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अबूझ सावों पर बाल विवाह की रोकथाम हेतु कलक्टर ने गठित की समितियां

दिए प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश

 

अप्रेल माह में दो दिन तक सावों के अबूझ मुहूर्त आ रहे हैं। ऐसे में बाल विवाह को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। कलक्टर ताराचंद मीणा ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम व तहसीलवार कमेटियां गठित कर जिला व उपखंड स्तरीय अधिकारियों को प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। 

इस वर्ष 22 अप्रेल को अक्षय तृतीया (आखातीज) व 5 मई को पीपल पूर्णिमा हैं। इन दोनों दिनों को सावों का अबूझ मुहूर्त होने की मान्यता है। ऐसे में बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम स्तरीय समिति में ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी हल्का, बीट कॉन्स्टेबल, आशा सहयोगिनी व आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। तहसील स्तरीय समिति में तहसीलदार, संबंधित पंचायत समिति के विकास अधिकारी व थानाधिकारी को रखा गया है। वहीं सतर्कता दल में उपखंड अधिकारी, संबंधित वृत्ताधिकारी व सीडीपीओ प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

विवाह से संबंधित सभी की जिम्मेदारी तय होगी

कलक्टर ने बताया कि गांव-मोहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की संभावना हो, संबंधित अधिकारी-कर्मचारी समन्वित रूप से समझाईश करेंगे, वहीं जहां आवश्यक हो कानून द्वारा बाल विवाह रोकने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधू की आयु का प्रमाण पत्र प्रिन्टिंग प्रेस वालों के पास रहे तथा निमंत्रण पत्र पर वर-वधू की जन्म तिथि अंकित करवाई जाए। 

इसी प्रकार ऐसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी हैं जैसे हलवाई, बैण्ड, पण्डित, बाराती, पाण्डाल व टेन्ट वाले, ट्रान्सपोर्टर आदि पर बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन लिया जाए।