Koo App ने दिए इतने शानदार फीचर्स, जमकर फायदा उठा रहे हैं यूजर्स
टॉक टू टाइप फीचर
MLK फीचर यानी कई भाषाओं में अनुवाद की सुविधा
हिंदुस्तानियों की एक खूबी है और इसे जानने के लिए एक कहावत भी मशहूर है- हींग लगे ना फिटकरी, रंग चोखा होए। अंग्रेजी में इसे चीप एंड बेस्ट भी कहा जा सकता है। इसके चलते हिंदुस्तान में जुगाड़ खूब चलता है। अब बात करें सोशल मीडिया की तो पिछले डेढ़ दशक में इसके भीतर तमाम बदलाव देखने को मिले हैं और जहां कुछ ने यूजर्स को नए-नए फीचर्स देकर जमकर तरक्की की, तमाम इस दौड़ में गायब भी हो गए। हालांकि, फिर भी सोशल मीडिया के क्षेत्र में कई अनोखे फीचर्स की जरूरत बनी रही और भारत जैसे विविधता में एकता वाले देश में खासतौर पर हर आमजन तक पहुंचने के लिए पहला बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App पेश किया गया। अपने छोटे से ही सफर में सफलता के तमाम कीर्तिमान हासिल कर चुके Koo App ने स्थापना से लेकर अब तक देश के परंपरागत सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर नए यूजर्स के लिए भी एक से बढ़कर एक कई फीचर्स दिए हैं, जिनके बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है।
टॉक टू टाइप फीचर
कू का अनोखा "टॉक टू टाइप" फीचर बेहद शानदार है। यानी कोई भी यूजर अपने विचार अब बिना टाइप किए आसानी से पोस्ट कर सकता है। Koo App में न्यू मैसेज पर क्लिक करने के बाद टेक्स्ट बॉक्स के नीचे एक बोलते हुआ इंसान जैसा बटन बना होता है, जिसे क्लिक करने पर यूजर अपनी बात को मोबाइल पर ज़ोर से बोल सकते हैं और उनके कहे हुए शब्द स्क्रीन पर जादुई रूप से दिखाई देने लगेंगे। यह सब कुछ एक बटन के क्लिक पर और बिना की बोर्ड का इस्तेमाल किए हो जाता है। यह सुविधा उन सभी भारतीय भाषाओं में मौजूद हैं, जिनमें Koo App वर्तमान में उपलब्ध है, यानी 10 भाषाएं। यह फीचर मूल भारतीय भाषा में लोगों के साथ विचार साझा करने का सबसे आसान तरीका माना जाता है।
यहां यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है कि Koo दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जो इस "टॉक टू टाइप" फीचर का इस्तेमाल कर रहा है, वह भी अंग्रेजी के अलावा भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में। यह लाखों Koo यूजर्स के लिए उनकी क्षेत्रीय भाषा में अभिव्यक्ति को सबसे आसान तरीके से सक्षम करेगा। कई यूजर्स जो कीबोर्ड का इस्तेमाल करने में असहज होते हैं, उन्हें इस फीचर के जरिये अपनी बात कहने में सक्षम और सशक्त बनाया जाएगा।
MLK फीचर यानी कई भाषाओं में अनुवाद की सुविधा
दरअसल, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App भारतीयों को अपनी मूल भाषाओं में अभिव्यक्ति और चर्चा का अधिकार देता है, लेकिन किसी भी भाषा में कही गई अच्छी बात और अलग-अलग भाषाई समुदायों के लिए काम की बात को उन तक पहुंचाना भी बहुत जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए Koo App ने MLK यानी Multi-Lingual Koo (बहुभाषी कू) फीचर पेश किया था। अपनी तरह के इस पहले फीचर को चुने जाने पर Koo App हिंदी, मराठी, कन्नड़, तमिल, असमिया, बंगाली, तेलुगु, पंजाबी, गुजराती और अंग्रेजी में से किसी भी एक भाषा में किए गए मैसेज का इन बाकी नौ भाषाओं में तुरंत अनुवाद कर देता है। इस फीचर की एक अद्भुत खासियत यह कि है मूल टेक्स्ट यानी संदेश से जुड़ा संदर्भ और भाव अन्य भाषाओं में भी वैसे ही बना रहता है और रीयल टाइम में कई भाषाओं में ट्रांसलेशन होने के साथ मैसेज चला जाता है। इससे देश भर के लोग अपनी पसंद की भाषा में इस संदेश को देखते हैं और यूजर्स की पहुंच बढ़ जाती है, जिससे कम समय में ही कंटेंट क्रिएटर्स की फॉलोअरशिप बढ़ जाती है। तकनीक-संचालित इस अनुवाद सुविधा को सक्षम करने वाला Koo App, दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है।
