×

जिला स्तरीय राजस्थान युवा महोत्सव का सतरंगी समापन

युवा महोत्सव से सांस्कृतिक विरासत संरक्षण एवं कला प्रोत्साहन की परिकल्पना को मिला मूर्तरूप - जनजाति आयुक्त

 

35 तरह की स्पर्धाओं के विजेताओं को किया पुरस्कृत, रंगारंग कार्यक्रमों ने बांधा समा

उदयपुर 2 अगस्त 2023। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त ताराचंद मीणा ने कहा कि राजस्थान युवा महोत्सव के सफलतम और भव्य आयोजन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण देने और युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया है।

आयुक्त मीणा बुधवार को नगर निगम परिसर स्थित सुखाड़िया रंगमंच पर जिला स्तरीय राजस्थान युवा महोत्सव के समापन समारोह को बतौर अतिथि संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री युवाओं को लेकर हर समय चिन्तनशील रहते हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार ने राजीव गांधी ओलम्पिक खेल और युवा महोत्सव जैसे आयोजनों के माध्यम से युवाओं के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया। 

मीणा ने कहा कि प्रतियोगिता जीत-हार का नहीं अपितु सीखने का मंच होती है। इसलिए असफल प्रतिभागी निराश होने के बजाए सीखें और स्वयं को परिमार्जित करें। उन्होंने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढावा देने के लिए जयसमंद, झाड़ोल और देवाला में नए शिल्पग्राम स्थापित किए जाने हैं। इसके अलावा भी कई तरह की गतिविधियां प्रस्तावित हैं।

अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर प्रभा गौतम ने कहा कि टीम वर्क से ही युवा महोत्सव का सफलतम आयोजन संभव हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों को सकारात्मक रहते हुए अपनी कमियों को पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति जिला संयोजक पंकज शर्मा, समाजसेवी कचरूलाल चौधरी, हर्षवर्द्धनिंसंह, युवा बोर्ड सदस्य अजीत चौधरी, युवा महोत्सव समन्वयक भैरूलाल गायरी भी बतौर अतिथि मंचासीन रहे। प्रतियोगिता का प्रतिवेदन दिलीप आर्य ने प्रस्तुत किया। प्रारंभ में मुख्य जिला शिक्षाधिकारी आशा माण्डावत और एसीडीईओ दिनेश बसंल सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले समिति सदस्यों, सृजनधर्मियों आदि का भी अभिनंदन किया गया।

आयुक्त ने गुनगुनाया लोकगीत कुरजां

युवा महोत्सव में प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने जनजाति आयुक्त ताराचंद मीणा ने पश्चिमी राजस्थान के प्रसिद्ध लोकगीत कुरजां की कुछ पंक्तियां गुनगुनाई। इस दौरान कार्यक्रम स्थल तालियों से गूंज उठा।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ने किया मुग्ध  

समापन समारोह में बच्चों एवं युवाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मुग्ध सा कर दिया। जिले के आदिवासी अंचल के बालक-बालिकाओं ने लोक गीतों पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया। वहीं युवाओं ने योग क्रियाओं और शारीरिक करतबों से सभी को अंचभित किया।

डॉ कुमावत का अभिनंदन

कार्यक्रम में वरिष्ठ कलाधर्मी डॉ जगदीश कुमावत के उत्तरी कोरिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय युवा महोत्सव में दो स्वर्ण पदक प्राप्त करने तथा राष्ट्रीय स्तर पर चार स्वर्ण पदक जीतने पर जनजाति आयुक्त मीणा सहित सभी अतिथियों ने अभिनंदन किया।

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में सृजनधर्मी डॉ सत्यनारायण सुथार, डॉ जगदीश कुमावत, हेमन्त जोशी, राजमल दक, रविन्द्र दहिया, चेतन औदिच्य, इंदिरा करतला, समाजसेवी रविन्द्रपालसिंह, मोहम्मद अयूब, शहनाज अयूब, मदनसिंह बाबरवाल, यशवन्त चौधरी, स्काउड गाइड से सुरेंद्रसिंह पाण्डे, विजयलक्ष्मी सहित विभागीय कार्मिक, युवा कलाकार तथा आमजन मौजूद रहे। संचालन सविता जोशी एवं रणवीरसिंह राणावत ने किया।

