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हिंदुस्तान जिंक के इनोवेटिव सौलर प्लांट को सीआईआई का ‘बेस्ट एप्लीकेशन एण्ड यूसेज ऑफ़ रिन्यूएबल एनर्जी अवार्ड

रामपुरा अगुचा खान के 22 मेगावाट सौलर प्लांट ने सीआईआई के नेश्नल एनर्जी एफिशिएंसी सर्कल काॅम्पीटीशन के 5वें एडिशन में जीता पुरस्कार 

 

गोल्ड स्टैंडर्ड के इस सोलर प्लांट ने वित्त वर्ष 2021 45,528 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी का योगदान दिया

‘सस्टेनेबल भविष्य के लिए नवाचार‘ के अपने सिद्धांत को प्रमाणित करते हुए, हिंदुस्तान जिंक की रामपुरा अगुचा खान ने नेश्नल एनर्जी एफिशिएंसी सर्कल काॅम्पीटीशन के 5वें एडिशन में ‘बेस्ट एप्लीकेशन एण्ड यूसेज ऑफ़ रिन्यूएबल एनर्जी अवार्ड जीता है। रामपुरा आगुचा खान द्वारा वेस्ट टू वेल्थ की अनूठी पहल के तहत् वेस्ट यार्ड पर बने सौलर प्लांट ने यह पुरस्कार अपने नाम किया। इनोवेटिव डिजाइन में वेस्ट डंप यार्ड पर बने इस सौलर प्लांट में वेस्ट लेंड के उपयोग, अक्षय ऊर्जा स्रोत के माध्यम से एनवायरंमेंट फुट प्रिंट को कम करने और 45,000 टन से अधिक ग्रीन हाउस गैस कार्बन उत्सर्जन की वार्षिक बचत के तीहरे लाभ के साथ है। 

इस उपलब्धि पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, बेहतर और हरित भविष्य के लिये हमनें सदैव नवाचार प्रयोग करने के लिये अपने लोगो को सशक्त बनाया है। सस्टेनेबल समाधान के लिये यह सौलर प्लांट इनोवेटिव विचारों और सही तकनीक  का सटीक उदाहरण है। इस सौलर प्लांट के माध्यम से वित्त वर्ष 2021 में 45,528 टन की कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ, हम 2025 तक सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट लक्ष्य के 0.5 मिलियन टन के कार्बन उत्सर्जन को कम करने की ओर अग्रसर है। मुझे अपनी अगुचा टीम के प्रयासों और उपलब्धि पर गर्व है।

इसकी भार वहन क्षमता और ऊंचाई के कारण वेस्ट यार्ड पर वृक्षारोपण या किसी भी बडे ढांचे का निर्माण हिन्दुस्तान जिंक के इंजीनियर प्रफुल कुमार पटेल, विनोथ जरोली, राजेश चौधरी और उपेंद्र तोतामल्ला की टीम के लिये चुनौती थी जिसके लिये उन्होंने नवाचार किया। उन्होंने इस बंजर भूमि का उपयोग करने के लिए एक योजना बनायी और स्वदेशी रूप से 22 मेगावाट का सौलर प्लांट स्थापित किया। ग्राउंड माउंटेड गोल्ड स्टैंडर्ड  सोलर प्लांट ने वित्त वर्ष 21 में 48,083 हरित ऊर्जा उत्पन्न की, जो रामपुरा आगुचा की ऊर्जा आवश्यकता में 40 प्रतिशत का योगदान देता है और 45,528 कार्बन उत्सर्जन की कमी करता है।

हिंदुस्तान जिंक कैप्टिव उपयोग के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने पर सक्रिय रूप से कार्यरत है और राजस्थान में संचालित इकाइयों में  लगभग 40 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाओं का निवेश है। वित्त वर्ष 2021 में, कंपनी ने 83,420 मेगावाट अक्षय सौर ऊर्जा का उत्पादन करते हुए हरित ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से 5,51,695 मीट्रिक टन कार्बन को कम किया है। यह हरित ऊर्जा जिम्मेदार खनन के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता और शून्य क्षति, शून्य अपशिष्ट, शून्य निर्वहन के सिद्धांत की दिशा में संचालन के बड़े उद्देश्य का हिस्सा है।

इसके साथ ही कंपनी को विश्व स्तर पर डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहले स्थान पर और धातु और खनन क्षेत्र में विश्व स्तर पर सातवें स्थान प्राप्त है। सीओपी26 बिजनेस लीडर के रूप में, कंपनी ने जलवायु परिवर्तन सरंक्षण के लिए सक्रिय रूप से भाग लिया। हिन्दुस्तान जिंक विश्व स्तर पर दो खनन कंपनियों में से एक है और प्रतिष्ठित सीडीपी ए लिस्ट 2020 का हिस्सा बनने वाली केवल चार भारतीय कंपनियों में से एक है।