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फसल खराबे की समीक्षा कर फसल बीमा योजना से किसानों को लाभान्वित कराने के निर्देश

कलक्टर ने ली कृषि संबंधित विविध समितियों व बोर्ड की बैठक

 

उदयपुर 22 मार्च 2023 । जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में कृषि विकास समिति की बैठक के साथ-साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय निगरानी समिति एवं जिला स्तरीय शिकायत निराकरण समिति की समीक्षा बैठक जिला कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को आयोजित हुई।

बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ व रबी 2022 की प्रगति पर चर्चा की गई। इसी के साथ संपर्क पोर्टल या अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निष्पादन पर चर्चा की गई वहीं जिला उद्यानिकी विकास समिति एवं आत्मा प्रोजेक्ट के तहत संचालित गतिविधियों की भी कलेक्टर ने समीक्षा की। बैठक में जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष, उपखंड अधिकारी सलोनी खेमका, एलडीएम राजेश जैन, कृषि, उद्यानिकी एवं आत्मा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी, एमपीयूएटी के कृषि वैज्ञानिक आदि उपस्थित रहे।

केसीसी लेने वालों को अनिवार्य रूप से मिले फसल बीमा का फायदा: कलेक्टर

बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि जो भी किसान केसीसी लेते हैं उनकी फसल का बीमा आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए तथा इस बात की जानकारी किसानों को भी दी जानी चाहिए। उन्होंने फसल खराबे की समीक्षा करते हुए कृषि उपनिदेशक माधो सिंह से विस्तृत जानकारी ली। उपनिदेशक ने बताया कि हाल ही में हुई बेमौसम वर्षा से जिले के कई क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। विशेष तौर पर सराड़ा एवं सलूंबर में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इस पर जिला कलक्टर ने समय से गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाने हेतु आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए।

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण का मिले समुचित लाभ

कलक्टर ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा कृषि को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान कृषि प्रसंस्करण योजना लागू की गई है जिसके तहत आकर्षक अनुदान पर किसानों को प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है लेकिन उदयपुर जिले में अभी भी इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि गांवों में जाकर योजना का प्रभावी प्रचार प्रसार करें और अधिकारी इच्छुक किसानों आवेदन लेकर किसानों को लाभान्वित करें। कलक्टर ने जिले के एसपिरेशनल ब्लॉक्स में किसान मेले आयोजित करने तथा किसानों को सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए।

जनजाति क्षेत्र के औषधीय पौधों का हो संरक्षण

जिला उद्यानिकी विकास समिति की बैठक में चर्चा करते हुए कलक्टर ने जिले में फलदार पौधों एवं सब्जियों के क्षेत्रफल तथा उत्पादन की जानकारी ली व औषधीय पादपों के संरक्षण के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने उप निदेशक उद्यान डॉ लक्ष्मी कुँवर राठौड़ को कहा कि ट्रांसपोर्ट सब्सिडी से अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करें जिससे कि किसान अपना माल अन्य राज्यों में भी आसानी से विक्रय कर सकें। कलेक्टर ने कहा कि जिले के आदिवासी क्षेत्र में कई ऐसी औषधीय जड़ीबूटियां है जिनका उपयोग परंपरागत रूप से उपचार हेतु किया जाता रहा है, ऐसे पौधों का संरक्षण आवश्यक है।

राष्ट्रीय बागवानी मिशन और पीएम कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा

कलेक्टर ने मसाले वाली फसलें जैसे लहसुन, हल्दी, अदरक, धनिया, जीरा, सौंफ, अजवाइन, मैंथी के उत्पादन की समीक्षा की। साथ ही औषधीय फसलों जैसे इसबगोल, सफेद मुसली, अश्वगंधा आदि के उत्पादन की स्थिति जानी। उन्होंने पीएम कुसुम योजना के लक्ष्यों की समीक्षा कर किसानों को समुचित लाभ देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की प्रगति की विस्तार से जानकारी लेते हुए डिपॉजिट मिनी स्प्रिंकलर यंत्र पद्धति से किसानों को लाभान्वित किए जाने वाले कार्यों की जानकारी। उप निदेशक उद्यान ने जिले में उद्यानिकी विकास हेतु विभागीय ढांचे एवं पदस्थापन की स्थिति से अवगत करवाकर विभिन्न स्वीकृत, भरे हुए तथा रिक्त पदों की जानकारी दी।
कृषि बजट में लागू किए गए नए मिशन

उप निदेशक उद्यान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कृषि बजट में की घोषणाओं अनुसार नए मिशन लागू किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई योजना लागू की गई है जिसके तहत जिप संयंत्र, फव्वारा संयंत्र एवं मिनी स्प्रिंकलर संयंत्र से किसानों को लाभान्वित किया जाना है। इसके साथ राजस्थान संरक्षित खेती मिशन भी लागू किया गया है जिसके तहत ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस, वॉकिंग टनल, लो टनल आदि से का लाभ किसानों को देना है। ऐसे ही राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत फल बगीचा स्थापना, नर्सरी विकास, मशरूम उत्पादन, जलस्रोत निर्माण, कटाई उपरांत प्रबंधन यंत्रीकरण, जैविक खेती से किसानों को लाभान्वित करने का प्रावधान है।

किसानों तक पहुंचे योजनाओं का लाभ

आत्मा प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने किसानों के बीच चल रही विभिन्न प्रचार प्रसार गतिविधियों यथा प्रशिक्षण, एक्स्पोज़र विजिट, गोष्ठियों, किसान वैज्ञानिक संवाद, किसान मेले, किसानों में साहित्य वितरण आदि की जानकारी ली। इस दौरान आत्मा गतिविधियों के लिए जिले को मिले एवं खर्च किए गए बजट की समीक्षा की।