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इको टूरिज्म प्लान बनाने के दिए निर्देश

जिले में पर्यटन स्थलों विकास के लिए कलक्टर की पहल

 

प्रताप से जुड़े स्थलों के विकास में धन की कोई कमी नहीं-कलेक्टर

उदयपुर, 22 जनवरी 2022 । मेवाड़ के गौरव तथा शौर्य व स्वाभिमान के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से जुड़े स्थलों के विकास में धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। पर्यटन दृष्टि से इनके विकास के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले हर प्रस्ताव को क्रियान्वित करने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।
यह बात जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने जिले में पर्यटन विकास विषय पर एक विशेष बैठक में पर्यटन विभागीय अधिकारियों से कहीं।

इस मौके पर उन्होंने प्रताप के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थान चावंड व गोगुंदा आदि के विकास के लिए पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों केे बारे में पूछा और इनके विकास व जीर्णोद्धार के लिए आवश्यकताओं पर जानकारी ली।

कलक्टर ने कहा कि महाराणा प्रताप मेवाड़ के इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मेवाड़ के गौरव की विश्व पटल पर छवि को संवारने की दृष्टि से उन्होंने प्रताप से संबंधित स्थलों की वस्तुस्थिति पर चर्चा करते हुए इनके समुचित विकास पर जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से उदयपुर विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखता है और इसे कायम रखने के लिए यहां नवाचारों को बढ़ावा देना होगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटन को बढ़ावा मिले।

पर्यटन निदेशक से की बात:

बैठक दौरान पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि चावंड स्थित महाराणा प्रताप के समाधि स्थल के विकास के लिए 60.33 लाख तथा प्रताप स्मारक स्थल चावंड के लिए 40.72 लाख के विकास कार्यों के प्रस्ताव नवंबर माह में ही पर्यटन निदेशालय भिजवाने की जानकारी दी। इस पर कलक्टर मीणा ने तत्काल ही पर्यटन निदेशक निशांत जैन से फोन पर बात की और इनकी प्रगति के बारे में पूछा। उन्होंने पर्यटन निदेशक जैन से कहा कि यदि विभाग इन स्थलों के लिए बजट उपलब्ध नहीं करवा सकेगा तो जिला प्रशासन इसे डीएमएफटी अथवा अन्य किसी मद से उपलब्ध कराएंगे।

इको टूरिज्म प्लान बनाने के दिए निर्देश:

बैठक दौरान कलक्टर मीणा ने वन विभागीय अधिकारियों से चर्चा करते हुए राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में इको टूरिज्म प्लान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति की उदयपुर पर असीम कृपा रही है, आवश्यकता है उसे सहेजने और संवारने की। कलक्टर ने उदयपुर में इको टूरिज्म क्षेत्र में नवाचार करते हुए विशेष योजना बनाकर इसे बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इसके लिए निर्धारित कमेटी की बैठक आयोजित कर सुझाव प्राप्त करने एवं पर्यावरण संरक्षण की मंशा को बनाए रखते हुए विशेषज्ञों के साथ इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के निर्देश दिये।