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ईद के अवसर पर पर भी मंदी रही है बकरों की खरीद फरोख्त

कोरोना काल के बाद लोगों की आर्थिक स्थिती में आए बदलाव एक कारण

 

उदयपुर 8 जुलाई 2022 । कल शहर में बोहरा समुदाय तो परसो मुस्लिम समुदाय ईद उल अज़हा का त्यौहार मनाएगा। ईद उल अज़हा पर क़ुरबानी के लिए बकरो की खरीद फरोख्त का बाजार गर्म रहता है।  

कोरोना काल के बाद लोगों की आर्थिक स्थिती में आए बदलाव के बाद पिछले दो साल से उदयपुर में ईद उल अजहा (बकरा ईद) के मौके पर कुर्बानी के लिए बकरों की खरीद-फरोख्त में काफी तब्दीली आई है, गरीब और मध्यम वर्ग तबके के लोगो ने बकरे की खरीद-फरोख्त कम कर दी है। लेकिन हैसियत मंद लोग अभी भी कुर्बानी करने के लिए बकरों की खरीद में लगे हुए हैं।

लेकिन इस बार त्योहार से पहले उदयपुर में हुई बड़ी घटना के बाद इस वर्ष उदयपुर प्रशासन द्वारा उदयपुर में हर साल हाथीपोल इलाके में लगने वाली बकरा मंडी लगाने की स्वीकृति नहीं दी गई है। इसी के चलते बकरा मालिक या तो दूसरी जगहों पर बकरा बेच रहे हैं या फिर, शहर से बाहर जाकर बकरा बेचने का काम चल रहा है।

उदयपुर के बकरा व्यवसायी नूर मोहम्मद ने बकरे की बिक्री में आई कमी के बारे में बताते हुए कहा कि बकरे की बिक्री इसलिए कम हुए हैं क्योंकि लोग आसपास के गांव से बकरे ला रहे हैं। चूँकि इस बार उदयपुर में बकरा मंडी नहीं लगी है। यही नहीं कोरोना काल में भी लगातार 2 साल तक बकरा मंडी नहीं लग पाई थी जिसकी वजह से पिछले दो साल से भी बकरों की बिक्री में कमी रही थी।

नूर मोहम्मद ने बताया कि लोग बाग आस-पास के गांव कपासन, चित्तौड़ और मंगलवाड़ से बकरा ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों के मुकाबले इस साल उनके द्वारा लाए गए करीब सभी बकरे बिक चुके हैं, और पिछले साल 300 से ज्यादा बकरे उन्होंने बेचे थे।