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बेणेश्वर धाम की कलाकृतियों का होगा डिजीटलाईजेशन

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ने की जनजाति अंचल की कला-संस्कृति के संरक्षण की पहल

 
डिजीटलाईजेशन के बाद कलाकारों के माध्यम से इसकी प्रतिकृतियां तैयार करवाते हुए शिल्पग्राम में इनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

उदयपुर 14 जुलाई 2021। भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने कहा है कि लाखों जनजातिजनों की आस्थाओं के केन्द्र बेणेश्वर धाम पर स्थित करीब 400 साल पुरानी कलाकृतियों को संरक्षित करने की दृष्टि से केन्द्र द्वारा पहल की जा रही है और जल्द ही इसका डिजीटलाईजेशन करते हुए इनकी प्रतिकृतियां तैयार करवाई जाएगी।  

गुप्ता ने यह विचार बुधवार को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पहुंचे वागड़ अंचल के प्रसिद्ध बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज से मुलाकात दौरान व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि जनजाति बहुल दक्षिण राजस्थान की कला-संस्कृति अनूठी है, इसके संरक्षण-संवर्धन के लिए प्रयास करने होंगे तभी तभी हम इसके वैशिष्ट्य और गौरव को उच्च स्तर तक पहुंचा सकेंगे। उन्होंने जनजाति आस्था धाम बेणेश्वर पर संत मावजी के हाथों रचित चौपड़ों, इन चौपड़ों में उकेरे गए प्राकृतिक रंगों के चित्रों और यहां पर किए जाने वाले महारास के संबंध में विशेष रूचि दिखाई और इसके डिजीटलाईजेशन के लिए केन्द्र के स्तर पर जल्द कार्यवाही को आश्वस्त किया। 

इस कार्य में समन्वय करने के लिए उन्होंने उदयपुर के जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा को समन्वय स्थापित करने को कहा। उन्होंने कहा कि डिजीटलाईजेशन के बाद कलाकारों के माध्यम से इसकी प्रतिकृतियां तैयार करवाते हुए शिल्पग्राम में इनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

इस दौरान धाम के महंत अच्युतानंद महाराज और फिल्म निर्देशक संजय अग्रवाल ने बेणेश्वर धाम की प्राचीनता, संत मावजी और इनके परवर्ती संतों, मावजी रचित चारों चौपड़ों, इनमें उकेरे गए भविष्य दर्शाते चित्रों, धाम की धार्मिक महत्ता और इससे संबंधित परंपराओं, बेणेश्वर धाम मेला और इसके वैशिष्ट्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

महंत अच्युतानंद महाराज ने इस दौरान केन्द्र निदेशक गुप्ता को सामसागर पुस्तक व अन्य साहित्य भेंट किया और केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय को बेणेश्वर धाम से संबंधित म्यूजि़यम की स्थापना के लिए पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव और अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी दी। निदेशक गुप्ता ने यहां पर म्यूजि़यम स्थापित करने के लिए हरसंभव सहयोग को आश्वस्त किया।