Teacher's Day special - अभिभावक दिवस
बच्चों की ज़िंदगी में माता-पिता के बाद दूसरा महत्वपूर्ण स्थान "शिक्षक" का ही होता है।।
इसीलिए शिक्षक को न करना नाराज़,
यह तुम्हारा कल है और आज।।
परिवार बच्चों को नाम देता है,
और शिक्षक उस नाम को उभारता है।
माँ कलम पकड़ना सिखाती है,
और शिक्षक उसे हस्ताक्षर करना।
पिता बच्चे को चलना सिखाता है और
शिक्षक ज़िंदगी की सही राह दिखाता है।
परिवार एक घर है और शिक्षक उसकी नींव को सही साँचे में ढालता है।
इसीलिए शिक्षक को न करना नाराज़,
यह तुम्हारा कल है और आज।।
बच्चों के साथ बच्चा बन कर,
एक नया व्यक्तितव जो देता है।
और जीवन की परिस्थितियों से,
जो उनको लड़ना सिखाता है।
काँटों सा बन कर बच्चों की राह,
जो फूलों से भर देता है।
वह कोई और नहीं शिक्षक ही है, जो खुद तप कर बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाता है।
इसीलिए शिक्षक को न करना नाराज़,
यह तुम्हारा कल है और आज।।
सूरज की हो तेज़ तपिश,
हो या फिर तूफानी बारिश।
चाहे हो सर्दी का मौसम,
या पतझड़ का हो आलम।
जो अपना काम न भूले,
वो "शिक्षक" कहलाता है।।
इसीलिए शिक्षक को न करना नाराज़,
यह तुम्हारा कल है और आज।।