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कोरोना से जीती जंग कहीं हम हार न जाएं, इसलिए हम जरूरी सावधानी अपनाएं- CM गहलोत की अपील 

फरवरी माह में इसका प्रकोप कम पड़ गया था लेकिन मार्च माह में संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। 

 

कोरोना जागरूकता पेम्फलेट का विमोचन

उदयपुर, 10 मार्च 2021। वैश्विक महामारी कोरोना का दूसरा दौर शुरू हो चूका है। भारत समेत दुनिया में एक बार फिर कोरोना के केसेज़ बढ़ते जा रहे है। वहीँ कोरोना के नए नए स्ट्रेन और वेरिएंट भी सामने आ रहे है।  हमारे शहर में ही फरवरी माह में इसका प्रकोप कम पड़ गया था लेकिन मार्च माह में संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। 

एक बार फिर से लोगो में जागरूकता लाना ज़रूरी हो गया है। क्योंकि लोगो में भय कम हो गया है। लोगो में लापरवाही भी देखीं जा रही है। ना मास्क की परवाह ना सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नज़र आ रही है। इसको लेकर प्रशासन भी हर संभव प्रयास कर रहा है। शहर के अम्बामाता थाना क्षेत्र और हाथीपोल थाना क्षेत्र के कोरोना प्रभावित क्षेत्रो में लोगो को कर्फ्यू का सामना करना पड रहा है।  ऐसे में ज़रा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।  

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संदेश “कोरोना से जीती जंग कहीं हम हार न जाएं..........इसलिए हम जरूरी सावधानी अपनाएं“ तथा "कोरोना अभी गया नहीं, अभी सावधानी रखें“ पर आधारित पेम्फलेट्स का विमोचन जिला मुख्यालय पर बुधवार को किया गया। राज्य सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा कोरोना जागरूकता पर तैयार कराए गए इस पेम्फलेट का विमोचन एडीएम सिटी अशोक कुमार, एडीएम प्रशासन ओ.पी.बुनकर, जनसम्पर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी विपुल शर्मा ने किया।

एडीएम सिटी ने बताया कि मुख्यमंत्री की यह अपील जिले के सभी विद्यालय व महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के माध्यम से घर-घर तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने वर्तमान स्थिति को देखते हुए पूर्ण सावधानी बरतने एवं मुख्यमंत्री के इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की बात कही। एडीएम बुनकर ने कहा कि युवा पीढ़ी के माध्यम से आमजन को मास्क पहनने, नियमित हाथ धोने, सामाजिक दूरी बनाए रखने के साथ ही कोविड गाइडलाइन की पालना के लिए प्रेरित व जागरूक किया जाएगा।

जनसम्पर्क उपनिदेशक डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार उदयपुर जिले के लिए 2 लाख पम्पलेट प्रकाशित करवाए गये है। इसका उद्देश्य मुख्यमंत्री के कोरोना जागरूकता संदेश को जिले में स्कूल-कॉलेज विद्यार्थियों के माध्यम से घर-घर, ढाणी-ढाणी तक पहुंचाना है।