नए वित्तीय वर्ष में कल से होंगे बड़े बदलाव, टोल टैक्स बढ़ेगा, पैन को आधार से लिंक होगा ज़रूरी
आज पैन को आधार से लिंक करवाने की एवं वर्ष 2020-21 की ITR फाइल करने की आखिरी तारीख
एक अप्रैल यानी कल से वित्त वर्ष 2022-23 शुरू होने वाला है। कल से कई नियम भी बदल जाएंगे। इनका असर कमाई, खर्च और निवेश पर पड़ेगा। आइए जानते हैं उन बड़े बदलावों के बारे में जिनका जानना बेहद ज़रूरी है। नए वित्तीय वर्ष में पैन को आधार से लिंक करवाना ज़रूरी होगा। कल के बाद 30 जून 2022 तक 500 रूपये पेनल्टी और उसके बाद 1000 रूपये पेनल्टी देनी होगी। 31 मार्च 2023 के बाद पैन के आधार से लिंक न होने पर पैन कार्ड निष्क्रिय हो सकता है।
GST
20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य ई-इनवॉइसिंग के दायरे में आएंगे। हर बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजैक्शन के लिए ई-इनवॉइस जारी होगा। इसके न होने पर ट्रांसपोर्ट के दौरान माल जब्त किया जा सकता है। साथ ही, खरीदार को मिलने वाला इनपुट टैक्स क्रेडिट भी खतरे में पड़ जाएगा।
प्रॉविडेंट फंड (PF)
जिन कर्मचारियों ने प्रोविडेंट फंड अकाउंट में ढाई लाख रुपए से ज्यादा जमा है, उन्हें ब्याज पर इनकम टैक्स देना होगा। टैक्स कैलकुलेशन के लिए राशि को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। एक में छूट वाला योगदान, तो दूसरे में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का योगदान रहेगा, जो टैक्सेबल होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए रहेगी।
सफर होगा महंगा
नेशनल हाईवे पर सफर करना महंगा होने वाला है। आज यानी गुरुवार रात 12 बजे से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल टैक्स में 10 से 65 रुपए तक की बढ़ोतरी की है। छोटे वाहनों के लिए 10 से 15 रुपए जबकि कामर्शियल वाहनों के लिए 65 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है। जबकि नए वित्तीय वर्ष में हेल्थकेयर भी महंगा हो जाएगा। करीब 800 लाइफ सेविंग ड्रग्स के दाम 10% तक बढ़ेंगे, जिससे इलाज के खर्च में बढ़ोतरी होगी।
इसके अतिरिक्त अगर आपने पहली बार किफायती घर खरीदा है, तो चुकाए गए ब्याज पर धारा 80 EEA के तहत 1.5 लाख की अतिरिक्त कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। घर की कीमत 45 लाख से कम है, तो अब तक ब्याज भुगतान में डेढ़ लाख तक की कटौती का दावा कर सकते थे। यह कटौती या छूट धारा 24 B के तहत मिल रही 2 लाख रुपए की छूट के अलावा थी। यह लाभ उन्हीं टैक्सपेयर्स के लिए था, जिन्होंने घर खरीदने के लिए 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच कर्ज लिया हो।
वर्चुअल करंसी पर भी 1 अप्रैल से कर संबंधी स्पष्ट नियम लागू होंगे। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगेगा। किसी व्यक्ति को क्रिप्टो करंसी बेचने पर फायदा होता है, तो उसे टैक्स देना होगा। बिक्री पर 1 जुलाई से 1% टीडीएस भी काटा जाएगा। राज्य कर्मचारी अपने एम्प्लॉयर के एनपीएस योगदान पर ज्यादा कटौती का दावा कर सकेंगे। दो साल बाद तक अपडेटेड आयकर रिटर्न भर सकेंगे।
75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को रिटर्न भरने से छूट मिलेगी जबकि कोरोना के इलाज के लिए मिली 10 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स नहीं लगेगा। म्यूचुअल फंड में निवेश सिर्फ यूपीआई या नेटबैंकिंग के जरिए ही हो सकेगा।
हर कंपनी को अकाउंट सॉफ्टवेयर में ऑडिट ट्रेल फीचर जुड़वाना होगा। ऑडिट ट्रेल का उद्देश्य कंपनी के लेन-देन में एंट्री के बाद किए जाने वाले परिवर्तन का रिकाॅर्ड रखना होता है। मांगे जाने पर ऑडिट ट्रेल उपलब्ध कराना होगा।