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सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम पर प्रतिबंध 1 जुलाई से

30 जून तक शून्य इन्वेंटरी करने के निर्देश

 
जिला प्रशासन हुआ सतर्क, कलक्टर ने अधिसूचना की पालना के दिए निर्देश
 

उदयपुर, 24 मई 2022 । भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना अनुसार आगामी 1 जुलाई से चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स के उत्पादन, इम्पोर्ट, स्टोकिंग, वितरण, बिक्री, एवं उपयोग पर रोक रहेगी। इस संबंध में मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित करने हेतु उदयपुर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। 

जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने इस संबंध में निर्देशों की अनुपालना के लिए आमजन से अपील की है और सभी सरकारी कार्यालयों को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कलक्टर ने जिले के सभी सरकारी कार्यालयों को प्लास्टिक मुक्त कार्यालय घोषित करने और प्लास्टिक की प्रतिबंधित सामग्री के प्रयोग को प्रतिबंधित करते हुए घोषणा पत्र प्रस्तुत करने के लिए पाबंद किया है।

इन वस्तुओं पर रहेगी रोक

कलक्टर मीणा ने बताया कि इस अधिसूचना के अनुसार प्लास्टिक स्टिक वाले इअर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी, स्टिक, आइसक्रीम की डंडिया, पोलीस्टाइन की सजावटी सामग्री, प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, टेª, जैसे कटलरी, मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण कार्ड एवं सिगरेट पैकेट के इर्द-गिर्द लपेटने/पैक करने वाली फिल्में, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक/पीवीसी बैनर, स्ट्रिर आदि पर रोक रहेगी।

30 जून तक शून्य इन्वेंटरी करने के निर्देश

प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संभागीय अधिकारी शरद सक्सेना ने बताया कि इस संबंध में एक नोटिस जारी कर सभी उत्पादनकर्ता, स्टॉकिस्ट, रिटेलर्स, दुकानदार, ई- कॉमर्स, फैरी वाले, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों मॉल, बाजार, शॉपिंग सेन्टर, सिनेमा हॉल, पर्यटन स्थल, विघालय, महाविद्यालय, कार्य स्थल, अस्पताल, होटल व अन्य संस्थाओं व जन सामान्य को सूचित किया गया है कि वे भारत सरकार के नोटिफिकेशन में उल्लेखित समय सीमा के अनुसार चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स का उत्पादन, स्टोकिंग, वितरण, बिक्री एवं उपयोग बंद कर दें। इसके अलावा सभी संबंधित पक्ष 30 जून तक इस सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम की शून्य इनवेन्टरी सुनिश्चित करने की आवश्यक कार्यवाही करें।
उल्लंघन पर होगी कार्यवाही

कलक्टर ने बताया कि इस नोटिफिकेशन के प्रावधानों के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित प्रतिष्ठान/व्यक्ति के विरुद्ध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी जिसके तहत सामान की जब्ती करने, पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि वसूलने एवं इकाई/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करने की कार्यवाही शामिल है।