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सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रचार करने वाले होर्डिंग्स हटाने का काम शुरू

चुनाव की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू

 

उदयपुर 9 अक्टूबर 2023 । राजस्थान विधानसभा चुनाव 23 नवंबर को होंगे और चुनाव आयोग की आचार संहिता लागू होने के साथ ही जिले भर में आचार संहिता को प्रभावित करने वाले सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रचार करने वाले होर्डिंग्स हटाने का काम शुरू किया गया।

चुनाव आयोग की नई दिल्ली में चल रही पीसी के बीच ही उदयपुर में आचार संहिता की पालना के लिए हाथों हाथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद पोसवाल ने जिले के उप रिटनिंग अधिकारियों की बैठक ली और साफ शब्दों में कहा कि आचार संहिता की पालना के लिए तत्काल काम शुरू कर दें। 

इधर, उदयपुर से आने वाले राज्यमंत्री जगदीशराज श्रीमाली ने अपनी सरकारी गाड़ी अपने घर से ही छोड़ दी, गाड़ी सीधे गुलाबबाग रोड पर मोटर गैरेज में जमा हो गई।

कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बैठक में वीसी के माध्यम से सभी रिटर्निंग अधिकारियों को कहा कि आचार संहिता की पूर्ण पालना सुनिश्चित करे, तय निर्देश के तहत 24,48,72 घंटे में निर्धारित कार्य कर पालना रिपोर्ट भेजने काे कहा।

उदयपुर में देहलीगेट चौराहा से पहले सरकारी प्रचार के फ्लेक्स हटाया 

इधर, नगर निगम की टीमें भी शहर में सरकारी योजनाओं के पोस्टर, बैनर व होडिंग्स हटाने के लिए काम शुरू कर दिया। टीम ने सबसे पहले नगर निगम के बाहर मुख्य टाउनहाॅल रोड से सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार कर रहे होर्डिंग्स, बैनर, फ्लैक्स आदि को हटाने का काम शुरू किया। टीम के सदस्य ट्रैक्टर, लिफ्ट साथ लेकर गए और टाउनहॉल रोड, श्रमजीवी कॉलेज, देहलीगेट होकर इन क्षेत्रों में लगे होर्डिंग्स को हटाने का काम शुरू किया। टीम में विजय जैन, राहुल मीणा आदि शामिल थे।

नहीं होंगे शिलान्यास व उद्घाटन

आचार संहिता लागू होने के साथ ही अब सरकारी कार्यक्रमों में शिलान्यास व उद्घाटन नहीं होंगे। इसके लिए प्रशासन ने भी निगरानी शुरू कर दी है।

आचार संहिता में इन पर पाबंदियां रहेगी

  • नई सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं हो सकेंगी
  • मंत्री-मेयर सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे
  • सरकारी योजनाओं के बैनर, पोस्टर्स, सरकारी वेबसाइट से मुख्यमंत्री,मंत्रियों व अन्य राजनेताओं के पोस्टर हटाए जाएंगे
  • किसी भी प्रोजेक्ट का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो सकेगा
  • आचार संहिता का इन पर नहीं पड़ेगा असर
  • जो सरकारी योजना शुरू हो चुकी हैं, उनका लाभ मिलता रहेगा
  • सरकार कोई तबादला नहीं कर पाएगी, लेकिन चुनाव आयोग अफसरों के ट्रांसफर कर सकेगा
  • सरकारी दफ्तर में जनता से जुड़े सामान्य काम पहले जैसे ही चलते रहेंगे

यह सब शुरू किया प्रशासन ने

24 घंटों में: जिले के सभी रिटर्निंग अधिकारी और विभागीय अधिकारी आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 24 घंटे के भीतर सभी विभागीय कार्यालयों व वेबसाइट पर प्रदर्शित जनप्रतिनिधियों के फोटो, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग हटाएंगे। इसकी जानकारी से भी जिला निर्वाचन कार्यालय को अवगत कराएंगे।

48 घंटों में: जिले में 48 घंटों के भीतर सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे- बस स्टैण्ड, चिकित्सालय, रेलवे स्टेशन, सड़कों के किनारे लगे राजनीतिक होर्डिग्स, बैनर हटवाकर सूचना डीएम को भेजेंगे।

72 घंटों में: इसके बाद 72 घंटों के अंदर-अंदर निजी भवनों पर लगे पोस्टर-बैनर हटवाने का काम शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे जिले में किया जाएगा।
 

इन सबके वितरण पर होगी रोक

चुनाव घोषणा के साथ ही जनप्रतिनिधियों की फोटो लगे पैकेट जैसे अन्नपूर्णा फूड पैकेट, स्कूलों में मिल्क पाउडर का वितरण नहीं किया जा सकेगा। साथ ही आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी नया विकास कार्य शुरू नहीं किए जाने की हिदायत दी गई है। जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी और एडीएम प्रशासन शैलेष सुराणा ने निर्वाचन विभाग की गाइडलाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश पहले ही दे दिए हैं।

उल्लंघन की यहां करें शिकायत

निर्वाचन आयोग की ओर से लांच किए गए सी-विजिल एप के जरिए आप आचार संहिता उल्लंघन की लाइव जानकारी वीडियो के जरिए दे सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाए रखने और आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए यह एप जारी किया गया है। कोई भी नागरिक आचार संहिता के उल्लंघन की लाइव शिकायत एप पर कर सकेगा। निर्वाचन से जुड़ी टीम को 100 मिनट के अंदर-अंदर उस शिकायत पर एक्शन लेना अनिवार्य है।