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यूआईटी की डिजाइन हुई फ़ैल, पुरानी बिल्डिंग को गिराए बिना ही बनानी थी नई इमारत

पिछले साल जुलाई में निर्माण शुरू करने वाले इंजीनियरो ने ही अब इसे गलत बताते हुए पुरानी बिल्डिंग को जड़ से साफ़ कर दिया
 

बड़ी इमारतों जैसे की माल, ऊँचे अपार्टमेंट्स, बिल्डिंग की डिजाइन को मंजूरी देने वाला यूआईटी खुद के अपने भवन की डिजाईन के मामले में फ़ैल हो गया। अपने ही परिसर में 130 लागत से पुरानी बिल्डिंग में नई इमारत बनाने का दावा करने वाली यू आईटी अभी बैकफूट पर है। पिछले साल जुलाई में निर्माण शुरू करने वाले इंजीनियरो ने ही अब इसे गलत बताते हुए पुरानी बिल्डिंग को जड़ से साफ़ कर दिया। अब नई इमारत की नीव रखी जा रही है, परन्तु 2006 पुरानी बिल्डिंग में खर्च हुए करीब 50 लाख रूपए के नुकसान को लेकर यूआईटी के पास कोई जवाब नही है। 

नया निर्माण कार्य का जिम्मा अधिशासी अभियंता निर्मल सुथार के नेतृत्व में हो रहा है। पूर्व में तय हिसाब से यह बिल्डिंग दिसंबर 2022 में बनकर तैयार की जानी थी, लेकिन अब ये जुलाई 2023 में बनकर खड़ी होगी। निर्माण का दायरा 119 गुणा 47 वर्ग फीट होगा। 

पुरानी बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 2006 में तत्कालीन यूआईटी सचिव महेंद्र पारख के कार्यकाल में हुआ था। अफसरों ने आधुनिकता के साथ इस बिल्डिंग को तैयार करने में कोई कसर नही छोड़ी थी।इसका उपयोग अपडेट मीटिंग हाल के तौर पर होता था। इसमें यूआईटी सचिव कक्ष भी था। सरकार द्वारा यूडीए की घोषणा करने के बाद यूआईटी ने भविष्य की जरूरत को देखते हुए परिसर में नई इमारत बनाने का फैसला लिया था। 

जिम्मेदारों के जवाब-

निर्माण से जुड़े जिम्मेदार नाम नही बताना चाहते है।  क्युकी उन्हें अधिकारियों का खौफ है। लेकिन इतना ज़रूर बताया की पुरानी बिल्डिंग का स्ट्रक्चर पत्थर की चुनाई पर था। पुरानी बिल्डिंग जी प्लस 5 का लोड लेने में असमर्थ थी। पहले प्लानिंग थी की पुरानी बिल्डिंग को बिना छेड़े ज़रूरत वाली जगहों पर पिलर उठा लेंगे और नयी बिल्डिंग का लोड ले लेंगे। लेकिन, प्लानिंग के अनुरूप कार्य करने पर सफलता नही प्राप्त हुई। 

नई बिल्डिंग में कहा क्या होगा?

  • नई बिल्डिंग के निर्माण का बजट 130 लाख रूपए है। 
  • जो डिजाईन तय की गयी है उस हिसाब से जी 2 प्लस होगी। इसका उपयोग यूडीए स्टाफ द्वारा बैठने के लिए किया जाएगा। 
  • ग्राउंड फ्लोर पर 40 गुणा 35 वर्गफीट का मीटिंग हॉल और 5 अफसरों के बैठक के कक्ष होंगे। 
  • इसके योजना के तहत फर्स्ट फ्लोर का उपयोग तहसील कार्यालय के लिए होगा । इस कार्यालय को कोर्पोरेट स्टाइल में डिजाईन किया जाएगा। 
  • नई बिल्डिंग के निर्माण की जिम्मेदारी ठेकेदार दिलीप कुमार अग्रवाल के पास है, जिनकी फर्म ने तय लगत से 12.5 फीसदी बिल रेट पर काम करने में रजामंदी दिखाई थी। जिसके बाद 20 मई को 2022 को ठेका कंपनी को वर्क आर्डर जारी किया गया था।  भविष्य में बिल्डिंग को जी प्लस 5 तक पहुँचाने की कार्ययोजना यूआईटी के पास है।