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विश्व सिकल सेल दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम कल 

टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित सांसद व विधायक करेंगे शिरकत

 

उदयपुर 18 जून 2024। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विश्व सिकल सेल दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एक्सीलेंस इन सिकल सेल डिजीज महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में बुधवार 19 जून को आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान ‘सेतु‘ रेपिड रेफरल रेड्रेसल सिस्टम का शुभारंभ भी किया जाएगा।
 
इस संबंध में मंगलवार को आरएनटी प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, विशिष्ट अतिथि उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, शहर विधायक ताराचंद जैन एवं ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, जनजाति आयुक्त प्रज्ञा केवरलानी, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ आर एल सुमन, एनएचएम ब्लड सेल ऑफिसर गिरीश द्विवेदी समेत प्रदेश के 8 जिलों के चिकित्सक एवं कई विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे।

कार्यशाला में ब्लड सेल कोऑर्डिनेटर मनीष चौधरी, सिकल सेल विशेषज्ञ श्रीमती बीबा टिंगा (सीईओ ग्लोबल अलायन्स ऑफ सिकल सेल डिजीज कनाडा), डॉ दीप्ति जैन नागपुर, डॉ गिरिराज चांडक वैज्ञानिक सीसीएमबी सीएसआईआर नेशनल एलायंस ऑफ सिकल सेल ऑर्गेनाइजेशन नेस्को के सचिव गौतम डोंगरे, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिकल सेल डिजीज के नोडल ऑफिसर डॉ लाखन पोसवाल, सहायक नोडल ऑफिसर डॉ भूपेश जैन, नर्सिंग इंचार्ज ललित किशोर पारगी आदि विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सिकल सेल के नोडल अधिकारी डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम सिकल सेल सक्षम राजस्थान फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिकल सेल डिजीज आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर की घोषणा 10 फरवरी 2023 को की गई थी। यह देश का दूसरा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है । पहला रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थित है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिकल सेल डिजीज उदयपुर की घोषणा के बाद बाल चिकित्सालय, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में ओपीडी सेवाएं 1 मार्च 2023 से प्रारंभ कर दी गई थी। आज तक इस केंद्र में 1150 पेशेंट रजिस्टर्ड है जिसमें सिकल सेल रोगी 300 और सिकल सेल वाहक 850 शामिल है। न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग फॉर सिकल सेल डिजीज में 355 शिशु पॉजिटिव आए है इन सभी का ट्रीटमेंट सेंटर आफ एक्सीलेंस से किया जा रहा है। अभी तक कुल 1600 लोग ओपीडी में सेवाओं का लाभ ले चुके है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिकल सेल डिजीज उदयपुर में दैनिक ओपीडी, वीओसी एवं ट्रांसफ्यूजन वार्ड, समस्त टीकाकरण, काउंसलिंग आदि सेवाएं उपलब्ध है।

सेतु कार्यक्रम का भी होगा शुभारंभ -

आरएनटी प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा सेतु कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेतु (रैपिड रेफरल रेड्रेसल सिस्टम/एक त्वरित रेफरल निवारण प्रणाली) एक अत्याधुनिक पहल है जो रोगियों को बेहतर और शीघ्र चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली रेफरल अस्पतालों और आरएनटी मेडिकल कॉलेज के बीच रेफरल प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी, जिससे रोगियों को त्वरित और कुशल सेवाएं सुगमता से प्राप्त होगी। रेफरल अस्पतालों में चिकित्सक क्यूआर कोड स्कैन करके रेफरल सूचना ऑनलाइन करेंगे इसके लिए पोस्टर बनाए जा चुके है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर डॉक्टर को एक ऑनलाइन फॉर्म मिलेगा, जिसमें आवश्यक रोगी जानकारी भरी जाएगी। फॉर्म सबमिट करने पर, कंट्रोल रूम को तत्काल सूचना प्राप्त होगी, राज्य में इस तरह का पहला कंट्रोल रूम व कॉल सेंटर।

उन्होंने बताया कि रेफरल जानकारी सभी संबंधित आपातकालीन विभागों को वास्तविक समय में प्रदर्शित की जाएगी इस हेतु सभी जगह एलईडी लगाई गई है। कंट्रोल रूम रोगी से संपर्क कर उसके आने की पुष्टि करेगा और अनुमानित समय प्राप्त करेगा और आपातकालीन विभाग को बताएगा इस हेतु कोऑर्डिनेटर लगाए गए है। आपातकालीन विभाग में कोऑर्डिनेटर को  रोगी की स्थिति और आवश्यकताओं की जानकारी दी जाएगी। पूर्व सूचना के आधार पर आपातकालीन विभाग रोगी के आगमन के लिए तैयार रहेगा। प्रथम बार आपातकालीन विभाग में स्पेशलिटी की सेवाएं भी उपलब्ध होंगी, यदि रेफर करने वाले चिकित्सक ने इस सेवा का चयन रेफर जानकारी में किया है तो  तो संबंधित चिकित्सक से कंट्रोल रूम द्वारा संपर्क किया जाएगा और चिकित्सक रोगी के पहुंचने से पूर्व ही वहाँ उपस्थित होंगे। रोगी के आगमन पर सुचारू क्रियान्वयन रू आगमन पर रोगी को तुरंत आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के ध्येय से आपातकालीन विभाग के सभी बेड आईसीयू बेड के साथ ही मॉनिटर व वेंटिलेटर स्थापित किये गए है।

डॉ माथुर ने बताया कि रोगी को आपातकालीन विभाग में ही सभी आवश्यक जाँचे उपलब्ध हो इस लिए आगामी कुछ ही दिनों में डेडिकेटेड  आपातकालीन लेब की स्थापना हो जाएगी, एवं तब तक प्रतिदिन चौबीस घंटे लेब असिस्टेंट के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर से जांच की जाएंगी। आपातकालीन सेवाओं में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारियों को आसानी से संपर्क करने हेतु सीयूजी फोन उपलब्ध कराए गए है।  

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के लागू होने से प्रतीक्षा समय में कमी, गंभीर रोगियों के पहुचने से पूर्व ही सूचना से संसाधनों का बेहतर प्रबंधन, रेफरल अस्पतालों और आरएनटी मेडिकल कॉलेज के बीच बेहतर संचार, आपातकालीन विभाग में ही सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं की उपलब्धता, संस्थान को वित्तीय लाभ सहित रोगी को सभी राजकीय योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।