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जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्थाओं को समय रहते चाक-चौबंद कर लेवे- CMHO 

सीएमएचओ ने ली कोविड रिव्यू बैठक
 

उदयपुर 4 जनवरी 2022, प्रदेश में दिनों दिन बढ़ते जा रहे कोविड मामलो ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। एक और जहां टीकाकरण कार्य में तेजी लाकर अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेट करने की कवायद की जा रही है वहीं दूसरी ओर किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों को व्यवस्थाये चाक चौबंद रखने एवं अलर्ट मोड पर रहने हेतु निर्देशित किया जा रहा है। 

उदयपुर जिले में इस संबंध में ज़िला कलेक्टर चेतन देवड़ा के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने आज स्वास्थ्य भवन में निजी एवं राजकीय अस्पताल प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कोविड के वर्तमान हालात एवं अस्पतालों में कोविड व्यवस्थाओं पर चर्चा की।

बैठक में आईएमए प्रेसिडेंट डॉक्टर आनंद गुप्ता, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉक्टर अक्षय व्यास, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राघवेंद्र राय, जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी एवं नोडल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल डॉ अंशुल मट्ठा, कोविड लॉजिस्टिक प्रभारी डॉक्टर अंकित जैन, नोडल कांटेक्ट ट्रेसिंग डॉक्टर मनु मोदी सहित अन्य जिलास्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि हुई है। हम सभी को इससे निपटने हेतु आवश्यक तैयारियों के साथ तैयार रहना होगा। 

उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों ने कोरोना की पिछली दो लहरों में जिस मानवता एवं शिद्द्त के साथ कार्य किया वह प्रशंसनीय है। वर्तमान में हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है। ऑक्सीजन प्लांट से लेकर साधारण बेड की व्यवस्थाओं को हमने समय रहते मजबूत किया है। उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों को निर्देशित किया कि अपने अस्पताल में ओमिक्रोन की चुनौती का सामना करने की पूरी तैयारी रखें। कोरोना से निपटने के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार कर ले। आईसीयू बेड, सामान्य बेड एवं वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। 

उन्होंने कहा कि हालांकि कोविड का नया वेरिएंट अभी तक कम घातक सिद्ध हुआ है फिर भी  हमें कम से कम 30 से 40% बेड कोविड मरीजो हेतु रिजर्व रखने होंगे एवं इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति में इनमे बढ़ोतरी हेतु भी कार्ययोजना तैयार रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल बेड की स्थिति को स्टेट पोर्टल ओपन होने पर ऑनलाइन करने के साथ ही जिले की गूगल सीट पर भी अपडेट करना सुनिश्चित करें जिससे लोगों को वास्तविक स्थिति स्पष्ट रहे।

डॉक्टर खराड़ी ने कहा कि जिन अस्पतालों ने ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर लिए हैं वह उनके सुचारू संचालन की व्यवस्था सुदृढ़ कर लें एवं आक्सीजन कंसंट्रेटर सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्थाओं को समय रहते चाक-चौबंद कर लेवे।