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मेनार तालाब को रामसर साइट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया

स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी की बैठक में प्रदेश के पांच तालाबों में मेनार का भी नाम 

 

मेवाड़ में मेनार ने प्रकृति संरक्षण में मिसाल कायम की है। यहां के बुजुर्गों द्वारा सदियों से पक्षी संरक्षण के साथ प्राकृतिक संपदाओं को संजोए रखने के फैसलों से आज मेनार गांव के तालाब विश्वविख्यात हो चुके हैं।

इन्हीं के प्रयासों से पिछले दिनों मेनार के दोनो तालाब को राज्य सरकार ने वेटलैंड घोषित किया था। अब मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स को रामसर घोषित करवाने के लिए भी चुना गया है। ये महत्वपूर्ण निर्णय स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी की बैठक में लिया गया। उक्त बैठक वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी की अध्यक्षता में हुई। इसमें वेटलैंड्स के विकास के लिए बजट उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई साथ ही रामसर साइट घोषित करने के लिए प्रथम चरण में 5 आद्रभूमियों को चुना गया, जिसमें उदयपुर जिले से मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स को भी शामिल किया गया है। अब डोक्यूमेंटेशन होगा इसमें पांच से छह माह का समय लगेगा।

                                            यह भी खास....

  • 1- क्षेत्र में शिकार पर सख्त प्रतिबंध लगेगा।
  • 2 - आर्द्रभूमि और उसके कैचमेंट,बफर की सीमा निर्धारित होंगी।
  • 3 - वेटलैंड के बाद ये नियम अब सख्ती से लागू होंगे।
  • 4 - मेनार तालाब के वास्तविक क्षेत्र का सीमांकन तय होगा।
  • 5 - ठोस, खतरनाक व ई-अपशिष्ट पदार्थों के संग्रहण एवं निष्कासन पर पाबंदी होगी।
  • 6 - पश्चिम बंगाल में सुंदरबन भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल है।
  • 7- नया उद्योग स्थापित करने और मौजूदा उद्योगों के विस्तार पर पाबंदी होगी।
  • 8 - आद्रभूमि के आस-पास किसी भी प्रकार अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। 
  • 9 - तालाब के करीब 200 फीट तक कोई भी स्थायी निर्माण नहीं हो सकेगा।
  • 10 - मछलियों एवं माइग्रेटरी पक्षियों को पर्यटकों द्वारा खाद्य पदार्थ देने पर कार्रवाई होगी।
  • 11 - वेटलैंड क्षेत्र में निषिद्ध और विनियमित गतिविधियां निर्धारित होंगी
  • 12 - वाणिज्यिक खनन, पत्थर उत्खनन और क्रशिंग इकाइयों पर पाबंदी होगी।

अतिरिक्त प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने कहा की रामसर के लिए प्रदेश की चार-पांच साइट सेलेक्ट की है इसमें मेनार का नाम है। आज हमने स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी  से यह अप्रूवल लिया है की हम मेनार को रामसर साइट के लिए लेना चाहते है।

उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आरके जैन ने बताया की स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी की बैठक में मेनार को रामसर में शामिल करने को लेकर चर्चा हुई है। हमने पंचायत से प्रस्ताव भी मांगा है। जो आगे भिजवाया जाएगा।

उदयपुर के पूर्व मुख्य वनसंरक्षक वन्यजीव राहुल भटनागर, बताते है की मेनार को रामसर साइट पर लेने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। दो दिन पूर्व 2024 के बर्ड फेस्टीवल को लेकर बैठक हुई थी। इसमें भी मेनार को रामसर साइट पर लेने की बात उठाई थी। मेनार रामसर साइट पर आता है तो विश्वस्तर पर उदयपुर और मेनार की पहचान होगी। 

क्या है रामसर साइट

रामसर साइट, रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है। रामसर मान्यता दुनियाभर में आर्द्रभूमि की पहचान है जो अंतरराष्ट्रीय महत्व के हैं, खासकर अगर वे जलपक्षी को आवास प्रदान करते हैं। ऐसी आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग में अंतरराष्ट्रीय हित और सहयोग शामिल है।