानी की बौछार से जमीन पर लाया जाता है।
इन मशीनों से 2.5 माइक्रोन तक के खतरनाक कणों को भी कम किया जा सकता है। यह मशीनें करीब 150 फीट की ऊंचाई से लेकर 100 मीटर लंबाई तक पानी की बौछार कर प्रदूषण को कम कर सकती हैं। एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल खनन, ग्राइंडिंग, कोयला और पत्थरों की घिसाई के दौरान उड़ने वाली धूल को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है। यह पौधों पर जमी धूल मिट्टी को भी हटाने में उपयोगी होगी।
नगर निगम उदयपुर के अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी ने बताया की तीन तरीके की एंटी स्मॉग गन के टेंडर निकाले थे। चार मशीनें खरीदी गई है। छह मशीनों की और खरीद की जाएगी। इन मशीनों का उपयोग कर शहर में वायु प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
नगर निगम उदयपुर के अधिशासी अभियंता (यांत्रिक), लखनलाल बैरवा ने बताया की चार एंटी स्मॉग गन मशीन प्राप्त कर ली है। इनके रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है, यह काम पूरा होते ही इन्हें वायु प्रदूषण को रोकने में काम में लिया जाएगा।
पहले चरण में स्मार्ट शहरों को किया जा रहा प्रदूषणमुक्त
केन्द्र सरकार ने देशभर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए 300 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शुरु किया है। इस कार्यक्रम में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहले उन स्मार्ट शहरों को शामिल किया है, जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है। इसके तहत वर्ष 2017 को आधार वर्ष मानते हुए वायु में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 पार्टिकल्स को 20 से 30 फीसदी कम करने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उदयपुर सहित अन्य शहरों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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