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उदयपुर और गुजरात के सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों की बॉर्डर बैठक

निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए साझा प्रयासों पर सहमति
 

उदयपुर, 11 मार्च। आगामी लोकसभा चुनाव - 2024 को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपादित कराने को लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों की बॉर्डर बैठक सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित हुई।

कांफ्रेंस बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधि को रोकने के लिए समन्वित प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि उदयपुर जिले की करीब 185 किलोमीटर सीमा गुजरात के साबरकांठा जिले से तथा करीब 25 किलोमीटर सीमा अरवल्ली जिले से मिलती है। चुनाव के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में मादक पदार्थों और नकदी की तस्करी बढ़ने की संभावना रहेगी, वहीं आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का भी आना-जाना बढ़ सकता है।

नाकाबंदी और सतर्कता बरतने का दिया सुझाव

कांफ्रेंस बैठक में कलक्टर अरविन्द पोसवाल अवगत कराया कि उदयपुर जिले की ओर से साबरकांठा व अरवल्ली जिलों की सीमा पर नाके स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आग्रह किया कि दोनों ओर निर्वाचन प्रक्रिया होनी है, ऐसे में मैन पावर की समस्या रह सकती है। इसलिए दोनों छोर से अलग-अलग स्थानों पर नाकाबंदी की जाए, ताकि अधिक से अधिक पाईंट कवर किए जा सकें। दोनों छोर के अधिकारी एक दूसरे का पूर्ण सहयोग करें।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदयपुर गोपाल देवल ने पुलिस की ओर से किए जा रहे प्रबंधन की जानकारी दी। वहीं साबरकांठा व अरवल्ली जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने भी उनकी ओर से की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने राजस्थान की ओर से शराब तस्करी बढ़ने की आशंका जताते हुए राजस्थान में सरकारी ठेका दुकानों से अधिक मात्रा में शराब की खरीदी होने पर संबंधित वाहन को ट्रेस किए जाने का सुझाव दिया।

दोनों ओर से अधिकारियों ने एक-दूसरे से सीमावर्ती क्षेत्रों की मतदाता सूची साझा करने पर सहमति व्यक्त की, ताकि वोटर डूप्लीकेसी को रोका जा सके। साथ ही वांछित अपराधियों की सूची साझा करने तथा उनकी धरपकड़ में सहयोग पर भी सहमति व्यक्त की।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर एवं प्रभारी अधिकारी कानून व्यवस्था राजीव द्विवेदी सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के सहायक निर्वाचन अधिकारी उपस्थित रहे।