होम वोटिंग हेतु तैयार होगी श्रेणीवार सूची, फॉर्म 12डी का वितरण 20 से
ताकि बढती उम्र, शारीरिक अक्षमता या कर्तव्य नहीं बने लोकतंत्र में भागीदारी में बाधक
उदयपुर, 16 अक्टूबर 2023। लोकतंत्र की मजबूती इसी में निहित है कि हर पात्र व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें और लोकतंत्र की खूबसूरती इसमें है कि मतदाता स्वयं बूथ तक पहुंच कर अपने मताधिकार का उपयोग कर निर्वाचन प्रक्रिया में सहभागी बने। बावजूद अधिक आयु, शारीरिक असक्षमता या कोविडजन्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के मद्देनजर मतदाता बूथ तक नहीं जा सके तो भारत निर्वाचन आयोग ने उनके लिए अनुपस्थित पोस्टल बैलेट (एपीबी) के रूप में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
तैयार होगी श्रेणीवार सूची, फॉर्म 12डी का वितरण 20 से
होम वोटिंग प्रकोष्ठ प्रभारी व उपनिदेशक स्वायत्त शासन विभाग कुशल कोठारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने होम अनुपस्थित डाक मत प्रक्रिया (होम वोटिंग) का टाइम फ्रेम कार्यक्रम जारी कर दिया है। इसके तहत 17 अक्टूबर को वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व कोविड संक्रमित मतदाताओं की श्रेणीवार सूची तैयार की जाएगी।
17 एवं 18 अक्टूबर को बीएलओ को फॉर्म 12 डी वितरण को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। 18 अक्टूबर को ही राजनैतिक दलों को प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए बैठक होगी। 20 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक फॉर्म 12 डी का वितरण किया जाएगा। 30 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक अधिसूचना के 5 दिनों के भीतर बीएलओ द्वारा भरे गए 12डी फार्म का संग्रह किया जाएगा। इसी दरम्यान रिटर्निंग अधिकारी प्रतिदिन प्राप्त होने वाले 12डी की दैनिक जांच कर पात्र मतदाताओं में से सही प्रपत्रों की सूची तैयार कर निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराएंगे।
25 से 27 अक्टूबर तक एपीबी की मतदान प्रक्रिया के संबंध में मतदान दल, माइक्रो आब्जर्वर, वीडियोग्राफी और बीएलओ का प्रथम प्रशिक्षण होगा। 5 से 7 नवम्बर तक पात्र मतदाताओं से वोटों के संग्रह के लिए रूटचार्ट और कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। 9 नवम्बर तक मतदान दलों के रूटचार्ट और कार्यक्रम को राजनैतिक दलों, उम्मीदवार तथा मीडिया से साझा किया जाएगा। बीएलओ संबंधित मतदाताओं को मतदान की तारीख और समय से अवगत कराएंगे।
उम्मीदवारों को भी ऐसे चिन्हित मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी। 11 से 13 नवम्बर तक द्वितीय प्रशिक्षण होगा। 14 से 19 नवम्बर तक मतदान दल तय कार्यक्रम के अनुसार प्रथम भ्रमण के तहत घर-घर जाकर मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी के साथ वोट एकत्र करेंगे और प्रतिदिन रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में जमा कराएंगे। मतदान दलों का द्वितीय भ्रमण 20 एवं 21 नवम्बर को होगा। होम वोटिंग की सुविधा पूरी तरह से स्वैच्छिक है। मतदाता चाहे तो 12डी आवेदन नहीं करके सीधे बूथ पर जाकर भी मतदान कर सकते हैं। एक बार आवेदन करने तथा पोस्टल बैलेट जारी हो जाने व मतदाता सूची में पीबी अंकित होने के पश्चात संबंधित मतदाता को बूथ पर आकर मतदान करने का अवसर नहीं मिलेगा।