ये रहे परिणाम

राजस्थान युवा महोत्सव के जिला स्तरीय आयोजन के तहत हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम के अनुसार सामूहिक लोक नृत्य में गुजरी कुमारी व दल, द्वितीय सेजल सुहावका व दल, व तृतीय भव्या सोनी व दल, सामूहिक लोक गायन में प्रथम नीलेश चौबीसा, द्वितीय अंजलि जैन व तृतीय महेन्द्रसिंह चौहान, नाटक में प्रथम आरती लौहार व दल, द्वितीय हर्षिता वेद व दल व तृतीय निर्मल प्रजापत व दल रहे।

इसी प्रकार शास्त्रीय नृत्य कथक में प्रथम हरिजा पाण्डेय, द्वितीय तितिक्षा आर्य व तृतीय सोम्या मिश्रा, भरतनाट्यम में प्रथम भव्या गोस्वामी, द्वितीय नेहा नकवाल व तृतीय खुशी आचार्य रहे। ओडीसी में धर्मिष्ठा औदिच्य, मणिपुरी में भगवतीलाल मीणा व कुचीपुड़ी में कशिश शर्मा प्रथम रहे।

शास्त्रीय एकल गायन में प्रथम भुवन शर्मा, द्वितीय भव्यन खोखावत, तृतीय तुहीना भादूड़ी, आशुभाषण में प्रथम धीरज चौबीसा, द्वितीय किंजल चौबीसा व तृतीय सिद्धी मेहता, समूह चर्चा में प्रथम धनिष्ठा औदिच्य, द्वितीय मनीषा मेघवाल, तृतीय सोफीन अख्तर, कविता लेखन में प्रथम प्रियांशु औदिच्य, द्वितीय प्रभात जोशी व तृतीय ममता प्रजापत, स्लोगन में प्रथम शिवानी सुथार, द्वितीय सराहआलम शाह व तृतीय माही सामरिया रहे।

शास्त्रीय वाद्ययंत्र सितार में प्रथम प्रियंका वर्मा, द्वितीय चंदन प्रजापत व तृतीय ज्योति प्रजापत, बांसुरी में प्रथम रवि कुमार, द्वितीय प्रितीश कुमार व तृतीय सत्य प्रकाश व्यास, तबला वादन में भव्य खोखावत, द्वितीय संदीप नागदा व तृतीय रोनक मीणा, हारमॉनियम में प्रथम जयसिंह मीणा, द्वितीय विवेक सुथार व तृतीय प्रितेश कुमार, गिटार में प्रथम रोहित मीणा, द्वितीय अंजू लौहार व तृतीय अंकित मीणा रहे।

इसी क्रम में आर्ट एण्ड इंडीजिनियस गेम योगा में प्रथम अशोक कुमार, द्वितीय जस्विना सनल व तृतीय अरणव शर्मा, मार्शल आर्ट में प्रथम गौरव कावरियां, द्वितीय प्रेरणा सोलंकी व तृतीय किरण सेवक, फोटोग्राफी में प्रथम प्रिंस चौबीसा, द्वितीय अंजलि देवड़ा व तृतीय हितेश लबाना, पोस्टर में प्रथम मोहित व्यास, द्वितीय मुक्ता सेन व तृतीय मंजू मेघवाल, मिट्टी मॉडलिंग में प्रथम मेताली आमेटा, द्वितीय हेमंत सिंह देवड़ा व तृतीय अंबालाल कुमार रहे।

भित्तिचित्र में विजयपाल सिंह राठौड़, फड में निर्मल प्रजापत व दल, रावणहत्था में निर्मल प्रजापत व अलगोजा में अभिषेक दमामी प्रथम रहे। मांडना में प्रथम अंजलि कुमारी कालबेलिया, द्वितीय रविना डांगी व तृतीय काजल कुंवर, खड़ताल में प्रथम राजवीर सिंह चौहान, मोरचंग मे प्रथम नीलेश चौबीसा, द्वितीय ललित मीणा व तृतीय पीयूष व्यास, तथा भपंग वादन में प्रथम भावेश दमामी व द्वितीय विजयपाल सिंह रहे।