लाइव वीडियो
Koo App का लाइव वीडियो फीचर यूजर्स को कहीं भी और कभी भी लाइव वीडियो फीचर के जरिये सीधे अपने फॉलोअर्स से जुड़ने का बेहतरीन मौका देता है। यह शानदार फीचर यूजर्स को अपने दर्शकों तक रूबरू कराने के साथ ही उनसे चर्चा का भी मौका देता है, ताकि आपसी कनेक्टिविटी बढ़ी रहे और एंगेजमेंट भी बढ़ता रहे। लाइव वीडियो फीड के जरिये यूजर्स एक साथ अपने सभी दर्शकों से अपने दिल की बात कह सकते हैं।
एक्सक्लूसिव कू
इस देसी माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप का एक्सक्लूसिव कू फीचर, यूजर्स को अपनी पोस्ट को विशेष रूप से दिखाने का मौका देता है। हालांकि, इस फीचर का इस्तेमाल करते वक्त यूजर्स को इस बात को पुख्ता करना होता है कि उनकी पोस्ट में दी गई जानकारी, फोटो, वीडियो यानी कंटेंट यूनीक हो और इससे पहले किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर ना किया गया हो। इस एक्सक्लूसिव कू के जरिये यूजर्स यह जाहिर कर सकते हैं कि वह जो भी कंटेंट पोस्ट कर रहे हैं, वो ओरिजनल होने के साथ ही किसी भी सोशल मीडिया पर पहली बार पोस्ट किया गया है। इससे यूजर्स के कंटेंट को देखने और पसंद करने वालों की संख्या बढ़ती है, जो उनके फॉलोअर्स को बढ़ाने के भी काम आती है, क्योंकि सोशल मीडिया पर दर्शक अच्छा ओरिजनल और यूनीक कंटेंट काफी पसंद करते हैं।
पर्सनल चैटिंग
Koo App में एक और भी शानदार फीचर दिया गया है जो यूजर्स और उनके फॉलोअर्स के बीच चैटिंग की सुविधा भी देता है। और सबसे अच्छी बात यह है कि यह चैंटिंग सीक्रेट यानी गुप्त होती है। इसके लिए यूजर्स को फॉलोअर्स की ओर से चैट रिक्वेस्ट भेजी जाती है और जब यूजर मैसेज बॉक्स में जाकर इसकी अनुमति दे देता है, तब दोनों के बीच व्यक्तिगत चैटिंग शुरू हो जाती है। अगर यूजर ना चाहे, तो वह किसी अंजान या अन्य फॉलोअर की चैटिंग रिक्वेस्ट को स्वीकार ना करे, और फिर चैटिंग संभव नहीं होगी। इसका फायदा तब होता है जब किसी व्यक्ति को किसी व्यक्ति, पेज, कंपनी, हस्ती या अन्य से कोई निजी बात करनी होती है।
डायरेक्ट ट्रेंडिंग मैसेज
देश के इस अनोखे सोशल मीडिया ऐप की एक अन्य खासियत में इसका डायरेक्ट ट्रेंडिंग मैसेज भी शामिल है। यह फीचर कू पर चल रहे किसी भी हैशटैग ट्रेंड में शामिल होकर इससे संबंधित संदेश भेजने में सक्षम बनाता है। इसके लिए यूजर्स को ऐप में जाकर # यानी टॉप ट्रेंड बटन पर क्लिक करना होता है और वहां नजर आ रहे किसी भी ट्रेंड के आगे प्लस (+) के निशान पर क्लिक करते ही उस ट्रेंड के साथ मैसेज बॉक्स खुल जाता है। बस फिर क्या, यूजर चाहे टाइप करके या बोलकर अपना संदेश लिखे और चाहे अपनी एक भाषा में या बाकी अन्य सभी भाषाओं में बिना अनुवाद की टेंशन लिए, इसे पोस्ट कर दे।
टॉप है टॉपिक
