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बालश्रम हेतु गुजरात ले जा रहे 8 बच्चो को करवाया मुक्त

4 लोंगो के खिलाफ किशोर न्याय एवं चाइल्ड ट्रेफिकिंग में मुकदमा दर्ज, सर्तकता से बची 8 जिन्दगियां

 
बच्चो ने कहा हमें गुमराह कर ले जा रहे  थे, बालश्रम नहीं करना चाहते

उदयपुर 12 सितंबर 2023 । उदयपुर के मावली क्षेत्र के 8 मासूम बच्चो का जीवन बालश्रम के दलदल में खत्म होता इससे पूर्व सर्तकता एवं सजगता के परिणाम स्वरूप बच्चो को रेस्क्यू कर 4 ट्रेफिकर के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चूका हैं। राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार के पूर्व सदस्य एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ.शेलेन्द्र पंडया को दूरभाष पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर बताया गया की वह जिस ट्रेन गाडी स.19605 मदार-उदयपुर सिटी से यात्रा कर रहा हैं उसमे कुछ बच्चो को गुमराह कर बालश्रम हेतु गुजरात राज्य ले जाया जा रहा हैं। इस पर डॉ.पंडया ने तुरंत रेलवे पुलिस एवं थानाधिकारी, जी.आर.पी. थाना राणा प्रताप से बात कर ट्रेन से बच्चो के रेस्क्यू हेतु बात की। 

ट्रेफिकर द्वारा मार्ग में ही बच्चो को न उतार दिया जाए इस हेतु रेलवे पुलिस के साथ गायत्री सेवा संस्थान एवं एक्सिस टू जस्टिस टीम के कार्यकर्त्ता दल बनाकर मावली, देबारी  एवं राणा प्रताप रेलवे स्टेशन पर तैनात हो गए। आखिरकार बच्चो को उदयपुर आते ही सिटी स्टेशन प्लेटफॉर्म 3 से रेस्क्यू कर लिया गया। 

काउंसलर पायल कनेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि राजू भील (परिवर्ती नाम) उम्र 14 वर्ष ने बताया कि उन्हें आभूषण निर्माण फैक्ट्री पर काम कराने हेतु ₹5000 प्रतिमाह देने की बात कर ले जाया जा रहा है। वही रमेश उम्र 10 वर्ष तो रोते हुए बोला, उसे कही नही जाना हैं उसे तो पता ही नहीं कहां ले जा रहे थे | इसी प्रकार कुल 8 बच्चों को मुक्त कराया गया। जिनकी उम्र 15 वर्ष से कम थी। 

इस अवसर पर डॉ शैलेंद्र पंडया पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग ने बताया कि राहगीर की सतर्कता से इन बच्चों को बचाना संभव हुआ। सभी आमजन भी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यात्रा के दौरान कोई बच्चे समूह में या अकेले यात्रा करते दिखे, किसी परेशानी में दिखे तो तुरंत रेलवे पुलिस या पुलिस को सूचित करें आपकी सतर्कता किसी बचपन को बचा सकती है। 

जी.आर.पी. थाना, राणा प्रताप अंतर्गत कुल 4 लोग धनवान कुमार पुत्र छगन भाई उम्र 27 वर्ष, प्यारचंद्र पुत्र बाबूलाल उम्र 28 वर्ष, जगदीश पुत्र उमाजी उम्र  30 वर्ष एवं गणेशलाल भील पुत्र देव किशन उम्र 24 वर्ष के खिलाफ भा.द.स. की धारा 374 एवं किशोर न्याय अधिनियम की धारा 79 में मुकदमा दर्ज किया गया। 

गायत्री सेवा संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी नितिन पालीवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि समस्त  बच्चों को रेस्क्यू कर काउंसलिंग कर बाल कल्याण समिति उदयपुर के समक्ष प्रस्तुत कर शेल्टर करवा दिया गया है। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में डॉ. पंडया सहित बाल कल्याण समिति उदयपुर की अध्यक्ष यशोदा पनिया एवं सदस्य अंकुर टांक, रेलवे पुलिस जी.आर.पी. से बलवीर सिंह चोधरी, मनोज, रेलवे चाइल्ड लाइन से रणवीर, गायत्री सेवा संस्थान के प्रतिनिधि की सक्रिय भूमिका रही।