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बड़गांव पहुंचा सरकारी अमला, स्कूल परिसर से कबाड़ हटवाया

बस्ती को शिफ्ट करने 15 दिन का अल्टीमेटम, रोड सीमा में आ रहा पक्का निर्माण किया ध्वस्त

 

उदयपुर 10 फ़रवरी 2024। बड़गांव के जनप्रतिनिधियों द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय बड़गांव की दयनीय हालत का मामला उठाने पर शनिवार को अवकाश होने के बावजूद राजस्व विभाग और उदयपुर विकास प्राधिकरण का अमला बड़गांव पहुंचा।

दो दिन पहले बड़गांव सरपंच संजय शर्मा ने कलेक्टर अरविंद पोसवाल से भेंट कर बड़गांव स्कूल की दयनीय हालत बतायी थी। सरपंच ने कलेक्टर को बताया था कि किसी तरह बड़गांव का सरकारी स्कूल कबाड़खाना बन चुका है। स्कूल सीमा में बसी कालबेलिया बस्ती के कारण स्कूली बच्चे नारकीय माहौल में  पढ़ाई करने मजबूर है। स्कूल परिसर डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो चुका।

कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बच्चों की पीड़ा को गंभीरता से लिया और उनके सख्त निर्देश पर शनिवार सुबह एसीडीओ बड़गांव रमेश बहेड़िया के नेतृत्व में उदयपुर विकास प्राधिकरण के तहसीलदार रणजीत सिंह और बड़गांव तहसीलदार पर्वतसिंह सहित राजस्व विभाग और यूडीए की टीम भारी जाब्ते के साथ बड़गांव पहुंची।

अधिकारियों ने स्कूल सीमा में बसी कालबेलिया बस्ती के परिवारों से सहमति लेकर उनको 15 दिन में यहां से विस्थापित करने का अल्टीमेटम दिया। साथ ही निगम की नाली पर बने अवैध झोपड़े हटाने के लिए भी संबंधित लोगों को पाबंद किया। इस दौरान बड़गांव सरपंच संजय शर्मा और पंचायत समिति सदस्य भुवनेश व्यास भी मौके पर मौजूद रहे और बच्चों के हित में जल्द से जल्द इस काम को पूरा करने पर जोर दिया।

प्रशासनिक टीम ने स्कूल परिसर में पड़े कबाड़ को मौके से हटवाने के साथ ही जेसीबी लगाकर यहां रोड सीमा में बने पक्के कमरे ध्वस्त किए। ये कमरे ढलान और विकट मोड़ पर बने होने से हादसे की संभावना रहती थी। बड़गांव सरपंच संजय शर्मा ने बताया कि यह बस्ती यहां से शिफ्ट होने से बच्चों को स्वच्छ वातावरण में पढ़ाई करने का माहौल मिलेगा। राजनीति से उपर उठकर बड़गांव के अधिकांश लोग चाहते है कि यह बस्ती जल्द से जल्द यहां से शिफ्ट हो। भुवनेश व्यास ने अधिकारियों से कहा कि यह काम होने से स्कूली बच्चे मन से दूआ देंगे।

ऐसे है स्कूल के हाल

स्कूल सीमा में ही कालबेलिया बस्ती होने से ये लोग यहीं पर आए दिन कबाड़ जलाते है। स्कूल परिसर में ही नहाना और कपड़े धोना,शाम को शराब का सेवन भी स्कूल के बरामदों में करना आम बात हो चुकी है। ऐसे में आखिरकार स्कूली बच्चे किस माहौल में पढ़ाई करने मजबूर हो रहे है इसको शब्दों में बया नहीं किया जा सकता। मनोहरपुरा से आ रहे पानी की निकासी के लिए नगर निगम ने नाली बनाई थी उसको भी उपर से कवर कर बस्ती के कुछ लोगों ने नाली पर ही झोपड़े बना दिए ।

सरकारी लवाजमें ये भी थे शामिल

रेवेन्यू इंस्पेक्टर गणपत शर्मा, चिरंतन शर्मा, दलपतसिंह, पटवारी सुरपाल सिंह, मधुसुदन, यूडीए के एक्सईएन निर्मल सुथार, एईएन गीतांजली भी कार्रवाई के दौरान मौजूद थे।