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सज्जनगढ़ अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन में नये होटल-रिसोर्ट का नहीं हो सकेगा निर्माण 

कलक्टर ने ली ईको सेन्सिटिव जोन की मॉनिटरिंग की बैठक

 

उदयपुर, 6 जनवरी। सज्जनगढ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन की मॉनिटरिंग की बैठक कमेटी अध्यक्ष व जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित की गयी, जिसमें सज्जनगढ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गयी एवं निर्णय लिये गये। जिला कलक्टर ने सदस्य सचिव उप वन संरक्षक, वन्यजीव को सज्जनगढ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेंसिटिव जोन की अधिसूचित सीमा के भीतर भूमि परिवर्तन एवं निर्माण संबंधित प्रकरण की जांच कर मॉनिटरिंग कमेटी के समक्ष निर्णय हेतु रखने के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट में राजस्व विभाग, युडीए, नगर निगम व वन विभाग आदि संबंधित विभाग द्वारा प्रकरण का सम्पूर्ण विवरण सम्मिलत होना आवश्यक हैं।

नये होटल-रिसोर्ट हेतु भूमि परितर्वन की स्वीकृति जारी नही की जाएगी

कलक्टर ने स्पष्ट किया कि सज्जनगढ़ अभयारण्य की सीमा के एक किलोमीटर या ईको सेन्सिटिव जोन की सीमा में से न्यूनतम परिधि में किसी तरह के नये होटल-रिसोर्ट हेतु भूमि परितर्वन की स्वीकृति जारी नही की जाएगी। अभयारण्य की सीमा के 1 किलोमीटर की परिधि के बाहर एवं ईको सेन्सिटिव जोन की सीमा के भीतर यदि कोई नयी होटल रिसोर्ट हेतु भूमि परिवर्तन के आवेदन प्राप्त होते है, तो ऐसे प्रकरणों का संबंधित विभागों से पूर्ण जांच कर, प्रकरणों को मॉनिटरिंग कमेटी के समक्ष रखा जाएगा। मॉनिटरिंग कमेटी नियमानुसार निर्णय लेगी।

अभयारण्य की सीमा के 1 किलोमीटर की परिधि में यदि कोई होटल या रिसोर्ट संचालित है, जिसको अधिसूचना जारी होने से पूर्व सभी स्वीकृति जारी की गयी है। ऐसे होटल के विस्तार हेतु या नये निर्माण की स्वीकृति जारी नही की जाएगी। सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन की सीमा के भीतर स्थानीय निवासियों के स्वयं के आवास हेतु एकल आवास के अन्तर्गत आवासीय स्वीकृति जारी करने के लिये यहां के मूल निवासी आवेदन कर सकेंगे जिसे मॉनिटरिंग कमेटी के समक्ष रखा जाएगा।

ध्वनि प्रदुषण के रोकथाम हेतु बैनर एवं डिस्पले बोर्ड लगाए जाएंगे

बैठक में निर्देश दिए कि सज्जनगढ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन की सीमा के भीतर एवं फतहसागर झील के आस पास के क्षेत्रों में मोबाईल डी.जे., म्युजिक सिस्टम, बारात एवं धार्मिक कार्यक्रमों में चार पहिया वाहनों पर बैण्ड आदि नही बजाये जाएंगे। इसकी रोकथाम हेतु पुलिस महकमा एवं जिला परिवहन विभाग अपनी कार्यवाही अमल में लाएंगे। और इस सीमा में पटाखों पर भी प्रतिबंध रहेगा। उदयपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम उदयपुर के द्वारा सज्जनगढ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन एवं फतहसागर झील के आस पास के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे विभिन्न गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी एवं ध्वनि प्रदुषण के रोकथाम हेतु बैनर एवं डिस्पले बोर्ड लगाए जाएंगे। साथ ही होटल व रिसोर्ट में ध्वनि मापक यंत्र लगाये जाने अनिवार्य होगें।