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पेट्रोल डीज़ल पर वैट घटा दीजिये गहलोत जी, बचत और राहत जनता को और बढ़त आपको मिल जाएगी 

बचत, राहत और बढ़त- की थीम वाला चुनावी वर्ष का बजट कल प्रस्तुत होगा

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कल 10 फरवरी को बजट प्रस्तुत किया जाएगा। चुनावी वर्ष का यह इस बजट इस बार बचत, राहत और बढ़त- की थीम पर प्रस्तुत किया जाएगा।  किए जाने वाले इस बजट के प्रति उदयपुर जिले में भी अपूर्व उत्साह है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार इस थीम का प्रचार किया जा रहा है और सभी ज़िलों में इसके प्रसारण के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं की जा रही है। 

बचत, राहत और बढ़त

वर्तमान में राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04% वैट लगता है, इसके अतिरिक्त पेट्रोल पर रोड सेस अलग से लगता है वहीँ डीज़ल पर 19.30% वैट (VAT) लगता है, इसके अतिरिक्त डीज़ल पर भी रोड सेस (Road Cess) अलग से लगता है। राजस्थान के पड़ौसी राज्यों के मुकाबले से यहाँ पर डीज़ल पेट्रोल महंगा है। चूँकि इस बार राज्य बजट की थीम बचत, राहत और बढ़त रखी गई है तो गहलोत जी से अपेक्षा है की बजट में पेट्रोल, डीज़ल पर वैट घटा दे तो आम जन की बचत भी होगी, आग लगाती पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमतों से राहत भी मिलेगी और आपको चुनावी बढ़त भी मिलेगी। 

वर्तमान में राजस्थान में डीज़ल की कीमत 93.35 से लेकर 97.74 रूपये प्रति लीटर है जबकि पड़ौसी राज्य हरियाणा में 89.47 रूपये प्रति लीटर, दिल्ली में 89.62 रूपये प्रति लीटर, पंजाब में 87.64 रूपये प्रति लीटर, गुजरात में 92.92 रूपये प्रति लीटर तथा मध्य प्रदेश में 89.90 रूपये प्रति लीटर मिल रहा है।  
इसी प्रकार राजस्थान में पेट्रोल 108.46 रूपये प्रति लीटर है जबकि पड़ौसी राज्य हरियाणा में 96.18 रूपये प्रति लीटर, दिल्ली में 96.76 रूपये प्रति लीटर, पंजाब में 96.18 रूपये प्रति लीटर, गुजरात में 96.41 रूपये प्रति लीटर है। सिर्फ मध्य प्रदेश में हमारे बराबर 108.63 रूपये प्रति लीटर मिल रहा है। 

उदयपुर डिस्ट्रिक्ट पेट्रोलियम डीलर्स वेलफेयर सोसायटी के सह सचिव मनोज गोयल ने बताया की पड़ौसी राज्यों में तेल की कम कीमत के चलते कॉमर्शियल व्हीकल राजस्थान के बाहर से पेट्रोल डीज़ल भरवा लेते है जिससे राज्य में तेल की खपत कम हो रही है जिसके फलस्वरूप यहाँ के डीलर्स को नुकसान हो रहा है वहीँ राज्य को मिलने वाले राजस्व में हानि हो रही है।  जबकि पड़ौसी राज्यों से तेल की कालाबाज़ारी भी हो रही है।     

बिजली

इसी प्रकार प्रदेश में वर्तमान में 50 यूनिट बिजली फ्री है इसके पश्चात् 300 यूनिट तक सब्सिडी है। 50 यूनिट फ्री बिजली का दायरा बढ़ा कर जनता को बिजली के बिल से लगने वाले झटके से राहत दी जा सकती है। फ्री यूनिट का दायरा कितना बढ़ेगा या नहीं बढ़ेगा यह तो कल बजट आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन अगर फ्री यूनिट का दायरा बढ़ता है और 300 यूनिट तक सब्सिडी का दायरा भी बढ़ता है तो न सिर्फ आमजन बल्कि उद्योग जगत को भी निश्चित तौर पर राहत मिलेगी।    

रसोई गैस    

वर्तमान में रसोई गैस सिलिंडर 1054 रूपये का है। बीपीएल और उज्ज्वला कनेक्शन धारको को खुद सीएम साहब साल में 12 सिलेंडर 500 रूपये में देने की घोषणा कर चुके है। चुनावी वर्ष के चुनावी बजट में इस घोषणा को अमली जामा पहनाया गया तो निश्चित तौर पर बीपीएल और उज्ज्वला कनेक्शन धारको को बचत और राहत तो मिलेगी ही साथ ही गहलोत जी को बढ़त भी मिलगी। 

बेरोज़गारी

राज्य के दो लाख रजिस्टर्ड बेरोज़गारो का भत्ता भी बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में बेरोज़गार पुरुषो को 4000 रूपये प्रतिमाह तथा महिला बेरोज़गारो को 4500 रूपये प्रतिमाह बेरोज़गार भत्ता मिलता है। हालाँकि बेरोज़गार भत्ता बढ़ने की सम्भावना कम है लेकिन इंटर्नशिप की शर्त हटाने की घोषणा हो सकती है। बेरोज़गरो के लिए नई भर्ती की घोषणा की जा सकती है।