उदयपुर में अब तक 1945 परिवारों के 8082 सदस्य खाद्य सुरक्षा सूची से बाहर
खाद्य सुरक्षा सूची से स्वैच्छिक नाम हटवाने की अंतिम तिथि 31 जनवरी
उदयपुर 31 जनवरी 2025 । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत पात्र लोगों को लाभान्वित करने तथा अपात्र लोगों को सूची से हटाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सरकार की ओर से गिव-अप अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत रसद विभाग की ओर से निष्कासन श्रेणी में शामिल लोगों के नाम हटवाने को लेकर विशेष मुहिम चलाई गई।
इसके तहत अब तक उदयपुर जिले में 1945 परिवारों के 8000 से अधिक सदस्यों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना सूची से हटाए जा चुके हैं। गिव अप अभियान के तहत स्वैच्छिक रूप से नाम हटवाने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 है। निर्धारित तिथि तक स्वैच्छिक रूप से नाम नहीं हटवाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह हैं निष्कासन श्रेणियां
जिला रसद अधिकारी मनीष भटनागर ने बताया कि खाद्य मंत्री सुमित गोदारा के निर्देशानुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत गिव-अप अभियान में खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में निर्धारित मापदण्ड अधिसूचना दिनांक 27.09.2018 के अन्तर्गत निष्कासन श्रेणी तय की गई है। इसमें वह परिवार जिसमें कोई आयकर दाता हो, वह परिवार जिसका कोई सदस्य सरकारी/अर्द्व सरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में कर्मचारी/अधिकारी हो, परिवार की वार्षिक आय एक लाख से अधिक हो, परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रेक्टर आदि जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोड़कर) को शामिल किया गया है।
8082 लोगों के नाम हटाए
जिला रसद अधिकारी मनीष भटनागर ने बताया कि उदयपुर जिले में जिला रसद अधिकारी प्रथम अंतर्गत गिव अप अभियान के तहत अब तक प्राप्त प्रार्थना पत्रों के आधार पर 1127 राशन कार्डों में शामिल 4575 सदस्यों तथा जिला रसद अधिकारी द्वितीय अंतर्गत 818 राशन कार्डों में शामिल 3507 सहित कुल 8082 सदस्यों को खाद्य सुरक्षा सूची से हटाया गया है।
31 जनवरी तक अंतिम अवसर
जिला रसद अधिकारी मनीष भटनागर ने बताया कि खाद्य सुरक्षा सूची में कई अपात्र परिवार शामिल हैं, जबकि कई पात्र परिवार इस सुविधा से वंचित हैं। इसके लिए सरकार ने गिवअप अभियान चलाया, ताकि निष्कासन श्रेणी में शामिल स्वैच्छिक रूप से अपना नाम हटवा लेवें। इसके लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 (शुक्रवार) निर्धारित है। तय तिथि के बाद उक्त श्रेणियों के अपात्र परिवार के चिन्हीकरण के लिए सर्वे करवाया जाएगा तथा अपात्र पाए जाने पर परिवारों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।