कू का टॉपिक सेक्शन अब तक आए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से बिल्कुल अलग और शानदार है। अगर कहें कि इसका टॉपिक सेक्शन टॉप है, तो कुछ भी गलत नहीं होगा। कू ऐप के होम पेज पर टॉप मिडिल में कू बर्ड के नीचे ही टॉपिक सेक्शन नजर आता है। इसे क्लिक करके पर यूजर्स को सबसे पहले तो टॉप टॉपिक्स नजर आ जाते हैं, जिनके आगे सीधे इन टॉपिक्स को फॉलो करने का विकल्प होता है। दिन के सारे ऐसे टॉपिक्स इसमें दिए होते हैं, जिनपर यूजर्स चर्चा कर रहे होते हैं। इसे नीचे स्क्रॉल करने पर व्यू मोर यानी और देखें का भी ऑप्शन आता है। जबकि इसके बाद नीचे टॉपिक्स की कैटेगरीज दी गई होती हैं, फिर नीचे पीपुल यानी लोग, फिर नीचे ऑर्गनाइजेशंस, फिर स्टेट्स एंड सिटीज और फिर ट्रेंडिंग टॉपिक्स नजर आ जाते हैं। यानी दिन के किस वक्त किन विषयों पर क्या चर्चा हो रही है, यह जानने के लिए टॉपिक्स पूरा मसाला दे देते हैं।
अनोखा लाइक बटन
इस बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की हर पोस्ट के नीचे नजर आने वाला लाइक बटन भी कमाल का दिया गया है। बाकी सोशल मीडिया मंच से अलग यह लाइक बटन ब्लिंक करने वाला यानी थोड़ा सा उभार देता नजर आता है। इस लाइक बटन को ऐसा बनाने के पीछे की वजह कू के जरिये सोशल मीडिया पर पहली बार आने वाले नए यूजर्स को अन्य पोस्ट के लिए एंगेजमेंट बढ़ाने और उसे पसंद करने के लिए इस बटन का इस्तेमाल किया जाए, ये सिखाना है। इस बटन के चलते यूजर्स को ध्यान भी पोस्ट पर जाता है और वह ध्यान से उसे देख पाते हैं, जिससे लाइक भी बढ़ने की संभावना रहती है और एंगेजमेंट बढ़ने की भी।
डार्क थीम
कू ऐप में डार्क थीम का भी फीचर दिया गया है। इसके लिए ऐप में टॉप लेफ्ट पर दी गई प्रोफाइल फोटो को क्लिक करें। इसके बाद टॉप राइट पर दिए गए सेटिंग्स बटन को क्लिक करें। इसमें ऊपर से तीसरा फीचर थीम का है। यहां पर डार्क, लाइट और सिस्टम के रूप में थीम के तीन विकल्प मिलते हैं। डार्क थीम चुने जाने पर ऐप का बैकग्राउंड ब्लैक हो जाता है और टेक्स्ट वाइट। इससे यूजर्स को पोस्ट्स पर फोकस बढ़ जाता है और यह आंखों के लिए भी थोड़ा रिलैक्सिंग होता है। इसकी एक अन्य बड़ी खूबी यह भी है कि डार्क थीम का इस्तेमाल करने से फोन की बैटरी की खपत भी कम होती है, क्योंकि स्क्रीन का ज्यादातर हिस्सा ब्लैक ही रहता है और इसमें लाइट की जरूरत नहीं होती।
चैट रूम
इस देसी ऐप में यूजर्स को एक चैट रूम का भी ऑप्शन दिया गया है। यह विकल्प होम पेज यानी कू ऐप के होम पर नीचे स्क्रॉल करते वक्त नजर आता है। चैट रूम का ऑप्शन चुने जाने के बाद यूजर्स के सामने हॉट टॉपिक्स आ जाते हैं, जिन पर क्लिक करके यूजर्स उस विशेष टॉपिक से जुड़े विषय पर चर्चा कर रहे अन्य यूजर्स के साथ सीधे चर्चा में जुड़ जाता है। इसका फायदा यह होता है कि यूजर को मनपसंद विषय पर उससे संबंधित फोरम में जुटे अन्य लोगों के बीच अपनी बात कहने का मौका मिल जाता है।
कू के बारे में
Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूप में Koo App भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन मुखर बनाने में सक्षम बनाता है।
भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से बात कहने के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जिससे यूजर्स की पहुंच बढ़ती है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ होती है। प्लेटफॉर्म ने हाल ही में 2 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर पार किया है और अगले एक साल में 10 करोड़ डाउनलोड तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।