शादियों पर कोरोना का ग्रहण, करना पड़ सकता है लम्बा इंतजार, अभी मुहूर्त नहीं
उदयपुर। कोरोना माहमारी और लॉक डाउन के चलते जिले भर में मई के मुहूर्त में होने वाली शादियों पर कोरोना संकट खड़ा हो गया है। इससे पूर्व अप्रेल तक यह वे परिवार, जिनके घरों में शादियां हैं यह अंदेशा जता रहे थे कि अगर मई तक सब सही रहा तो मई में शादियां तमाम रीति रिवाज के साथ धूमधाम से हो सकेंगी, लेकिन लॉक डाउन 3 के बाद स्थिति स्पष्ट हो चुकी है कि मई अंत तक भी शादियां बड़े स्तर पर नहीं करवा सकेंगे, ऐसे में परिवार जनों में शादियों के टलने और आगामी मुहूर्त को लेकर कुछ भी समझ पाना मुश्किल हो गया है।
एम स्क्वायर प्रोडक्शन एण्ड इवेन्ट कं. के सीईओ मुकेश माधवानी ने बताया कि इससे पूर्व अबूझ मुहूर्त में से एक अक्षय तृतीया पर ही कई शादियों का अनुमान था, लेकिन बढ़ने चलते लोगों ने टेंट, गार्डन, हलवाई आदि की बुकिंग फिलहाल के लिए रद्द कर दी है, क्योंकि मई में विवाह के कोई योग बनते नजर नहीं आ रहे हैं और जून की शुरुआत में भी पंडितों के अनुसार कोई योग नहीं बैठ रहा है।
धूमधाम से शादी के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार
पंडित सत्यनारायण चौबीसा. के अनुसार जून में विवाह के मुहूर्त अंतिम सप्ताह में हैं, लेकिन कोरोना के चलते विवाह के लिए अब युवक-युवतियों को आठ माह का लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार मई, जून में कुछ मुहूर्त हैं। इसके बाद एक जुलाई से चातुर्मास लगने के कारण चार माह तक विवाह नहीं होंगे। इसके बाद नवंबर और दिसंबर में विवाह के नौ मुहूर्त हैं। ऐसे में वे परिवार जो धूमधाम से रिश्तेदारों को बुलाकर शादी का सपना देख रहे थे, कोरोना ने उस पर पानी फेर दिया है। हालांकि इन परिवारों का यह भी कहना है कि नियम पालन की जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी है। वहीं, कपल्स भी जिस दिन का इंतजार कर रहे थे उस पर कोरोना का ग्रहण ऐसा लगा है कि अब थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। अंकित और अनिता का कहना है कि हम कहाँ बाहर हनीमून जाएंगे, ऐसे प्लान कर रहे थे लेकिन कोरोना के चलते घूमने के लिए तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पड़ी मार, करोड़ो के नुकसान का अनुमान
राजस्थान इलेक्ट्रोनिक ट्रेड एसोसिएशन के उदयपुर डिविजन के सलाहकार रमेश शाह ने बताया कि उदयपुर संभाग में इलेक्ट्रोनिक कारोबार में शादियां नहीं होने के कारण करीब 10 करोड़ का नुकसान हुआ है। कोरोना माहमारी के चलते छोटे दुकानदारों, ठेले वालों सहित बड़ी मार तो पड़ी ही है लेकिन शादी से जुड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी बड़ी मार पड़ी है, क्योंकि यह ऐसे प्रतिष्ठान है जिनका व्यापार सिर्फ शादियों के सीजन में चलता है, ऐसे में इस बार शादियां टलने से उदयपुर शहर में करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें ज्योतिष, मजदूर से लेकर टेंट, केटरिंग, किराना, गार्डन, होटल, ट्रेवल्स व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मुकेश माधवानी ने बताया कि शादी सीजन एक ऐसा सीजन होता है जो सभी व्यापारों को प्रभावित करता है ऐसे में इस सत्र तो हमारे सूखा ही गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल देखा जाए तो अगले 2 महीने तक तो कोई बुकिंग नहीं है, अगर हालात ऐसे ही रहे तो यह साल ऐसे ही गुजर सकता है।
जिनकी बुकिंग रद्द हुई, उन्हें पहले मिले अगली बुकिंग
गार्डन संचालक ने बताया कि शहर भर में छोटे-बड़े 300 गार्डन हैं। हर गार्डन की दस बुकिंग रहती है। इस बार अप्रैल-मई की सभी बुकिंग लोगों ने रद्द कर दी है। जून में लोग शादी करने से बच रहे हैं। अगर लॉकडाउन हटता भी है तो लोगों को खरीदारी का समय नहीं मिलेगा। जून में बारिश के चलते लोग विवाह करने से बचते हैं। जिन लोगों की बुकिंग कोरोना के कारण निरस्त हुई, उनकी अगली बुकिंग पहले की जाएगी। एक शादी से 200 लोगों को रोजगार मिलता है।
दो माह में 12 हजार मांगलिक आयोजन रद्द
उदयपुर होटल एसोसिएशन के पूर्वाध्यक्ष मनीष गलुण्डिया ने बताया कि कोरोना के चलते दो माह में शहर में सैकड़ो मांगलिक आयोजन निरस्त हो चुके हैं। इससे होटल और गार्डन संचालकों को बड़ा नुकसान होगा। साथ ही अगले महीनों में सार्वजनिक आयोजन की गुंजाइश कम नजर आ रही है, क्योंकि लोग परिवार में ही आयोजन करने की मंशा भी जता रहे हैं।
विवाह के लिए अब उपयुक्त नवंबर-दिसंबर के नौ मुहूर्त
- मईः 4, 5, 6, 10, 11, 17, 18, 19 सहित आठ दिन।
- जूनः 25, 27, 28, 29, 30 सहित पांच दिन।
- नवंबर‘ 25, 26, 30 सहित तीन दिन।
- दिसंबरः 1, 2, 7, 8, 9, 11 सहित कुल छह दिन।
तारीख आगे नहीं बढ़ाना चाहते तो सादगी भरी करे शादी
लॉक डाउन के चलते जो परिवार मुहूर्त आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं वे 10 लोगों की मौजूदगी में शादी करवा सकते हैं, लेकिन इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सहित सभी नियमों की पालना करनी होगी। शहर में पिछले दिनों लॉकडाउन के बीच कुछ .परिवार ने अपने बेटी का विवाह सिर्फ दस लोगों की मौजूदगी में कर दिया। इस मौके पर सभी ने मुहं पर मास्क लगा रखा था और साढ़े तीन घंटे चले विवाह संस्कार के दौरान बार-बार हाथ सैनिटाइज किए जा रहे थे। स्वजन का कहना था कि करीब ढाई महीने पहले जब विवाह समारोह की तारीख तय की थी तो सोचा था कि नाते-रिश्तेदार और स्नेहीजन को बुलाएंगे। सभी को मिलाकर आंकड़ा ढाई हजार के पार होगा, लेकिन कोरोना के चलते लागू हुए लॉकडाउन का पालन कर सादगी से विवाह करने का निर्णय लिया गया।