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एसिंप्टोमेटिक कोरोना संक्रमित अब होटलों में रहकर निर्धारित दरों पर करवा सकते हैं उपचार-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  

कोरोना के प्रोटोकॉल की पालना की अपील
 
गांवों और कस्बों पर भी है सरकार का पूरा ध्यान 
 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि ने प्रदेश के उन एसिंप्टोमेटिक (बिना लक्षणों के) कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए होटलों की दरें निर्धारित की हैं, जो निजी कमरों में रहना चाहते हैं। राज्य सरकार ने चयनित अस्पतालों को जरूरी जांच के बाद ऐसे मरीजों को होटल भेजने के लिए अधिकृत किया है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि जो सामान्य और बिना लक्षणों के मरीज हैं और जिनकी स्थिति गंभीर नहीं है। ऐसे मरीजों को अलग कमरे और चिकित्सकों की निगरानी में देखरेख की जरूरत होती है। सरकार ने आमजन की मंशा जान 5 हजार, 4 हजार और 3 हजार रुपए प्रतिदिन के अनुसार होटल्स को अधिकृत किया है, जो कि सभी जरूरी और चिकित्सकीय सुविधाएं इस श्रेणी के मरीजों को उपलब्ध कराएगी। 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इससे पहले प्रदेश के कोरोना के इलाज के दौरान निजी अस्पतालों द्वारा बेलगाम वसूली पर भी रोक लगाते हुए निश्चित दरें निर्धारित की हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के लिए प्रदेशवासियों का हित सर्वोपरी है। कोरोना काल में सरकार हर उस कदम को उठाने से नहीं चूकेगी, जिससे आमजन को राहत मिल सके। 

गांवों और कस्बों पर भी है सरकार का पूरा ध्यान 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने शहरों के साथ गांवों और कस्बों में भी कोरोना की रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति बनाई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड-19 संभावित मरीजों के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था करने के साथ ही टेस्टिंग की सुविधा, गंभीर मरीजों के लिए रेफरल ट्रांसपोर्ट और ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि कोरोना संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग पल्सऑक्सीमीटर एवं थर्मल स्केनर आदि के माध्यम से करने के बाद आवश्यकतानुसार ही उनका होम आइसोलेशन या संस्थागत क्वारंटीन करने तथा टेस्ट की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि सांस की तकलीफ वाले मरीजों को संबंधित कोविड केयर अस्पताल तक पहुंचाने के दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता एवं रेफरल के लिए एमएमयू या 104 एम्बूलेंस की व्यवस्था आवश्यक रूप से करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

मृत्युदर को शून्य पर लाना पहला संकल्प

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान मुख्यंमत्री का संकल्प है कि कोरोना से एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाए। यही वजह है कि सरकार गंभीर मरीजों के लिए 40 हजार रुपए की कीमत वाला जीवनरक्षक इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध करवा रही है। देश भर में राजस्थान का रिकवरी रेशो अन्य राज्यों से बेहतर है। वर्तमान में 80 फीसद से ज्यादा मरीज इलाज के बाद ठीक होकर घर जा रहे हैं। यही नहीं प्रदेश की कोरोना से होने वाली मृत्युदर में भी दिन ब दिन गिरावट आ रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए गंभीर कोरोना मरीजों को जीवन दिया जा रहा है। उन्होंने कोरोना को हराकर आए लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्लाज्मा दान करने की अपील की है। 

कोरोना के प्रोटोकॉल की पालना की अपील

चिकित्सा मंत्री ने कहा देश सहित प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं फिर भी कुछ लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर लापरवाही बरत रहे हैं। संक्रमण के इस दौर में बिना मास्क घूमना, समूह में एकत्रित होना स्वयं और आमजन के लिए संक्रमण बढ़ाने वाला हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना में केवल बचाव और सावधानी ही उपचार है।