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तीसरी लहर से बचने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सम्पूर्ण वैक्सीनेशन पर जोर; सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेश से बचें।  

 
वैक्सीनेशन में राजस्थान को मॉडल स्टेट बनाएं और जिन लोगों के वैक्सीन नहीं लगी है, उन सभी को वैक्सीन लगाई जाए।

राजस्थान में एक बार फिर से कोराना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। 27 नवंबर को राजस्थान में 17 लोगों के संक्रमण होने के बाद कुल 199 संक्रमित हैं, जिनमे 20 से ऊपर बच्चे हैं।  कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हर तरफ चर्चा की जा रही है। तीसरी लहर कब आएगी और यह कितनी गंभीर होगी, ऐसे सवाल आपके मन में भी जरुर होंगे।

27 नवम्बर को हुई विडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने वीसी के माध्यम से कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वैक्सीन अभियान पुनः शुरू करने के आदेश दिए और इस सम्बन्ध में सभी ज़िला कलक्टर, सीएमएचओ एवं अन्य अधिकारी को निर्देश दिए।

तीसरी लहर की संभावना को लेकर कई तरह की भ्रामक जानकारियां भी इस वक्त तेज़ी से फैल रही है। इन्हीं खबरों के बीच दो दिन से सोशल मिडिया पर एक संदेश तेज़ी से वायरल हो रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश के कुछ शहरों में फिर से रात्री कालिन कर्फ्यू लगा दिया गया है और शादी समारोह में 50 मेहमानों कि संख्या अनिवार्य कर दी है, यह मेसेज गलत है।

मुख्यमंत्री ने विडिओ कान्फ्रन्स में कहा कि ज़िला कलक्टर, सीएमएचओ एवं अन्य अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में अधिकाधिक लोगों को दूसरा डोज़ भी समय पर लग जाए, ताकि संक्रमण की गंभीर स्थिति से बचाव हो सके। वैक्सीनेशन में राजस्थान को मॉडल स्टेट बनाएं और जिन लोगों के वैक्सीन नहीं लगी है, उन सभी को वैक्सीन लगाई जाए।


उन्होंने कहा कि चूँकि कुछ देशों में फैले कोविड के नए वेरियंट ‘ओमीक्रॉन’ को डब्ल्यूएचओ ने वेरियंट ऑफ कंसर्न माना है,इसे देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर रहते हुए आवश्यक तैयारियां रखे।

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की पहली और दूसरी लहर के बाद भारत सरकार को अब पूरा अनुभव है... पूरी तरह, पूरे देश को बचाने के लिए अभी से ही बहुत ज्यादा गंभीरता से ध्यान रखना पड़ेगा जिससे कि यहां पर थर्ड वेव की नौबत ही नहीं आए।