तय राशि से अधिक राशि वसूलने पर अनुबंध किया रद्द
आसींद की हवेली एवं दूध तलाई पार्किंग पर ठेकेदार द्वारा पर्यटकों से तय राशि से अधिक राशि वसूली जा रही थी
उदयपुर 15 फ़रवरी 2023। कुछ समय पूर्व उदयपुर शहर में पर्यटकों से वाहन पार्किंग के दौरान निगम द्वारा तय की गई राशि से भी अधिक राशि वसूलने पर नगर निगम द्वारा संबंधित ठेकेदारो के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मंगलवार को निगम आयुक्त वासुदेव मालावत ने अनुबंध समाप्त कर दिया।
नगर निगम उपमहापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि कुछ समय पूर्व महापौर गोविंद सिंह टांक के निर्देशन में शहर में निगम द्वारा संचालित विभिन्न पार्किंग स्थलों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था।
निरीक्षण के दौरान आसींद की हवेली एवं दूध तलाई पार्किंग पर ठेकेदार द्वारा पर्यटकों से तय राशि से अधिक राशि वसूली जा रही थी, निरीक्षण के दौरान उपस्थित पर्यटकों द्वारा भी इसकी शिकायत की गई। इस पर संज्ञान लेते हुए महापौर ने तुरंत नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
चूँकि ठेकेदार द्वारा निगम द्वारा निर्देशित अनुबंध की शर्तों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया, साथ ही नियमानुसार राशि के स्थान पर पार्किंग करने वाले शहर वासियों एवं पर्यटकों से अधिक राशि वसूली गई जो कि अनुबंध की शर्तों के विपरीत है। इस अपराध की श्रेणी में आता है। इससे निगम की बदनामी हुई है। इसी को लेकर निगम द्वारा कार्यवाही करते हुए मंगलवार को अनुबंध समाप्त करने का आदेश संबंधित ठेकेदार को दिए।
उदयपुर शहर की छवि नहीं हो खराब
नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि महापौर गोविंद सिंह टाक को नगर निगम पार्किंग स्थल पर तय राशि से अधिक राशि वसूलने की शिकायते प्राप्त हो रही थी। सूचना मिलने के उपरांत महापौर द्वारा स्वयं पार्किंग स्थलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पार्किंग कर्मचारी को रंगे हाथों अधिक राशि वसूलते हुए पकड़ा गया। महापौर ने पर्यटको के साथ की जा रही धोखाधड़ी को माफी योग्य नहीं समझा।
महापौर ने कहा कि उदयपुर शहर पर्यटन पर आधारित शहर है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में यहां पर्यटक आते हैं, सभी पर्यटक उदयपुर की सकारात्मक छवि अपने मन में संजोकर जाए, नगर निगम द्वारा ऐसी व्यवस्था की जाती है। लेकिन ऐसे कृत्य करने पर निगम की छवि धूमिल होती है। ऐसे मामलों को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस कारण तुरंत संबंधित ठेकेदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करते हुए करार खत्म करने के आदेश जारी किए गए।