भारत निर्वाचन आयोग ने बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए जहां होम वोटिंग सुविधा उपलब्ध कराई, वहीं पहली बार अनिवार्य सेवाओं से जुड़े कार्मिकों को भी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए पोस्टल बैलेट से मतदान की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आयोग के निर्देशानुसार राज्य निर्वाचन विभाग के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर इसके लिए तैयारियां कर रहा है। आयोग ने इसके लिए टाइम फ्रेम कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। उसके अनुरूप जिला निर्वाचन अधिकारी उदयपुर अरविन्द पोसवाल एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी शैलेष सुराणा के निर्देशन में होम वोटिंग और डाक मत पत्र सेल अपने
प्रभारी अधिकारियों के नेतृत्व में पूरी उर्जा के साथ काम में जुटी हुई हैं।
वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन और कोविड संक्रमितों को मिलेगी होम वोटिंग सुविधा
भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार 80 से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं तथा 40 प्रतिशत से अधिक विकलांग दिव्यांग जनों तथा कोविड संक्रमितों को होम वोटिंग की सुविधा दी है। इसके तहत अधिसूचना जारी होने के 5 दिन के अंदर फॉर्म 12डी भर कर प्रस्तुत करना होगा। बूथ लेवल अधिकारी अपने क्षेत्र के ऐसे चिन्हित मतदाताओं को 12डी फॉर्म उपलब्ध कराएंगे तथा भरा हुआ आवेदन प्राप्त कर रिटर्निंग अधिकारी तक पहुंचाएंगे। आवेदनों की जांच के बाद पोस्टल बैलेट जारी किए जाएंगे। मतदाता सूची में उनके नाम के सम्मुख पीबी (पोस्टल बैलेट) अंकित किया जाएगा। इसके पश्चात रूट चार्ट तैयार कर मतदान दलों को होम वोटिंग के लिए भेजा जाएगा। होम वोटिंग के लिए चिन्हित मतदाताओं की सूचना सभी राजनैतिक दलों और मीडिया में सार्वजनिक की जाएगी। चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी बूथ स्तर के समान ही होम वोटिंग के लिए भी अपने अभिकर्ता नियुक्त करेंगे, जो होम वोटिंग के दौरान उपस्थित रह सकेंगे।
उदयपुर में होम वोटिंग के लिए विधानसभा वार चिन्हित मतदाता
- वरिष्ठ नागरिकः निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर 16 अक्टूबर तक अपडेट सूचना के अनुसार उदयपुर जिले में 80 वर्ष से अधिक आयु के कुल 60034 मतदाता चिन्हित हैं। इसमें गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र में 6977, झाडोल में 6382, खेरवाड़ा में 7770, उदयपुर ग्रामीण में 5952, उदयपुर में 7432, मावली में 8029, वल्लभनगर में 9442 तथा सलूम्बर में 8050 मतदाता शामिल हैं।
- दिव्यांगजनः उदयपुर जिले में 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले चिन्हित मतदाताओं की संख्या 20691 है। इसमें गोगुन्दा विस क्षेत्र में 3442, झाडोल में 3785, खेरवाड़ा में 1895, उदयपुर ग्रामीण में 1971, उदयपुर में 1085, मावली में 2930, वल्लभनगर में 2346 तथा सलूम्बर में 3237 मतदाता शामिल हैं।
- कोविडः उदयपुर में फिलहाल इस श्रेणी में कोई मतदाता चिन्हित नहीं है।
आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्मिकों के लिए पहली बार पोस्टल बैलेट सुविधा
भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्मिकों के लिए भी पोस्टल बैलेट सुविधा उपलब्ध कराई है। इसमें रोडवेज बस के चालक-परिचालकों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कार्मिकों, अग्निशमन सेवा, पीएचईडी के पंप संचालक व टर्नर, उर्जा विभाग के इलेक्ट्रीशियन व लाइटमैन, निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचित मीडियाकर्मियों, दूग्ध उत्पादक संघ से जुड़े कार्मिकों आदि को शामिल किया गया है। इसमें उन्हीं कार्मिकों को पोस्टल बैलेट जारी किए जाएंगे, जिनकी ड्यूटी मतदान दिवस पर नियोजित होने से बूथ पर जाकर मतदान करने से वंचित रहने की संभावना हो। ऐसे मतदाताओं के लिए तीन दिन की अवधि के लिए डाक मतदान केंद्र मतदान दिवस से कम से कम 3 दिन पहले रिटर्निंग अधिकारी मुख्यालय पर स्थापित किया जाएगा। इसमें वे किसी भी दिन सुबह 9 से शाम 5 बजे के दरम्यान आकर अपना मतदान कर सकेंगे।